बालोतरा।गुरु जी के घर काम नहीं किया तो निकाला स्कूल से
ओम प्रकाश सोनी
बालोतरा।भारत के प्रधानमन्त्री की सोच हैं और मन की बात में भी कई बार बोले हैं कि ह गुरूजी र बच्चा सरकारी स्कूल में पढ़े और आगे बढ़े . लेकिन कुछ शिक्षक होते हैं जो अपने पेशे को ही दागदार कर देते ह। ऐसा ही वाकया बाड़मेर के बालोतरा उपखंड के भीमरलाई स्टेशन के राजकीय माध्यमिक विद्यालय का हैं जहाँ शिक्षक के घर का काम करने से मना करने पर एक दसवी कक्षा के छात्र को स्कूल से ही बाहर कर दिया और उसे टीसी थमा थी . लालू सिंह नामक इस छात्र की माने तो वो सोमेसरा गाँव से इस विद्यालय में पढने आया तब छठी कक्षा से ही लगातार अशोक कुमार नाम के शिक्षक के घर और कार्यालय में खाना बनाने से लगाकर कपड़े और बर्तन धोने का काम करता था क्यूंकि वो शिक्षक का सम्मान करता था इस बार दसवी बोर्ड की परीक्षा होने की वजह से उसने काम करने से मना किया तो शिक्षक को यह इतना नागवार गुजरा कि उसने हेडमास्टर के साथ मिलकर उसे स्कूल से ही निकाल दिया उसे अब भविष्य की चिंता तो हैं ही साथ ही साथ डर भी हैं कि कहीं उसे ऐसे ही भटक भटक कर जिन्दगी तबाह करनी ना पड़े. अभी तक इस छात्र ने जिला शिक्षा अधिकारी से लगाकर बीकानेर में बैठे उच्चाधिकारियों से भी गुहार लगा दी हैं लेकिन सभी आँखे मूँद कर इस मासूम की जिन्दगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं ।
ओम प्रकाश सोनी
बालोतरा।भारत के प्रधानमन्त्री की सोच हैं और मन की बात में भी कई बार बोले हैं कि ह गुरूजी र बच्चा सरकारी स्कूल में पढ़े और आगे बढ़े . लेकिन कुछ शिक्षक होते हैं जो अपने पेशे को ही दागदार कर देते ह। ऐसा ही वाकया बाड़मेर के बालोतरा उपखंड के भीमरलाई स्टेशन के राजकीय माध्यमिक विद्यालय का हैं जहाँ शिक्षक के घर का काम करने से मना करने पर एक दसवी कक्षा के छात्र को स्कूल से ही बाहर कर दिया और उसे टीसी थमा थी . लालू सिंह नामक इस छात्र की माने तो वो सोमेसरा गाँव से इस विद्यालय में पढने आया तब छठी कक्षा से ही लगातार अशोक कुमार नाम के शिक्षक के घर और कार्यालय में खाना बनाने से लगाकर कपड़े और बर्तन धोने का काम करता था क्यूंकि वो शिक्षक का सम्मान करता था इस बार दसवी बोर्ड की परीक्षा होने की वजह से उसने काम करने से मना किया तो शिक्षक को यह इतना नागवार गुजरा कि उसने हेडमास्टर के साथ मिलकर उसे स्कूल से ही निकाल दिया उसे अब भविष्य की चिंता तो हैं ही साथ ही साथ डर भी हैं कि कहीं उसे ऐसे ही भटक भटक कर जिन्दगी तबाह करनी ना पड़े. अभी तक इस छात्र ने जिला शिक्षा अधिकारी से लगाकर बीकानेर में बैठे उच्चाधिकारियों से भी गुहार लगा दी हैं लेकिन सभी आँखे मूँद कर इस मासूम की जिन्दगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं ।