शनिवार, 15 अगस्त 2015

जालोर में उर्जा राज्य मंत्राी ने किया मुख्य समारोह में ध्वजारोहरण


जालोर में उर्जा राज्य मंत्राी ने किया मुख्य समारोह में ध्वजारोहरण

जालोर 15 अगस्त - उनसठवाँ स्वाधीनता दिवस समारोह जालोर जिले मंे उत्साह, उमंग व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मुख्य समारोह स्थानीय जालोर स्टेडियम मंें सम्पन्न हुआ जहां राज्य के उर्जा मंत्राी पुप्पेन्द्र सिंह ने ध्वजारोहण कर समारोेह का शुभारम्भ किया।
स्वाधीनता दिवस पर आयोजित मुख्य समारोह मेें राज्य के उर्जा राज्य मंत्राी पुष्पेन्द्रसिंह ने जालोर स्टेडियम में परेड का निरीक्षण किया तथा परेड कमाण्डर सुभान खाँ के नेतृत्व मे मार्च पास्ट की सलामी ली। मुख्य समारोह में जिला कलेक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी, पूर्व मंत्राी जोगेश्वर गर्ग एवं भगराज चैधरी, पूर्व विधायक रामलाल मेघवाल, पुलिस अघीक्षक श्वेता धनखड, जालोर प्रधान सुश्री संतोष कुमारी, जालोर नगर परिषद के सभापति भंवरलाल माली उपस्थित थे। समारोह में मार्च पास्ट में सबसे आगे पुलिस की टुकडी का चन्द्रप्रकाश ने नेतृत्व किया। जबकि महिला पुलिस की टुकडी का श्रीमती निरमा विश्नोई ने, होमगार्ड की टुकडी का लालाराम सैन ने, एन. सी. सी. सीनियर का सुश्री करिश्मा सुथार ने, एन. सी.सी. जूनियर का किशन राणा ने, एसपीसी का बालकेश्वर प्रजापत ने, स्काउट दल का रविन्द्रसिंह ने, गाईड दल का सुश्री सरिता ने, राजकीय बालिका सीनियर माध्यमिक विधालय का सुश्री डिम्पल ने तथा राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण के दल का भंवरलाल विश्नोई ने नेतृत्व किया ।
समारोेह में महामहिम राज्यपाल का आम जनता के नाम संन्देश का पठन अतिरिक्त जिला कलेक्टर आशाराम डूडी ने किया। तत्पश्चात जालोर नगर की विभिन्न 17 राजकीय व गैर राजकीय विधालयांे के लगभग दो हजार छात्रा छात्राआंे ने आकर्षक व्यायाम की प्रस्तुती की तत्पश्चात स्काउट के छात्रा-छात्राओं ने पिरामिड एवं व्यायाम प्रदर्शन किया वहीं विद्या भारती सीनियर सैकण्डरी विधालय की छात्राओं ने आत्म रक्षा के लिए नियुद्ध (जूडो-कराटे) का आकर्षक प्रदर्शन किया ।
समारोह में उर्जा राज्य मंत्राी पुष्पेन्द्र सिंह ने स्वाधीनता दिवस पर उपस्थित लोगों को बधाई देते हुए स्वाधीनता संग्राम में अपना जीवन न्यौछावर करने वाले ज्ञात-अज्ञात शहीदों का स्मरण करते हुए देश के प्रधान मंत्राी माननीय नरेन्द्र मोदी एवं राज्य की यशस्वी मुख्यमंत्राी वसुन्धरा राजे द्वारा किए गये जन कल्याणकारी कार्यों के बारे में बताया वहीं उपस्थित आम लोगों से आह्वान किया कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत अपने शहर, गली मौहल्लों को स्वच्छ रखने के साथ ही खुले में शौच से मुक्ति के लिए सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे कार्यो में सहभागी बनें।
समारोह मे विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्यो के लिए मुख्य अतिथि द्वारा 68 व्यक्तियो को प्रशस्ति पत्रा व स्मृति चिन्ह प्रदान किये गये। समारोह में नेहरू युवा केन्द्र द्वारा आहोर तहसील के सांडण ग्राम के गैर नृत्यकों ने परम्परागत वेश-भूषा में गैर नृत्यों की आकर्षक प्रस्तुती की वहीं राजकीय बालिका सीनियर माध्यमिक विधालय एवं संत राजेश्वर स्कूल की की बालिकाओं ने राजस्थानी गीतों पर सामूहिक नृत्यों की बेहत्तर प्रस्तुतियाॅ कर सर्वाधिक दाद प्राप्त की जबकि जवाहर नवोदय विधालय के छात्राओं ने कालबेलिया नृत्य प्रस्तुत किया।
समारोह में आकर्षक मार्च पास्ट पर एनसीसी जूनियर को प्रथम एवं डाईट को द्वितीय तथा व्यायाम प्रदर्शन में राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विधालय प्रताप चैक को प्रथम एवं रा.उ.प्रा.विधालय शांति नगर को द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर मुख्य अतिथि ने रनिंग शील्ड प्रदान की। समारोह में जालोर नगर परिषद की उप सभापति श्रीमती मंजु सोंलकी, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चैधरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पहाडसिंह राजपुरोहित, जालोर उपखड अधिकारी हरफूल पंकज, उप पुलिस अधीक्षक शैतान सिंह सहित विभिन्न जन प्रतिनिधि एवं अधिकारी गण एवम् नागरिक उपस्थित थे।
मुख्य समारोह के पूर्व जिला कलेक्ट्रेट परिसर में जिला कलेक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने ध्वजारोहण किया तथा पुलिस गारद की सलामी लीे। इस अवसर पर कलेक्टेªट परिसर मे स्थित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे।
कलेक्ट्रेट परिसर में जिला सत्रा न्यायाधीश कार्यालय पर सीजेएम मनीष अग्रवाल ने ध्वजारोहण किया जबकि पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर पुलिस अधीक्षक श्रीमती श्वेता धनखड़ ने, जिला परिषद भवन पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चैधरी ने, उपखण्ड कार्यालय पर हरफूल पंकज ने, जिला अभिभाषक कार्यालय पर अधिवक्ता मुमताज ने एवं पेंशनर कार्यालय पर धनराज दवे ने ध्वजारोहण किया ।
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खुले में शौच से मुक्ति के लिए निकाली गई बेहत्तर झांकियाॅ


जालोर 15 अगस्त - स्वाधीनता दिवस के मुख्य समारोह में जिला प्रशासन एवं स्वच्छता मिशन अभियान (जिला परिषद) द्वारा हाॅल ही में जिले की दहीपुर व पांथेडी ग्राम पंचायत के खुले में शौच से मुक्त होने पर 4 आकर्षक झांकिया निकाली गई जिसमें ग्रामवासियों ने स्वेच्छा से बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
जालोर स्टेडियम में आयोजित इन झांकियों में प्रथम स्थान रानीवाड़ा पंचायत समिति की दहीपुर ग्राम पंचायत ने प्राप्त किया जबकि द्वितीय स्थान सर्व शिक्षा अभियान की तथा तृतीय स्थान पांथेडी ग्राम पंचायत की झांकी ने प्राप्त किया जिसपर मुख्य अतिथि पुष्पेन्द्र सिंह एवं जिला कलेक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने मुक्त कंठ से प्रंशसा करते हुए सम्मानित किया ।

बाड़मेर के आदर्श स्टेडियम में आयोजित मुख्य कार्यक्रम का आगाज़



बाड़मेर के आदर्श स्टेडियम में आयोजित मुख्य कार्यक्रम का आगाज़

बाड़मेर के हजारो लोग समारोह में हुए शरीक

राजस्व मंत्री अमरा राम चौधरी न्र ध्वजारोहण किया

मार्चपास्ट की ली सलामी

जैसलमेर स्वर्ण नगरी जैसलमेर में राष्ट्रीय पर्व स्वाधीनता दिवस-समारोह पूर्वक मनाया गया


जैसलमेर स्वर्ण नगरी जैसलमेर में राष्ट्रीय पर्व स्वाधीनता दिवस-समारोह पूर्वक मनाया गया

जैसलमेर । स्वर्ण नगरी जैसलमेर में राष्ट्रीय पर्व स्वाधीनता दिवस- १५ अगस्त, शनिवार को शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में समारोह पूर्वक मनाया गया । स्वाधीनता दिवस के उपलक्ष में शनिवार को प्रातः ७ से ८ बजे तक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रभात फेरी निकाली गयी ।

अतिरिक्त जिला कलक्टर भागीरथ शर्मा ने बताया कि जिला स्तरीय समारोह में प्रातः ९ः०५ बजे मुख्य अतिथि जिला कलक्टर विश्वमोहन शर्मा द्वारा शहीद पूनम सिंह स्टेडियम में ध्वजारोहण किया गया और परेड का निरीक्षण किया इसके साथ ही अतिरिक्त जिला कलक्टर द्वारा महामहिम राज्यपाल का संदेश पठन किया । समारोह में नगर में स्थित २८ विद्यालयों के लगभग १००० छात्र-छात्राओं द्वारा सामूहिक व्यायाम प्रदर्शन प्रस्तुत किया जायेगा। इसी प्रकार बालचरों एवं गर्ल्स गाइड द्वारा पिरामिड निर्माण का प्रदर्शन प्रस्तुतीकरण किया ।

समारोह में उल्लेखनीय एवं सराहनीय सेवाओं के लिए प्रशंसा पत्र प्रदान किये वही श्रीमती किशनी देवी मगनीराम मोहता राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं द्वारा सामूहिक सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया ।

ANALYSIS : मोदी ने नेहरू का रिकॉर्ड तोड़ा, दी 86 मिनट 10 सेकंड की स्पीच

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरी बार लाल किले की प्राचीर से देश से रू-ब-रू हुए। शनिवार को उन्होंने देशवासियों को आजादी की 68वीं सालगिरह (69वां इंडिपेंडेंस-डे) की बधाई दी। तिरंगा फहराने के बाद जब मोदी स्पीच देने खड़े हुए तो वहां से कोई 5 किलोमीटर दूर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे रिटायर्ड फौजियों को वन रैंक-वन पेंशन के एलान की उम्मीद थी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। हालांकि, मोदी ने कुछ नए एलान किए। यही नहीं, 86 मिनट 10 सेकंड भाषण देकर उन्होंने पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। नेहरू ने 1947 में 72 मिनट का भाषण दिया था।
लाल किले से स्पीच देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
मोदी ने किए 4 बड़े एलान
- मोदी की स्पीच में पिछली बार जहां 'मेक इन इंडिया' पर जोर था, इस बार उन्होंने स्टार्ट अप इंडिया-स्टैंड अप इंडिया की बात कही।
- पिछली बार योजना आयोग का नाम बदलने की बात कही थी। इस बार कहा कि कृषि मंत्रालय का नाम बदलकर कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय होगा।
- पिछली बार उन्होंने सांसद आदर्श ग्राम योजना का जिक्र किया था। इस बार एक हजार दिनों में उन 18500 गांवों तक बिजली पहुंचाने का एलान किया, जहां अब तक बिजली के खंभे भी नहीं लगे हैं।
- पिछले साल उन्होंने कहा था कि 2019 तक पूरा देश 'स्वच्छ भारत अभियान' के तहत साफ होगा। इस बार कहा कि हम संकल्प करें कि 2022 तक दलित, आदिवासी, महिलाएं और युवाओं के हाथ मजबूत करने का संकल्प पूरा होगा।
मोदी के 3 बड़े कोट्स
- मोदी बोलते-बोलते पसीने से तर हाे गए। कहा- सवा सौ करोड़ देशवासी ही टीम इंडिया हैं। यही टीम देश को आगे बढ़ा रही है।
- 15 महीने पहले दिल्ली में आपने जो सरकार बैठाई, उस पर एक नए पैसे के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है। कुछ लोग जब तक निराशा की बात नहीं करते, उन्हें नींद नहीं आती। लेकिन आपने जिस सपने के लिए हमें बैठाया, उसे पूरा करने के लिए हर जुल्म सहता रहूंगा। हर अवरोधों का सामना करूंगा।’
- ‘अपनी आत्मा से पूछें- करप्शन गया कि नहीं गया? मैंने भाषण नहीं दिया, करके दिखाया।’
इस बार भी वैसा ही साफा, वैसा ही अंदाज, लंबी स्पीच का नेहरू का तोड़ा रिकॉर्ड
इस साल
पिछले साल
लाल किले से कितनी देर बोले मोदी?
मोदी 86 मिनट 10 सेकंड बोले। नेहरू के 1947 में 72 मिनट के सबसे लंबे स्पीच का रिकॉर्ड तोड़ा।
64 मिनट। नेहरू के बाद दूसरी सबसे लंबी स्पीच थी।
कैसे बोले?
बिना पढ़े बोले। लेकिन नोट्स बनाकर लाए थे।
पिछली बार भी बिना पढ़े स्पीच दी।
क्या बुलेटप्रूफ कवर था?
नहीं। जबकि राजीव गांधी के बाद दूसरे ऐसे पीएम हैं जिनकी सिक्युरिटी को सबसे ज्यादा खतरा है।
इंदिरा गांधी के बाद 29 साल बाद किसी पीएम ने बुलेटप्रूफ शीशे के बिना स्पीच दिया था।
क्या था पहनावा?
क्रीम कलर का कुर्ता, सफेद पायजामा, क्रीम कलर की सिल्क-कॉटन मिक्स जैकेट, जोधपुरी साफा।
क्रीम कलर का बंद गले वाला मोदी कुर्ता, जोधपुरी बंधेज साफा, चूड़ीदार पायजामा और सैंडल।
लाल किले की प्राचीर तक कैसे गए?
गार्ड ऑफ ऑनर के बाद सीढ़ी चढ़कर ही तिरंग फहराने लाल किले की प्राचीर तक गए।
बिना लिफ्ट के सीढ़ी से। जबकि उनके पहले कई पीएम लिफ्ट का इस्तेमाल करते थे।
क्या सुरक्षा तोड़ा?
बिल्कुल। बच्चों से इस कदर मिले कि एसपीजी को कंट्रोल करना मुश्किल हो गया।
घेरा तोड़कर नीचे बच्चों से मिले, हाथ मिलाया, फोटो खिंचवाए।
इतिहास की किन शख्सियतों को याद किया?
संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी।
महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई, चंद्रशेखर आजाद, स्वामी विवेकानंद।
महिला सुरक्षा पर क्या बोले?
2022 तक संकल्प करें कि महिलाओं को सशक्त बनाएंगे, बैंक भी स्टार्टअप में महिलाओं की मदद करें।
दुष्कर्म शर्म का विषय है, हमें लड़कों को अनुशासित करना होगा।
किन योजनाओं का एलान?
जन कल्याण, आदिवासियों के लिए बनी योजना पर फोकस। स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, 1000 दिन में 18500 गांवों में बिजली। कृषि मंत्रालय अब कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय होगा। 2022 तक दलित, आदिवासी, महिला, युवा सशक्तीकरण का संकल्प पूरा होगा।
जनधन योजना, संसद आदर्श ग्राम, मेक इन इंडिया, योजना आयोग की जगह नया आयोग, स्वच्छ भारत अभियान।
खुद के बारे में क्या कहा?
कहा- आपके देखे सपने के लिए हर जुल्म सहता रहूंगा, अवराेधों का सामना करता रहूंगा।
कहा- गरीब परिवार का आम आदमी आज यहां खड़ा है। मैं प्रधानमंत्री नहीं, प्रधान सेवक हूं।
पर्यावरण पर क्या बोले?
कुछ खास नहीं।
जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट। यानी सामान बनाने में कोई डिफेक्ट न हो और उसे बनाने की प्रोसेस में एन्वायरन्मेंट पर इफेक्ट न पड़े।
पाकिस्तान पर क्या बोले?
इस बार भी कोई जिक्र नहीं।
बरसों बाद किसी पीएम ने अपने स्पीच में पाकिस्तान के बारे में कुछ नहीं कहा।
रिटायर्ड फौजियों को थी मोदी से उम्मीदें, लेकिन वन रैंक-वन पेंशन का एलान नहीं
देश में 25 लाख से ज्यादा रिटायर्ड फौजी हैं। उन्हें वन रैंक-वन पेंशन योजना के एलान की उम्मीद थी। इसे ऐसे समझें कि जो अफसर कम से कम 7 साल कर्नल की रैंक पर रहा हो, उसे 10 या 12 साल कर्नल रहे अफसरों से कम पेंशन नहीं मिलेगी, बल्कि उनके बराबर ही मिलेगी। लेकिन 15 अगस्त पर भी मोदी ने इसकी घोषणा नहीं की। सिर्फ यही कहा- ‘मैं तिरंगे की छत्रछाया में लाल किले की प्राचीर से कह रहा हूं कि सैद्धांतिक रूप से हमने वन रैंक-वन पेंशन योजना को मंजूर कर लिया है। लेकिन बातचीत चल रही है जो अंतिम दौर में है।’
मोदी ने करप्शन के मुद्दे पर कांग्रेस को कैसे लपेटा?
- सुषमा स्वराज पर लगे आरोपों पर : मोदी ने कहा- ‘15 महीने पहले दिल्ली में आपने जो सरकार बैठाई, उस पर एक नए पैसे के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है। कुछ लोग जब तक निराशा की बात नहीं करते, उन्हें नींद नहीं आती। लेकिन आपने जिस सपने के लिए हमें बैठाया, उसे पूरा करने के लिए हर जुल्म सहता रहूंगा। हर अवरोधों का सामना करूंगा।’
- करप्शन के बाकी मुद्दाें पर लगे आरोपों पर : मोदी ने कहा- करप्शन दीमक की तरह है जो पहले दिखती नहीं, फिर बेडरूम की अलमारी तक आ जाने पर पता चलती है। कुछ लोग बीमार होते हैं तो वे चाहते नहीं कि पता चले बीमारी क्या है? फिर कुछ ऐसे होते हैं जो खुद बीमारी की बात करते हैं घंटों। सवा सौ करोड़ देशवासी इनके लिए टाइम वेस्ट नहीं करेंगे। आप अपनी आत्मा से पूछें- करप्शन गया कि नहीं गया? मैंने भाषण नहीं दिया, करके दिखाया। यह देश करप्शन से मुक्त हो सकता है। सीबीआई ने करप्शन के सिर्फ 800 केस किए थे। हमारे आने के बाद अब तक 1800 केस दर्ज हो चुके हैं।
- कालेधन पर कुछ नहीं करने के आरोपों पर : मोदी ने कहा- हमारी सरकार बनने के बाद पहले ही दिन हमने तीन हफ्ते से लटका काम पूरा किया। हमने एसआईटी बनाई। कई देशों से संधियां की, ताकि जिस देश के पास किसी भारतीय नागरिक का कालाधन हो तो हमें रियल टाइम जानकारी दे। कालाधन वापस लाने की लंबी प्रॉसेस है, वो चल रही है। पर इतना हो गया है कि अब कोई कालाधन बाहर भेज नहीं सकता। अघोषित 6500 करोड़ रुपए आ गए। यह पैसा भारत के गरीबों के काम आएगा।
- कोयला घोटाले पर : मोदी ने कहा- कोयले की चर्चा करूंगा तो कुछ पॉलिटिकल पंडित राजनीतिक तराजू से तौलेंगे। इसलिए प्रार्थना करता हूं कि राजनीतिक तराजू से न तौलें। यह राष्ट्र की संकल्प शक्ति की बात है। पर्ची से कोयले की खदान देने के कारण 1.74 लाख करोड़ रुपए नुकसान हुआ। हम भी चुनाव में बात करते थे, लेकिन लगता था कि इतना नुकसान नहीं हुआ होगा। हमने समय सीमा के तहत कोयला, स्पेक्ट्रम सबकी नीलामी करने की सोची। समय सीमा में कोयले का ऑक्शन हुआ और 3 लाख करोड़ रुपए देश के खजाने में आ गए।
मोदी ने अपनी सरकार की पीठ कैसे थपथपाई?
1. जनधन : मोदी ने कहा- मैंने पिछले 15 अगस्त को पीएम जनधन योजना की घोषणा की थी। 40 फीसदी लोग बैंक खातों से वंचित थे। गरीब के लिए बैंकों के दरवाजे बंद थे। हमने कहा था 26 जनवरी को जब देश तिरंगे के सामने खड़ा होगा और तब तक काम पूरा होगा। 17 करोड़ लोगों ने पीएम जनधन योजना के तहत खाते खुलवाए। जीरो बैंलेंस अकाउंट खोलने के बावजूद 20 हजार करोड़ रुपए जमा किए गए।
2. इन्श्योरेंस स्कीम : मोदी ने कहा- हमने सामाजिक सुरक्षा, गरीबों की भलाई, पीएम सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, पीएम जीवन ज्योति योजना से इस पर बल दिया है। देश में करोड़ों-करोड़ लोग हैं जिन्हें सुरक्षा कवच नहीं है। हमने योजना बनाई - एक महीने का एक रुपया। 12 महीने में 12 रुपए में आप पीएम सुरक्षा योजना के हिस्सेदार बन जाइए और आपदा के समय 2 लाख रुपए मिलेंगे। - परिवार के स्वास्थ्य के लिए दो लाख रुपए का बीमा 90 पैसे पर किया। 100 दिन में ही 10 करोड़ नागरिकों ने इसका लाभ लिया। मतलब दस करोड़ परिवार। 30-35 करोड़ में से 10 करोड़ परिवार इस योजना में शरीक हो गए हैं। हमारी सरकार की, टीम इंडिया की पिछले एक साल की विशेषता है। सबसे बड़ा काम है समय सीमा में निर्धारित कामों को पूरा करना।
3. स्कूलों में टॉयलेट्स : मोदी ने कहा- जब काम शुरू किया तो ध्यान में आया 2 लाख 62 हजार स्कूलों में सवा चार लाख से ज्यादा शौचालय बनाने होंगे। कोई भी सरकार इसके लिए पैसा बढ़ा देती। पर टीम इंडिया का संकल्प देखिए। आज 15 अगस्त को मैंने अभिनंदन रखा, तिरंगे का सम्मान किया और इस सपने को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, करीब-करीब सारे शौचालय बनाने में सफलता पाई है।
3. पीएफ का यूनीक नंबर : पीएम ने कहा- गरीब आदमी 6-8 महीने, फिर साल दो साल बाद कहीं और नौकरी को चला जाता है। पूंजी भी कम होती है तो निकालने नहीं जाता। इस कारण पसीने की कमाई का हिस्सा सरकार की तिजोरी में सड़ रहा था। हमने उपाय खोजा और स्पेशल पहचान (पीएफ का यूनीक नंबर) दी। आपका तबादला कहीं भी हो, नंबर साथ रहेगा और रुपए भी आपके साथ होंगे। 27 हजार करोड़ रुपए वापस देने की दिशा में कदम उठाया।
4. एलपीजी की सब्सिडी : एलपीजी को हमने डायरेक्ट ट्रांस्फर की योजना बनाया। ग्राहकों के खाते में सीधी सब्सिडी डाली। इसके कारण दलालों, बिचौलियों, कालाबाजारी करने वाले... सबकी दुकान बंद हो गई। आज मैं कहना चाहता हूं कि इसके कारण 15 हजार करोड़ रुपए हर साल गैस सिलेंडर के नाम से चोरी होता था, वो बंद हो गया। करप्शन चला गया। सब्सिडी छोड़ने के गिवइटअप कैंपेन के तहत 20 लाख लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ दी है। यह आंकड़ा छोटा नहीं है। ये कोई अमीर घराने के नहीं हैं। सामान्य मध्यम वर्ग के हैं जिन्होंने सब्सिडी छोड़ी।

नई दिल्ली।पीएम ने नहीं किया वन रैंक-वन पेंशन का एलान, बोले- जल्द मिलेंगे सुखद परिणाम



नई दिल्ली।पीएम ने नहीं किया वन रैंक-वन पेंशन का एलान, बोले- जल्द मिलेंगे सुखद परिणाम

वन रैंक-वन पेंशन (ओआरओपी) की मांग को लेकर पिछले दो महीने से आंदोलनरत पूर्व सैनिकों की स्वंतत्रता दिवस पर इसे लागू किए जाने के ऐलान की उम्मीद पूरी नहीं हुई और उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शनिवार को भी केवल आश्वासन ही मिला।



पिछले कुछ दिनों से इस तरह की रिपोर्ट आ रही थी कि प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले के प्राचीर से अपने संबोधन में ओआरओपी लागू करने की घोषणा कर सकते हैं। इसे देखते हुए पूर्व सैनिकों ने अपनी ओर से दबाव भी बना रखा था।



मोदी ने 69 वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कहा कि सरकार ने ओआरओपी को सिद्धांतत: स्वीकार किया है और वह अपने इस वादे से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कहा, 'वह तिरंगे की छत्रछाया में लालकिले के प्राचीर से आश्वासन देते हैं कि इस मांग को पूरा किया जाएगा।'











प्रधानमंत्री ने कहा कि यह मुद्दा कई सरकारों के सामने आया है और उन्होंने छोटे मोटे वादे भी किए थे। लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका। हमारी सरकार ओआरओपी को लागू करने की प्रक्रिया में गंभीरता से जुटी है और संबंधित लोगों से बातचीत चल रही जिसके जल्द सुखद परिणाम मिलेंगे और इस पेंशन योजना को जल्द लागू किया जाएगा।



चुनावों में बनाया था बड़ा मुद्दा

उल्लेखनीय है कि पिछले लोकसभा चुनाव से पहले खुद मोदी ने ओआरओपी को बड़ा मुद्दा बनाते हुए सत्ता में आने के बाद इसे लागू करने का वादा किया था लेकिन सरकार के सवा साल बीत जाने के बाद भी यह मांग पूरी नहीं की गई।









सरकार अब इसे लागू करने में कुछ तकनीकी दिक्कतों का हवाला देकर इसे लटकाने में लगी है। इससे पूर्व सैनिकों का धैर्य जवाब दे गया है और वे फिर से सड़कों पर उतर आए हैं। पूर्व सैनिकों का संयुक्त संगठन पिछले दो महीने से यहां जंतर मंतर पर क्रमिक अनशन कर रहा है। इसके अलावा देश भर में भी अलग अलग जगहों पर आंदोलन किया जा रहा है।



पूर्व सैनिक पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि यदि स्वतंत्रता दिवस पर उनकी मांग पूरी नहीं की जाती है तो वे देश भर में अपने आंदोलन को और तेज करेंगे तथा अपने पदक लौटाने के साथ साथ सभी सरकारी समारोह का बहिष्कार करेंगे।






ओआरओपी लागू होने से लगभग 25 लाख पूर्व सैनिकों को फायदा मिलेगा जो लंबे समय से इसका इंतजार कर रहे हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले पूर्व सैनिकों की इस मांग को मानते हुए बजट में एक हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया था।