बुधवार, 29 जुलाई 2015

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आठ लोगों को दी फांसी


पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त की विभिन्न जेलों में बुधवार सुबह आठ लोगों को फांसी दे दी गई।



पंजाब की अटक जेल में जिन तीन लोगों को फांसी दी गई, उनमें पिता आफताब अहमद तथा उसका बेटा मोहम्मद उस्माना शामिल हैं।





दोनों अटक में दोहरी हत्या के दोषी पाए गए। सरगोधा जेल में मुहम्मद नवाज को फांसी दी गई जो हत्या का आरोपी था।







मुजफ्फरगढ़ के नैय्यर अव्वाद को मुल्तान के सेन्ट्रल जेल में फांसी दी गई। गुल्फान नामक व्यक्ति को सेन्ट्रल जेल, गुजरात में फांसी दी गई। अहमद्दीन को झांग जेल में फांसी दी गई।

रामेश्वरम।कलाम के अंतिम दर्शन को रामेश्वरम में उमड़ा जन सैलाब



रामेश्वरम।कलाम के अंतिम दर्शन को रामेश्वरम में उमड़ा जन सैलाब 

दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम के अंतिम दर्शन के लिए बुधवार को रामेश्वरम में जन सैलाब उमड़ पड़ा। कलाम का पार्थिव शरीर मदुरै लाया गया और उसके बाद हेलीकॉप्टर से रामेश्वरम ले जाया गया।



कलाम के बड़े भाई के पोते ए पी जे एम के शेख सलीम ने बताया, ''बड़ी संख्या में लोग कलाम के अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास पर पहुंचे। हमारे सभी रिश्तेदार भी उनकी अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए आए हुए हैं।''



हिन्दुओं का तीर्थस्थल रामेश्वरम तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के अंतर्गत आता है। यह राज्य की राजधानी चेन्नई से करीब 600 किलोमीटर दूर है।










कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को रामेश्वरम में हुआ था और उनके शुरुआती दिन बड़े अभाव में बीते। उनका सोमवार को मेघालय की राजधानी शिलांग में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में एक व्याख्यान देते वक्त दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया।










गुरुवार को किया जाएगा कलाम के पार्थिव शरीर को सुपुर्द-ए-खाक
सलीम ने बताया कि कलाम का पार्थिव शरीर बस स्टैंड के करीब एक स्थान पर रखा जाएगा, जहां लोग उनका अंतिम दर्शन कर पाएंगे और उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे।










उन्होंने कहा, ''लोग आज (बुधवार) रात आठ बजे तक उन्हें श्रद्धांजलि दे पाएंगे, जिसके बाद उनका पार्थिव शरीर मस्जिद वाली गली में स्थित उनके आवास 'कलाम का घर' में ले जाया जाएगा।'' सलीम ने बताया कि कलाम को गुरुवार सुबह 10.30 बजे सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।



'रामेश्वरम का एक तोहफा थे कलाम'
रामेश्वरम के स्थानीय निवासी ए. जॉनसन ने बताया, ''कलाम दुनिया को रामेश्वरम का एक तोहफा थे। यह दुखद है कि वह उपहार हमसे दूर हो गया।''










एक अन्य स्थानीय निवासी इनोजा ने कहा, ''मेरे पास भावनाएं बयां करने के लिए कोई शब्द नहीं है। मुझे अब भी यकीन नहीं हो रहा है कि कलाम नहीं रहे। मुझे रूलाई आ रही है।''



सुपुर्द-ए-खाक के लिए भूमि आवंटित
इस बीच, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने एक बयान जारी कर कहा कि कलाम के परिजनों के अनुरोध पर सरकार ने उनके पार्थिव शरीर को दफनाने के लिए भूमि आवंटित की है।













रामेश्वरम में कलाम की अंत्येष्टि के मौके पर मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में आम लोगों के उमडऩे का अनुमान है, जिसे देखते हुए यहां सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।



कलाम का रामेश्वरम
रामेश्वरम वही शहर है, जहां कलाम ने युवावस्था में अपने परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति को संभालने के लिए अखबार विक्रेता के रूप में भी काम किया। उनके पिता के पास एक नाव थी और उनकी मां ने परिवार के भोजन और कपड़ों के लिए लगातार जद्दोजहद की।



कलाम ने जब रामेश्वरम छोडऩे और मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पढ़ाई करने का निर्णय लिया तो उनकी बहन ने अपने गहने गिरवी रखे, ताकि इसके लिए जरूरी 600 रुपए मिल जाएं।

जोधपुर पुरानी रंजिश के कारण गांव वालों ने पीट-पीटकर की युवक हत्या



जोधपुर पुरानी रंजिश के कारण गांव वालों ने पीट-पीटकर की युवक हत्या

पुरानी रंजिश को लेकर ओसियां स्थित खेतासर गांव के कुछ लोगों ने एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी। युवक का शव माथुरादास माथुर अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है, जबकि पुलिस मामले में संदिग्ध दो-तीन लोगों से पूछताछ कर रही है।



आेसियां पुलिस थाने के अनुसार मथानिया के बिजवाडि़यां निवासी कैलाशपुरी (21) पुत्र माधूपुरी गोस्वामी मंगलवार को ओसियां स्थित खेतासार गांव गया हुआ था। उसके ऊपर खेतासर गांव के ही मेघवाल समाज की एक लड़की का अपहरण और उसका रेप करने का मुकदमा चल रहा था। गांव में उसे देख मेघवाल समाज के कुछ लोग आक्रोशित हो गए और उसे पकड़कर मारपीट करने लगे।



कुछ देर मारपीट करने के बाद वे लोग उसे गांव के ही मुन्नाराम मेघवाल के घर लेकर गए, जिसकी बेटी के अपहरण और रेप का मुकदमा उस पर चल रहा था। लोगों ने उसे मुन्नाराम के घर के एक कमरे में बंद कर बुरी तरह पीटा। युवक के अधमरा होने के बाद मुन्नाराम ने पुलिस को सूचना दी कि एक युवक उसके घर में घुस गया है।



मौके पर पहुंची पुलिस युवक को गंभीर हालत में महात्मा गांधी अस्पताल लेकर गई, जहां से उसे माथुरादास माथुर अस्पताल रेफर कर दिया गया। बुधवार को इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई। पुलिस मामले में संदिग्ध कुछ लोगों से पूछताछ कर रही है। मृतक के घरवालों की ओर से अभी रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है।



प्रेमिका से मिलना बनी हत्या की वजह

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार युवक की हत्या प्रेम-प्रसंग मामले की वजह से हुई है। युवक कैलाश और खेतासर गांव निवासी मुन्नाराम मेघवाल की पुत्री के बीच प्रेम संबंध थे। पिछले वर्ष कैलाश, मुन्नाराम की पुत्री को लेकर भाग गया था।



कुछ दिनों बाद वापस आने पर मुन्नाराम की पुत्री की ओर से कैलाश पर अपहरण और रेप का मुकदमा दर्ज कराया गया। मामले में पुलिस ने कोर्ट चालान पेश कर दिया है। मृतक मामले में जमानत पर चल रहा था। कयास लगाए जा रहे हैं कि युवक अपनी प्रेमिका से मिलने के लिए खेतासर गांव गया था, जिस कारण मेघवाल समाज के लोगों ने उसके साथ मारपीट की।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याकूब की याचिका, 30 जुलाई को फांसी



नई दिल्ली।
1993 के मुंबई बम धमाके के दोषी याकूब मेमन की फांसी टालने की याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उसकी (मेमन) फांसी की सजा को बरकरार रखा है। कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि टाडा कोर्ट द्वारा जारी किया गया डेथ वॉरंट सही है।


सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका खारिज होने के बाद अब 30 जुलाई को सुबह 7 बजे याकूब को नागपुर जेल में फांसी दी जाएगी। इस सिलसिले में महाराष्ट्र के डीजीपी संजीव दयाल राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से मिलने गए है। मीटिंग में मुंबई के पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया भी मौजूद है।







क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई नहीं

मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने कहा, 'याकूब की क्यूरेटिव पिटीशन पर दोबारा सुनवाई नहीं हो सकती है। कोर्ट ने बुधवार को याकूब द्वारा दायर की गई क्यूरेटिव पिटीशन को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया।







राज्यपाल ने खारिज की याकूब की अर्जी

वहीं महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव ने याकूब मेमन की दया याचिका कर दी है। 1993 बम ब्लास्ट के आरोपी याकूब मेमन ने सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल के समक्ष अर्जी लगाई थी। महाराष्ट्र सरकार ने भी याकूब की अर्जी को खारिज करने के लिए राज्यपाल से सिफारिश की थी।







याकूब के वकील ने रखी थी ये दलीलें

न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति प्रफुल्ल चंद पंत और न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय की खंडपीठ के समक्ष याकूब के वकील राजू रामचंद्रन ने अपने मुवक्किल की सुधार याचिका के निपटारे में प्रक्रियागत खामियों के अलावा कई सवाल खड़े किए।



रामचंद्रन ने उठाए ये सवाल-

- मुवक्किल की सुधार याचिका की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के संबंधित नियमों का ध्यान नहीं रखा गया।

- याचिका की सुनवाई में उन जजों को शामिल नहीं किया गया जिन्होंने उसकी पुनरीक्षण याचिका सुनी थी।

- टाडा कोर्ट द्वारा जारी डेथ वारंट पर सवाल खड़े किए।

- सुधार याचिका का निपटारा होने से पहले ही डेथ वारंट जारी कर दिया गया। इतना ही नहीं उनके मुवक्किल को डेथ वारंट की जानकारी बहुत दिनों बाद दी गई।







मंगलवार को लॉर्जर बेंच के पास भेजी गई थी याचिका

मंगलवार को याकूब की याचिका पर जस्टिस एआर दवे और जस्टिस कुरियन जोसेफ के बीच मतभेद हो गया था,जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट की लॉर्जर बेंच को भेज दिया गया था। जानकारी के मुताबिक जस्टिस दवे ने जहां 30 जुलाई के लिए डेथ वारंट पर रोक लगाने से इंकार किया है, वहीं जस्टिस कुरियन ने कहा कि मृत्युदंड क्रियान्वित नहीं होगा।



1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में 257 लोगों की मौत हुई थी और 1400 घायल हो गए थे। गौरतलब है कि एक विशेष अदालत के आदेश पर गुरुवार 30 जुलाई को याकूब को नागपुर जेल में फांसी होनी है।

जादू टोने की आशंका में एक ही परिवार के 6 जनों की नृशंस हत्या

जादू टोने की आशंका में एक ही परिवार के 6 जनों की नृशंस हत्या

भीलवाड़ा। अजमेर दरगाह जियारत का झासा देकर निम्बाहेड़ा के एक ही परिवार के छह सदस्यों की नृशंस हत्या कर दी गई। जिले के माण्डल थाना क्षेत्र में हुए इस जघन्य हत्याकांड का पुलिस ने 24 घंटे के भीतर खुलास करते हुए दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों ने जादू टोने के की आशंका में समूचे परिवार की हत्या की वारदात को अंजाम देना कबूल किया।

मंगलवार सुबह चित्तौडग़ढ़ जिले के निम्बाहेड़ा निवासी युनूस व चांदतारा के खून से लथपथ शव मांडल थाना क्षेत्र में नाले के पास मिले थे। उसके बाद पुलिस ने देर रात मृतक दंपती के चारों बच्चों अशरफ(10), गुडिया (5), आशिदा(3), सवीन (1) के शव देर रात रायसिंहपुरा तालाब के पास मिले।

पुलिस उप अधीक्षक पूरण सिंह भाटी ने इस जघन्य हत्याकांड के बारे में बताया कि मृतक युसूफ के पड़ौस में ही सलीम खां मेव और उनका परिवार रहता था। पिछले दिनों सलीम के पुत्र शराफत खां व उनके परिजनों को शक था कि उसके पिता व परिवार पर जादू टोटके कराए हैं। इसलिए उसके पिता की मौत हुई है।

शराफत ने मन ही मन युसूफ से बदला लेने की ठान ली और पूरे परिवार को ठिकाने लगाने की योजना बना ली। इस योजना में उसने अपने धर्म के मामा मध्यप्रदेश के नीमच जिले के कूकड़ेश्वर निवासी राजेश पुत्र रतन खटीक को शामिल कर लिया। 27 जुलाई को शराफत के पिता सलीम का चालीसवां था।

उस पर राजेश निम्बाहेड़ा आया था। भाटी ने बताया कि चालीसवें के खाने में मृतक युसूफ का पूरा परिवार जीमने गया था। चालीसवें के कार्यक्रम के बाद युसूफ को कहा कि मेरे पास टवेरा गाडी है, जो राजेश लेकर आया है। हम अजमेर जियारत करने जा रहे हैं। तुम भी पूरे परिवार सहित तैयार हो जाओ।

शराफत के आग्रह पर दंपती बच्चों सहित तैयार हो गए तथा आठों जने अजमेर के लिए निकल पड़े। रास्ते में मांडल के पास शराफत व राजेश ने मिलकर युसूफ व उसके पूरे परिवार को मौत के घाट उतार शवों को नाले व तालाब में फेंक दी। भाटी ने बताया कि दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर टवेरा गाडी जब्त कर कार्रवाई शुरू कर दी।

गौरतलब है कि मंगलवारसुबह साढ़े सात बजे हाइवे की सर्विस लाइन से सौ कदम दूर हीराजी का खेड़ा मार्ग से गुजर रहे लोगों ने बरसाती नाले में दम्पती के औंधे मुंह पड़े शव देखे। महिला और पुरुष के शव एक-दूसरे से तीस फीट की दूरी पर थे।

सूचना पर माण्डल थाना पुलिस मौके पर पहुंची। इस दौरान पुलिस अधीक्षक हेमंत शर्मा, सहाड़ा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरितासिंह, माण्डल पुलिस उपाधीक्षक पूरणसिंह भाटी मौके पर पहुंचे। एफएसएल टीम और खोजी श्वान कुटीपी को भी वहां बुला लिया गया था।