रविवार, 5 जुलाई 2015

भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के इस रहस्य से आप भी हैं अनजान!



भगवान जगन्नाथ जगतपति हैं। संपूर्ण सृष्टि का संचालन उनकी शक्ति से होता है। आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया (वर्ष 2015 में 18 जुलाई-शनिवार) भगवान की रथयात्रा निकाली जाती है।

इस रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा अपने रथों पर भ्रमण करते हैं। यह बहुत प्राचीन परंपरा है। उल्लेखनीय है कि एक निश्चित अंतराल के बाद भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की प्रतिमाएं भी बदली जाती हैं।

इस बार भी ये प्रतिमाएं बदली गई हैं। नए प्रतिमाआें की विधिवत रूप से पूजा कर उन्हें भ्रमण करवाया जाएगा। इन प्रतिमाओं को तैयार करने की विधि और उससे जुड़ी परंपराएं न केवल बहुत पुरानी हैं बल्कि वे अनोखी भी हैं।




ये प्रतिमाएं नीम की लकड़ी से तैयार की जाती हैं। चूंकि भगवान जगन्नाथ श्याम वर्ण के हैं। अतः लकड़ी का रंग भी उन्हीं के अनुकूल होना चाहिए। वहीं बलभद्र और सुभद्रा का रंग गोरा है इसलिए उनकी प्रतिमाओं का रंग उन्हीं के जैसा होना जरूरी है। तभी उस लकड़ी का चयन मूर्ति निर्माण के लिए होता है।

मूर्ति के लिए जिस पेड़ का चयन किया जाता है उसके भी विशेष नियम हैं। अगर इनमें से एक भी बात पूरी नहीं होती तो उससे भगवान की मूर्ति का निर्माण नहीं किया जाता।

पेड़ में होनी चाहिए इतनी खूबियां

मूर्ति निर्माण के लिए उस पेड़ में चार प्रमुख शाखाएं होनी चाहिए। चूंकि भगवान शेष शैया पर शयन करते हैं। अतः उस पेड़ की जड़ में सांप का बिल भी होना चाहिए। पेड़ के पास कोई तालाब, चींटियों की बांबी और श्मशान भी होना जरूरी है।

वह पेड़ किसी तिराहे के पास होना चाहिए। अगर तिराहे के पास नहीं है तो उसका तीन ओर से पहाड़ों से घिरा होना जरूरी है। उसके पास सहौदा, बेल आदि का पेड़ होना चाहिए। इतनी शर्तें पूरी होने के बाद ही उस वृक्ष से प्रतिमाएं बनाई जाती हैं।

ये प्रतिमाएं निश्चित अंतराल के बाद बदली जाती हैं। हिंदू पंचांग पद्धति के अनुसार जिस वर्ष दो आषाढ़ आते हैं उसी वर्ष प्रतिमाओं को बदला जाता है।

तिथियों के अनुसार यह संयोग 14 वर्ष बाद भी आ सकता है और 19 वर्ष बाद भी। इस साल दो आषाढ़ होने के कारण ये प्रतिमाएं बदली गई हैं। इससे पहले 1996 में प्रतिमाएं परिवर्तित की गई थीं।

शनिवार, 4 जुलाई 2015

मुख्यमंत्री ने जालोर कलेटर डॉ सोनी को ई-शासन पुरस्कार घोषित किया

मुख्यमंत्री ने जालोर कलेटर डॉ सोनी को  ई-शासन पुरस्कार घोषित किया 


जयपुर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आज जालोर जिला कलेक्टर डॉ जीतेन्द्र कुमार सोनी को ई -शासन पुरुस्कार देने की घोषणा की। . 
कलेक्टर, जालौर डॉ जितेंद्र कुमार सोनी को जबरो जालौर मोबाइल निगरानी प्रणाली के लिए 'राज्य ई-शासन पुरस्कार' से सम्मानित किया जाएगा।
इस नवाचार जीपीएस और फोटो विभिन्न ग्रामीण विकास और नरेगा कार्यों की निगरानी टैगिंग से संबंधित है। एक मैं-पैड उसे करने के लिए दिया जाएगा।

अभी अभी बाड़मेर- वैन- ट्रक में भिड़ंत 4 की मौत हुई ,



अभी अभी बाड़मेर- वैन- ट्रक में भिड़ंत 4 की मौत हुई ,

सिणधरी इलाके के पायलां के पास सड़क हादसा

वैन- ट्रक में भिड़ंत

4 की मौत हुई , सड़क पर जाम लगा

गुड़ामालानी सीओ ओमप्रकाश उज्जवल मौके पर पहुंचे

बाड़मेर आबकारी थाना पुलिस की बड़ी कार्रवाही

बाड़मेर

आबकारी थाना पुलिस की बड़ी कार्रवाही


टापरा गांव की सरहद में अवैध शराब से भरा ट्रक पकड़ा दो आरोपियों को किया गिरफ्तार

हरियाणा निर्मित अलग अलग ब्रांड की बताई जा रही शराब

ट्रक से शराब उतार कर की जा रही गिनती

जिला आबकारी अधिकारी मोहनलाल पूनिया ने दी जानकारी

बाड़मेर ट्रेक्टर ट्राली पलटी 1 की मौत 2 गंभीर घायल....


बाड़मेर ट्रेक्टर ट्राली पलटी 1 की मौत 2 गंभीर घायल....




सेड़वा तहसील मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर धूड़ावा गांव के पास ट्रेक्टर ट्राली के पलट जाने से 3 लोग घायल हो गए।

घटना की सुचना के बाद सेड़वा से 108 एम्बुलेंस के स्टाफ राजुराम विश्नोई और रमेश पारीक ने घायल वागाराम पुत्र करनाराम जाती मेघवाल उम्र 35,केशराराम पुत्र तोगाराम उम्र 45 और वालाराम पुत्र कालूराम उम्र 22 निवासी-भाड़ा को सेड़वा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहाँ डॉक्टरो ने वागाराम को मृत घोषित कर दिया जबकि बाकी दोनों को प्राथमिक उपचार के बाद डीसा रेफर किया गया।