सोमवार, 4 सितंबर 2017

बाड़मेर, लाभार्थियांे की सूची ग्राम पंचायत मुख्यालयांे पर चस्पा करने के निर्देश -जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता को मिलेगी चार्जशीट



बाड़मेर, लाभार्थियांे की सूची ग्राम पंचायत मुख्यालयांे पर चस्पा करने के निर्देश

-जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता को मिलेगी चार्जशीट

बाड़मेर, 04 सितंबर। पंडित दीनदयाल उपाध्याय विद्युतीकरण योजना के लाभार्थियांे की सूची आगामी एक सप्ताह मंे ग्राम पंचायत मुख्यालयांे पर आवश्यक रूप से चस्पा की जाए। ताकि कोई भी ग्रामीण विद्युत कनेक्शन लेने से वंचित नहीं रहे। जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने सोमवार को जिला मुख्यालय पर बिजली, पानी संबंधित साप्ताहिक समीक्षा बैठक के दौरान डिस्काम के अधिकारियांे को इस संबंध मंे निर्देश जारी किए।

जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने जिला मुख्यालय पर गौरव पथ का कार्य प्राथमिकता से पूर्ण कराने के निर्देश दिए। उन्हांेने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता जी.आर.जीनगर को कार्य मंे लापरवाही बरतने वाले अधिकारियांे को चार्जशीट देने के निर्देश दिए। उन्हांेने कहा कि आगामी बैठक मंे गौरव पथ की समुचित कार्य योजना निर्धारित कर प्रस्तुत करें। जिला कलक्टर नकाते ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियांे को मौसमी बीमारियांे की रोकथाम के समुचित इंतजाम करने के निर्देश दिए। उन्हांेने मुख्यमंत्री राजश्री योजना की नियमित मोनेटरिंग करने के साथ लाभार्थियांे को समय पर किश्त का भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्हांेने डिस्काम के अधिकारियांे को बालोतरा औद्योगिक क्षेत्र समेत अन्य इलाकांे मंे विद्युत चोरी रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई करने को कहा। इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.कमलेश चौधरी ने बताया कि सेड़वा चिकित्सालय मंे चिकित्सक ने पदभार ग्रहण कर लिया है। बैठक के दौरान जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता को बैठक के दौरान सही सूचनाएं नहीं देने, आरओ प्लांट लगाने के लिए सोर्स नहीं उपलब्ध करवाने तथा अन्य मामलांे मंे लापरवाही बरतने के कारण चार्जशीट देने के निर्देश दिए। इसी तरह रूडिप के अधिकारियांे को फ्लो टेस्ट करवाने के निर्देश दिए गए। जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने विभिन्न योजनाआंे की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि संबंधित विभागीय अधिकारी निर्धारित मुख्यालय पर रहने के साथ नियमित रूप से भ्रमण कर आमजन की समस्याआंे का प्राथमिकता से समाधान करें। बैठक के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.कमलेश चौधरी, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डा.बी.एल. मंसूरिया, डिस्काम के अधीक्षण अभियंता मांगीलाल जाट, रूडिप के अधिशाषी अभियंता बंशीधर पुरोहित, अधिशाषी अभियंता लिच्छुराम, हजारीराम समेत विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

पूर्णिमा श्राद्ध कल- मुहूर्त के साथ जानें पितरों को प्रसन्न करने की विधि

पूर्णिमा श्राद्ध कल- मुहूर्त के साथ जानें पितरों को प्रसन्न करने की विधि

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com
भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म में पितृ ऋण से मुक्त होने के लिए अपने माता-पिता व परिवार के मृतकों के निमित श्राद्ध करने की अनिवार्यता प्रतिपादित की गई है। श्राद्ध कर्म को पितृकर्म भी कहा गया है व पितृकर्म से तात्पर्य पितृ पूजा भी है। शास्त्रानुसार पितृ अत्यंत दयालु तथा कृपालु होते हैं, वह अपने पुत्र-पौत्रों से पिण्डदान व तर्पण की आकांक्षा रखते हैं। श्राद्ध तर्पण से पितृ को बहुत प्रसन्नता एवं संतुष्टि मिलती है। पितृगण प्रसन्न होकर दीर्घ आयु, संतान सुख, धन-धान्य, विद्या, राजसुख, यश-कीर्ति, पुष्टि, शक्ति, स्वर्ग एवं मोक्ष तक प्रदान करते हैं।


पूर्णिमा श्राद्ध कल- मुहूर्त के साथ जानें पितरों को प्रसन्न करने की विधि

हर वर्ष भाद्रपद पूर्णिमा तिथि से आश्विन अमावस्या तिथि तक 16 दिन श्राद्धकर्म किए जाते हैं। वर्ष 2017 में श्राद्धपक्ष का प्रारंभ मंगलवार दि॰ 05.09.17 को पूर्णिमा श्राद्ध से हो रहा है। दि॰ 05.09.17 को दिन में 12:41 से पूर्णिमा प्रारंभ होगी। शास्त्रों में श्राद्ध को दोपहर में करने का विधान है व इसके लिए तीन मुहूर्त बताए गए हैं। पहला कुतुप महूर्त, दूसरा रौहिण महूर्त व तीसरा अपराह्न काल। अतः पूर्णिमा का श्राद्ध कुतुप मुहूर्त दिन 11:54 से दिन 12:44 तक रहेगा। रौहिण मुहूर्त दिन 12:44 से दिन 13:34 तक रहेगा तथा अपराह्न काल दिन 13:34 से शाम 16:04 तक रहेगा। शास्त्रों ने कुतुप को सर्वोत्तम, रौहिण को श्रेष्ठ व अपराह्न को साध्य बताया है।




पूर्णिमा श्राद्ध विधि: गाय के दूध में पकाए हुए चावल में शक्कर, इलायची, केसर व शहद मिलाकर खीर बनाएं। गाय के गोबर के कंडे को जलाकर पूर्ण प्रज्वलित करें। प्रज्वलित कंडे को किसी बर्तन में रखकर दक्षिणमुखी होकर खीर से तीन आहुति दें। सर्वप्रथम गाय, काले कुत्ते व कौए हेतु ग्रास अलग से निकालकर उन्हे खिलाएं, इनको ग्रास डालते हुए याद रखें कि आप का मुख दक्षिण दिशा की तरफ ही साथ ही जनेऊ (यज्ञोपवित) सव्य (बाई तरह यानि दाहिने कंधे से लेकर बाई तरफ होना चाहिए।। इसके पश्चात ब्राह्मण को भोजन कराएंं फिर स्वयं भोजन ग्रहण करें। पश्चात ब्राह्मणों को यथायोग्य दक्षिणा दें।

लोक-परलोक संवारने के लिए करें श्री घुश्मेश्वर महादेव यात्रा

लोक-परलोक संवारने के लिए करें श्री घुश्मेश्वर महादेव यात्रा


भगवान शिव के बारह ज्योर्तिलिंग देश के अलग-अलग भागों में स्थित हैं। इन्हें द्वादश ज्योर्तिलिंग के नाम से जाना जाता है। इन ज्योर्तिलिंग के दर्शन, पूजन, आराधना से भक्तों के जन्म-जन्मांतर के सारे पाप समाप्त हो जाते हैं। वे भगवान शिव की कृपा के पात्र बनते हैं। ऐसे कल्याणकारी ज्योर्तिलिंगों में श्री घुश्मेश्वर ज्योर्तिलिंग एक प्रमुख ज्योर्तिलिंग माना जाता है। द्वादश ज्योर्तिलिंगों में यह अंतिम ज्योर्तिलिंग है। इसे घुश्मेश्वर, घुसृणेश्वर या घृष्णेश्वर भी कहा जाता है। यह महाराष्ट्र प्रदेश में दौलताबाद से बारह मील दूर वेरुल गांव के पास स्थित है।


लोक-परलोक संवारने के लिए करें श्री घुश्मेश्वर महादेव यात्रा

श्री घुश्मेश्वर ज्योर्तिलिंग के विषय में पुराणों में यह कथा वर्णित है- दक्षिण देश में देवगिरि पर्वत के निकट सुधर्मा नामक एक अत्यंत तेजस्वी तपोनिष्ठ ब्राह्मण रहता था। उसकी पत्नी का नाम सुदेहा था। दोनों में परस्पर बहुत प्रेम था। किसी प्रकार का कोई कष्ट उन्हें नहीं था लेकिन उन्हें कोई संतान नहीं थी। ज्योतिष-गणना से पता चला कि सुदेहा के गर्भ से संतानोत्पत्ति हो ही नहीं सकती। सुदेहा संतान की बहुत ही इच्छुक थी। उसने सुधर्मा से अपनी छोटी बहन से दूसरा विवाह करने का आग्रह किया। पहले तो सुधर्मा को यह बात नहीं जंची लेकिन अंत में उन्हें पत्नी की जिद के आगे झुकना ही पड़ा। वे उसका आग्रह टाल नहीं पाए। वे अपनी पत्नी की छोटी बहन घुश्मा को ब्याह कर घर ले आए। घुश्मा अत्यंत विनीत और सदाचारिणी स्त्री थी। वह भगवान शिव की अनन्य भक्त थी। प्रतिदिन एक सौ एक पार्थिव शिवलिंग बनाकर हृदय की सच्ची निष्ठा के साथ उनका पूजन करती थी।




भगवान शिव जी की कृपा से थोड़े ही दिन बाद उसके गर्भ से अत्यंत सुन्दर और स्वस्थ बालक ने जन्म लिया। बच्चे के जन्म से सुदेहा और घुश्मा दोनों की ही आनंद की सीमा न रही। दोनों के दिन बड़े आराम से बीत रहे थे लेकिन न जाने कैसे थोड़े ही दिनों बाद सुदेहा के मन में एक कुविचार ने जन्म ले लिया। वह सोचने लगी, मेरा तो इस घर में कुछ है नहीं। सब कुछ घुश्मा का है।




अब तक सुदेहा के मन का कुविचार रूपी अंकुर एक विशाल वृक्ष का रूप ले चुका था। मेरे पति पर भी उसने अधिकार जमा लिया। संतान भी उसी की है। यह कुविचार धीरे-धीरे उसके मन में बढऩे लगा। इधर घुश्मा का वह बालक भी बड़ा हो रहा था। धीरे-धीरे वह जवान हो गया। उसका विवाह भी हो गया। अंतत: एक दिन उसने घुश्मा के युवा पुत्र को रात में सोते समय मार डाला और उसके शव को ले जाकर उसी तालाब में फैंक दिया जिसमें घुश्मा प्रतिदिन पार्थिव शिवलिंगों को फैंका करती थी।




सुबह होते ही सबको इस बात का पता लगा। पूरे घर में कोहराम मच गया। सुधर्मा और उसकी पुत्रवधू दोनों फूट-फूटकर रोने लगे लेकिन घुश्मा नित्य की भांति भगवान शिव की आराधना में तल्लीन रही। जैसे कुछ हुआ ही न हो। पूजा समाप्त करने के बाद वह पार्थिव शिवलिंगों को तालाब में छोडऩे के लिए चल पड़ी। जब वह तालाब से लौटने लगी उसी समय उसका प्यारा लाल तालाब के भीतर से निकलकर आता हुआ दिखाई पड़ा।




वह सदा की भांति आकर घुश्मा के चरणों पर गिर पड़ा। जैसे कहीं आस-पास से ही घूमकर आ रहा हो। इसी समय भगवान शिव भी वहां प्रकट होकर घुश्मा से वर मांगने को कहने लगे। वह सुदेहा की घिनौनी करतूत से अत्यंत क्रुद्ध हो उठे थे। अपने त्रिशूल द्वारा उसका गला काटने को उद्यत दिखाई दे रहे थे। घुश्मा ने हाथ जोड़कर भगवान शिव से कहा, ‘प्रभो! यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं तो मेरी उस अभागिन बहन को क्षमा कर दें। निश्चित ही उसने अत्यंत जघन्य पाप किया है किन्तु आपकी दया से मुझे मेरा पुत्र वापस मिल गया। अब आप उसे क्षमा करें और प्रभो! मेरी एक प्रार्थना और है, लोक-कल्याण के लिए आप इस स्थान पर सर्वदा के लिए निवास करें।’




भगवान शिव ने उसकी ये दोनों प्रार्थनाएं स्वीकार कर लीं। ज्योर्तिलिंग के रूप में प्रकट होकर वह वहीं निवास करने लगे। सती शिवभक्त घुश्मा के आराध्य होने के कारण वे यहां घुश्मेश्वर महादेव के नाम से विख्यात हुए। घुश्मेश्वर ज्योर्तिलिंग की महिमा पुराणों में बहुत विस्तार से वर्णित की गई है। इनका दर्शन लोक-परलोक दोनों के लिए अमोघ फलदायी है।

रविवार, 3 सितंबर 2017

शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह आज से पांच दिवसीय दौरे पर



शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह आज से पांच दिवसीय दौरे पर
शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह सोमवार से क्षैत्र के गई गावों का दौरा कर शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताओं के उदघाटन एवं समापन्न समारोह में भाग लेगें साथ ही कई सामाजिक कार्यक्रमांे एवं जन सुनवाई करेंगें ।

शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह के निजी सचिव रामसिंह ने बताया है कि शिव विधायक सोमवार को प्रात 11 बजे नागड़दा में 62वी जिला स्तरीय 19 वर्ष (छात्र) खेलकूद प्रतियोगिता के समापन्न समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेगें उसके बाद क्षैत्र में कई सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेगें ।

इसी प्रकार विधायक पांच सितम्बर को प्रात 11 बजे राउमावि राणीगांव में 62 वीं जिला स्तरीय बास्कंेबांल (छात्र) एवं तीरंदाजी(छात्र/छात्रा) 17 एवं 19 वर्षीय खेलकूद प्रतियोगिता के उदघाटन कार्यक्रम में बतोैर मुख्य अतिथि के रूप में सिरकत करेगें । उसके बाद क्षैत्र में कई सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेगें । इसी प्रकार विधायक छः सित0 को जिला में विभिन्न गांवों का दौर कर कई सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेगें ।

इसी प्रकार विधायक सात सितम्बर को प्रात 11 बजे राउप्रावि गेंहूॅ में बाड़मेर पंचायत समिति के प्रधानाध्यापक वाकपीठ मे बतौर मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेगंे उसके बाद कई सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेगें ।

इसी प्रकार विधायक आठ सित0 को प्रात‘ 11 बजे राउप्रावि मूलाणी मेघवालों की ढाणी में विधायल के भवन के लोकापर्ण कार्यक्रम में बतौर अध्यक्षता के रूप में शिरकत करेगें उक्त कार्यक्रम में राज्य के शिक्षा मंत्री श्री वासुदेव देवानीन बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेगें उसके बाद 1 बजे बोथिया गांव में पौधारोपण कार्यक्रम में भाग लेकर एक आम सभा को सम्बोधित करेगें ।

बाड़मेर 8 को होगा श्री नारायणी सेना का संभाग स्तिरीय आयोजन



बाड़मेर 8 को होगा श्री नारायणी सेना का संभाग स्तिरीय आयोजन
श्री नारायणी सेना संगठन जोधपुर बाड़मेर द्वारा आज सेन समाज सामुदायिक भवन रातानाडा पर प्रथम मीटिंग आयोजित की गई। मीटिंग में कई पदाधिकारी व कार्यकर्ताओ ने भाग लिया। साथ ही आगे के आयोजन की रुपरेखा तैयार की, उसके बाद सभी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता श्री सैनाचार्य स्वामी अचलानन्दगिरी जी महाराज के सानिध्य मे 8 सितम्बर को होने वाले आयोजन के पोस्टर का विमोचन किया गया। सैनाचार्य जी ने संदेश दिया कि मैं सदैव युवा साथियों के साथ हूं, और सभी को एकता का परिचय देने का संकल्प दिलवाया। इस दौरान नारायणी सेना के प्रदेश सचिव मदन भाटी, बाड़मेर जिलाध्यक्ष प्रकाश सैन सरवड़ी, बाड़मेर जिला उपाध्यक्ष गणपत सैन, जोधपुर जिलाध्यक्ष अविनाश सैन, जोधपुर जिला उपाध्यक्ष भीम सैन जास्ती व अन्य कई पदाधिकारी व कार्यकर्तागण मौजूद रहे।