बाड़मेर महिला दिवस पर होगा कई कार्यक्रमांे का आयोजनबाड़मेर, 06 मार्च। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन महिला अधिकारिता विभाग की ओर से भगवान महावीर टाउन हाल मंे प्रातः 10 बजे से किया जाएगा।अधिकारिता विभाग के कार्यक्रम अधिकारी प्रहलादसिंह राजपुरोहित ने बताया कि इस कार्यक्रम मंे जिला प्रमुख श्रीमती प्रियंका मेघवाल, जिला कलक्टर सुधीर शर्मा, यूआईटी चैयरमैन डा.प्रियंका चौधरी, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक डा.गुंजन सोनी अतिथि के रूप मंे उपस्थित रहेंगे। उन्हांेने बताया कि इस दौरान महिलाआंे एवं बालिकाआंे से संबंधित विभिन्न मुददांे कन्या भू्रण हत्या, बाल विवाह, बेटी बचाओ,बेटी पढाओ, पीसीपीएनडीटी एक्ट, महिलाआंे एवं बालिकाआंे से संबंधित कानूनी जानकारी देने के लिए लघु नाटिका एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमांे का आयोजन होगा। इस दौरान बाल विवाह रोकथाम, बेटी बचाओ, बेटी पढाओ संबंधित शपथ दिलाई जाएगी। इसके अलावा विभिन्न फिल्मांे का प्रदर्शन किया जाएगा। कार्यक्रम अधिकारी राजपुरोहित ने अधिकाधिक महिलाआंे एवं बालिकाआंे से कार्यक्रम मंे उपस्थित होने की अपील की है।
बाड़मेर बरसों से लंबित परिसंपतियों का मुआवजा दिलानें के लिए खनिज मंत्री से मिल शिव विधायकबाड़मेर। गिरल लिग्नाइट परियोजना के लिए भूमि अवाप्ति से प्रभावित किसानों को बरसों से उनकी परिसंपतियों की मुआवजा दिलानें की लिए शिव विधायक मानवेन्द्रसिंह ने किसानों के दल के साथ खनिज मंत्री सुरेन्द्रपालसिंह टीटी से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान शिव विधायक ने मंत्री को बताया कि बरसों पहले गिरल लिग्नाइट थर्मल पावॅर परियोजनाके लिए सरकार द्वारा किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया था। उन्होनें बताया कि उस दौरान करीब 90 से अधिक किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया गया था, जिसमें से अधिकांश किसानों को भूमि और उनकी परिसंपतियों का भुगतान कर दिया गया था, लेकिन बरसों बाद भी आज तक 45 किसान अपनी परिसंपतियों के मुआवजें से वंचित है। उन्होनें मंत्री से मुलाकात के दौरान वंचित किसानों को बरसों से बकाया परिसंपतियों के मुआवजें की राशि का ब्याज सहित भुगतान करवाने की मांग रखी। खनिज मंत्री सुरेन्द्रपालसिंह टीटी ने शिव विधायक को पुरे मामलें की जांच करवाकर जल्द से जल्द प्रभावित किसानों को उनकी परिसंपतियों के मुआवजें की राशि का भुगतान करवाने का आश्वासन दिया। खनिज मंत्री से मुलाकात के दौरान आकली संरपच शंकरलाल मेघवाल, पूर्व सरपंच वीरसिंह, नाथुसिंह, हिन्दुसिंह सहित दर्जनों किसाने मौजुद रहे।
बाड़मेर विधानसभा में उठा शिव क्षेत्र बदतर चिकित्सा सेवाओं का मुद्दाशिव विधायक ने चिकित्सकों और पैरामेडीकल स्टाॅफ के पद भरने सहित बंद स्वास्थ्य केन्द्रों को तत्काल प्रभाव से चालु करवानें की मांग कीबाड़मेर। शिव विधानसभा क्षेत्र की बदतर चिकित्सा सुविधाओं का मुद्दा सोमवार को राज्य विधानसभा में उठा। विधानसभा सत्र के दौरान ध्यानाकषर्ण प्रस्ताव संख्या नियम 131 के जरिए इस मामलें को उठाते हुए शिव विधायक ने बताया कि चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाॅफ के पदों की रिक्कता के कारण उनके विधानसभा क्षेत्र का एकमात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और पांच प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बंद जैसी स्थिति में है। उन्होनें कहा कि रिक्त पदों और सुविधाओं के अभाव में सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। शिव विधायक ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों के उपस्वास्थ्य केन्द्रों में से अधिकांश जगहों पर एएनएम के पद रिक्त होने के कारण महीनों से दर्जनों उपस्वास्थ्य केन्द्र बंद पड़े है, जिससे सीमावर्ती क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। शिव विधायक मानवेन्द्रसिंह ने उनके विधानसभा में चिकित्सकों के रिक्त 23 और पैरामेडीकल स्टाॅफ के 179 रिक्त पदों को गंभीर विषय बताते हुए इसे तत्काल प्रभाव से भरने की मांग की।विधायक ने उनके विधानसभा क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामसर मंदिर, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हरसाणी, गिराब, भिण्डे का पार, रतासर एवं रामदेव में तत्काल प्रभाव से चिकित्सकों एवं आवश्यक अन्य स्टाॅफ की तत्काल प्रभाव से नियुक्ति की मांग करते हुए सीमावर्ती क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग रखी।हरसाणी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को क्रमोेन्नत करने की मांगशिव विधायक ने सीमावर्ती क्षेत्र में चिकित्सा सेवाओं की जरूरत और बेहतरी के लिए हरसाणी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को क्रमोन्नत कर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाने की मांग रखी। उन्होनें बताया कि उनके विधानसभा क्षेत्र का अधिकांश क्षेत्र के सीमावर्ती और जिला मुख्यालय से दुरी होने के कारण लोगों को समय पर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता। ऐेसे में विधायक ने हरसाणी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को क्रमोेन्नत कर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाने की मांग रखी।
पृथ्वी के आकार जैसे सात नए ग्रहों की खोज की गई है। इनमें पानी और जीवन की संभावना जताई गई है। ये ग्रह 39 प्रकाश वर्ष की दूरी पर एक तारे की परिक्रमा करते हैं।
विज्ञान पत्रिका नेचर ने प्रमुख शोधकर्ता माइकल गिलॉन के हवाले से बताया कि ये ग्रह ट्रेपिस्ट-1 नामक ड्वार्फ स्टार का चक्कर काटते हैं। यह तारा बृहस्पति से थोड़ा बड़ा है। इसकी रोशनी पृथ्वी के सूर्य से 2,000 गुनी कम है। खगोल विज्ञानियों ने पहले भी अन्य सात सौरमंडल का पता लगाया है लेकिन पहली बार पृथ्वी के आकार के इतने ग्रहों का पता चला है। शोधकर्ताओं को इन ग्रहों में से एक की दो बार झलक दिखी। फिर बाद में नासा के स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कोप से तारे को देखा गया। -
गगनचुंबी तिरंगे को लहराने की रस्म निकायमंत्री अनिल जोशी, बीएसएफ के आइजी मुकुल गोयल, डीआइजी जेएस ओबराय, आइजी दिल्ली हेडक्वाटर सुमेर सिंह और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कमल शर्मा ने अदा की। तिरंगे के लहराते ही बीएसएफ के जवानों ने गार्ड आफ ऑनर दिया।
देश का सबसे ऊंचा यह तिरंगाअंतरराष्ट्रीय अटारी सीमा पर नो मेन लैंड से 150 मीटर दूर पंजाब टूरिज्म विभाग के टूरिस्ट इंफरमेशन सेंटर के बाहर स्थापित किया गया है। नगर सुधार ट्रस्ट ने साढ़े 3 करोड़ रुपये की लागत से बजाज इलेक्ट्रिकल की सहयोगी कंपनी भारत इलेक्ट्रिकल होशियारपुर से इसे तैयार कराया है। 55 टन के वजनी और 110 मीटर के पोल को खड़ा करने के लिए मुंबई से विशेषरूप से सात ट्रालों पर स्पेशल क्रेन मंगवाई गई थी।
क्रेन ने पोल लगाने का 78 लाख रुपये किराया लिया है। राष्ट्रीय ध्वज की मेंनटेनेंस का काम तीन सालों तक भारत इलेक्ट्रिकल कंपनी करेगी। राष्ट्रीय ध्वज पर पूरी लाइट जले, इसके लिए 65-65 फुट ऊंचाई के तीन अलग से पोल लगाए गए हैं। हर पिलर पर 500-500 वॉट के 12 बल्ब लगाए गए हैं। नगर सुधार ट्रस्ट और भारत इलेक्ट्रीकल कंपनी अब देश के इस सबसे ऊंचे तिरंगे का नाम लिम्का बुक आफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की प्रक्रिया शुरू करेगी।
पाक की आपत्ति के बाद बदली थी जगह
पाकिस्तान द्वारा इस पर आपत्ति उठाए जाने के बाद जून 2016 में ये प्रोजेक्ट लंबित पड़ गया था। पहले तिरंगा सद्भावना द्वार से मात्र 30 फुट की दूरी पर स्थापित किया जाना था। पाक रेंजरों की आपत्ति के बाद इसे ज्वाइंट चेक पोस्ट अटारी पर स्थित पंजाब टूरिज्म विभाग की जगह पर स्थापित किया गया है। 1 मार्च 2017 को तिरंगे के पोल में कैमरे होने की बात कहते हुए पाक रेंजरों ने फिर आपत्ति उठाई थी, जिसे बीएसएफ ने सिरे से खाजिर कर दिया था।
120 बाय 80 फुट की है विशेष फाउंडेशन
देश में सबसे ऊंचाई पर लगाए जाने वाले इस तिरंगे के लिए विशेष फाउंडेशन बनाई गई है। 30 बाय 30 फुट की फाउंडेशन, 18 फुट गहरी है। इस पर लगे 110 मीटर के पोल के कुल 18 सेक्शन है। नीचे पोल की मोटाई 1830 एमएम और ऊपर ये मोटाई 500 एमएम है। इस पर 120 बाय 80 फुट का तिरंगा लहराया गया है। प्रथम चरण में कंपनी ने छह झंडों के साथ प्रोजेक्ट शुरू किया है।
यहां-यहां लहरा रहे गगनचुंबी तिरंगे..
-रांची(पहरी मंदिर): 293 फुट
-हैदराबाद(संजीविणा पार्क): 291 फुट
-रायपुर(तीलाबंधा झील के पास) : 269 फुट
-फरीदाबाद(टाउन पार्क) : 250 फुट
-पुणे(कटराज झील के पास) : 237
-भोपाल(मंत्रालय के बाहर) : 235
-दिल्ली(सेंट्रल पार्क) : 207
-लखनऊ (जेनेश्वर मिश्रा पार्क): 207
-अमृतसर(अमृत आनंद बाग): 170