शुक्रवार, 17 मई 2013
जेल में गोरखधंधा, कैदी की मदद लेकर पास हुई महिला जेलर
जम्मू। कोट भलवाल जेल की पूर्व महिला जेलर रजनी सहगल तथा उधमपुर के पूर्व जेलर विनोद कुमार के खिलाफ पक्का डंगा पुलिस ने साजिश रचकर धोखाधड़ी, नकल और अनुचित साधन प्रयोग करने का मामला दर्ज किया है। महिला जेलर ने जेल में बंद एक हत्या आरोपी कैदी की मदद ली। उसे अपनी जगह परीक्षा देने के लिए बिठाया और इस तरह से परीक्षा में पास हुई। अब इसकी शिकायत एक दूसरे कैदी ने कोर्ट में कर दी है। इसके बाद दोनों अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर नंबर 88 में मामला दर्ज हुआ है।
गौरतलब है कि महिला जेलर रहजनी सहगल पाक कैदी सन्नाउल्ला रांजे की मौत के मामले में पहले से ही सस्पेंड हैं। उनके खिलाफ जांच चल रही है। अब उनके खिलाफ एक और मामला दर्ज हो गया है।
जानकारी के अनुसार एक कैदी रवेन्द्र सिंह पुत्र हजारा सिंह निवासी विजयपुर ने कोर्ट में उनके विरुद्ध शिकायत की। उसने बताया कि रजनी सगहल ने वर्ष 2012 में धोखाधड़ी की थी। उन्होंने जेल के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के सेंटर में अपने स्थान पर एक अंडर ट्रायल कैदी से परीक्षा दिलवाई थी। सगहल परास्नातक परीक्षा दे रही थी। लेकिन खुद परीक्षा देने के बजाय उन्होंने जेल में बंद एक पढ़े-लिखे कैदी को परीक्षा देने भेज दिया। इस परीक्षा में जेलर अच्छे अंकों से पास हुई थी।
शिकायत में कैदी ने बताया कि जिला जेल अंबफला में इग्नू का स्पेशल स्ट्डी सेंटर है। यह सेंटर कैदियों की पढ़ाई के लिए स्थापित किया गया है। वर्ष 2012 में महिला जेलर रजनी सहगल ने भी परीक्षा देने का विचार बनाया था। लेकिन 25 जून को हुई परीक्षा में उन्होंने अपने स्थान पर कैदी परमजीत सिंह सलाथिया पुत्र रतन सलाथिया निवासी गुडा सलाथिया से परीक्षा दिलवाई थी। परमजीत जेल में हत्या के मामले में बंद है। शिकायत करने वाले कैदी ने बताया कि इग्नू के इस सेंटर के इंचार्ज अबंफला जिला जेल के जेलर विनोद कुमार थे। महिला जेलर ने उनके साथ मिलीभगत करके ऐसा किया था। जेलर विनोद कुमार इसी साल 31 मार्च को उधमपुर जिला जेल से रिटायर हुए हैं।
शिकायत में उसने बताया कि जब उसे इस बात का पता चला और उसने इसके खिलाफ आवाज उठाई तो उसे भी जेल में तंग करना शुरू कर दिया गया। इसके बाद उसने क्राइम ब्रांच में शिकायत की। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए अब उसने कोर्ट में इस मामले की शिकायत की है। उसने कोर्ट को और कई बातों की जानकारी दी। उसने आरोप लगाया कि महिला जेलर के स्थान पर परीक्षा देने वाले कैदी को उसके बाद बेहतर सुविधाएं दी जाने लगी।
कोर्ट ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाया है। पुलिस को मामला दर्ज करके पूरी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। इसके बाद ही पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज करके आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
कई बार जांच में फंसी है महिला जेलर
महिला जेलर रजनी सहगल कई बार जांच के घेरे में फंसी है। एक साल के समय में उन पर यह तीसरी कार्रवाई हुई है। पिछले साल के अंत में उन्होंने विक्रम चौक नाके पर एक ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर के साथ मारपीट की थी। इस मामले में विभागीय जांच शुरू की गई थी। इसके बाद पाक कैदी की मौत मामले में वह फंसी। इस मामले में बड़े स्तर की जांच चल रही है। अब उनके खिलाफ आधिकारिक मामला दर्ज हो गया है।
बता दें कि महिला जेलर कई बार सुर्खियों में रही है। जब वह उधमपुर जिला जेल में तैनात थी तो उन पर कैदियों की मदद करने का आरोप लगा था। इसके बाद कोट भलवाल जेल में कैदियों को चोरी-छिपे सुविधाएं देने में भी उनका नाम कई बार सामने आ चुका है।
जोधपुर सेंट्रल जेल से कैदी फरार
जोधपुर सेंट्रल जेल से कैदी फरार
जयपुर। देश की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक मानी जाने वाली जोधपुर सेंट्रल जेल से गुरूवार रात एक कैदी फरार हो गया। शुक्रवार सवेरे इस बारे में जेल प्रशासन को सूचना मिली तो उसकी तलाश शुरूकी गई।
जेल सूत्रों के अनुसार फरार हुए कैदी मंगल उर्फ मंगल्या बावरी को अन्य कैदियों के साथ ही जेल की एक बैरक में रखा था। गुरूवार देर शाम तक वह बैरक में था, लेकिन शुक्रवार सवेरे वह बैरक में नहीं मिला। मंगल नकबजनी के आरोप में सजा काट रहा था। स्थानीय पुलिस को इस बारे में सूचित कर दिया गया है। पुलिस ने शहर के बाहर जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया है।
जयपुर। देश की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक मानी जाने वाली जोधपुर सेंट्रल जेल से गुरूवार रात एक कैदी फरार हो गया। शुक्रवार सवेरे इस बारे में जेल प्रशासन को सूचना मिली तो उसकी तलाश शुरूकी गई।
जेल सूत्रों के अनुसार फरार हुए कैदी मंगल उर्फ मंगल्या बावरी को अन्य कैदियों के साथ ही जेल की एक बैरक में रखा था। गुरूवार देर शाम तक वह बैरक में था, लेकिन शुक्रवार सवेरे वह बैरक में नहीं मिला। मंगल नकबजनी के आरोप में सजा काट रहा था। स्थानीय पुलिस को इस बारे में सूचित कर दिया गया है। पुलिस ने शहर के बाहर जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया है।
जयपुर से आईएसआई का जासूस गिरफ्तार
जयपुर से आईएसआई का जासूस गिरफ्तार
जयपुर। जयपुर से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक कथित जासूस को गिरफ्तार किया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की पहचान विद्युत कांति सिन्हा के रूप में हुई है।
वह जयपुर स्थित सेना की आपूर्ति कॉर्प कंपनी टीपीटी का कर्मचारी है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि वह आईएसआई तक गोपनीय सूचनाएं व दस्तावेज पहुंचा रहा था। वह यह काम नेपाल स्थित एजेंट के जरिए कर रहा था।
बताया जा रहा है कि सिन्हा दार्जिलिंग के शारदानगर का रहने वाला है। उसे शुक्रवार को स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया,जहां से उसे सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
जयपुर। जयपुर से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक कथित जासूस को गिरफ्तार किया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की पहचान विद्युत कांति सिन्हा के रूप में हुई है।
वह जयपुर स्थित सेना की आपूर्ति कॉर्प कंपनी टीपीटी का कर्मचारी है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि वह आईएसआई तक गोपनीय सूचनाएं व दस्तावेज पहुंचा रहा था। वह यह काम नेपाल स्थित एजेंट के जरिए कर रहा था।
बताया जा रहा है कि सिन्हा दार्जिलिंग के शारदानगर का रहने वाला है। उसे शुक्रवार को स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया,जहां से उसे सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
जिंदा हैं जगजीत सिंह,कर रहे हैं मजदूरी!
जिंदा हैं जगजीत सिंह,कर रहे हैं मजदूरी!
भोपाल। क्या गजल गायक जगजीत सिंह जिंदा हैं? क्या वे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के साथ मनरेगा में मजदूर हैं? मध्यप्रदेश के रेवा जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के कुछ स्मार्ट कार्ड तो यही कहानी कहते हैं।
दरअसल मनरेगा स्कीम के तहत बैंक से पेमेंट लेने के लिए बनाए गए स्मार्ट कार्ड्स पर तस्वीरों में गड़बड़झाला सामने आया है। इन काड्र्स में नाम और बाकी की जानकारी तो मजदूरों की ही है, लेकिन तस्वीरें जानी-मानी हस्तियों की छप गई हैं। यह कार्ड यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 2009-10 में जारी किए थे और एफआईएनओ नामक कंपनी से बनवाए थे।
इस गड़बड़ी की तहत एक कार्ड कैथा गांव के मंगल सेन के नाम से जारी किया गया है, लेकिन इस पर फोटो छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह की लगी हुई है। इसी तरह गांव के राहुल दूबे के कार्ड पर दिवंगत गायक जगजीत सिंह की फोटो लगी हुई है।
इस गलती पर जिला कलेक्टर पर पर्दा डालने में कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कलेक्टर नारायण रूपाला का कहना है कि अगर यह कार्ड्स जालसाजी के इरादे से बनाए गए होते तो इन पर जानी मानी हस्तियों की तस्वीरें नहीं लगाई जातीं। रूपाला के मुताबिक मामले की जांच के लिए यूबीआई के असिस्टेंट जनरल मैनेजर को निर्देश दिए गए हैं।
इसके विपरीत यूबीआई के एजीएम एस के सिंह ने सारा दोष कार्ड बनाने वाली कंपनी के सिर मढ़ते हुए कहा कि इस मामले के पीछे कंपनी के किसी कर्मचारी की शरारत है। उन्होंने कहा कि स्मार्ड कार्ड के लाभार्थी का फिंगरप्रिंट रिकॉर्ड भी होता है। इसलिए उन्हें नहीं लगता कि इन कार्ड्स पर कोई पेमेंट किया गया होगा।
सिंह ने कहा कि इन काड्र्स की डीटेल्स बैंक और फीनो के सर्वर पर नहीं है और ना ही यह कार्ड बैंक से लिंक हैं। फिर भी कार्ड्स की पेमेंट डीटेल्स मांगी गई हैं। दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वहीं फीनो कंपनी के पूर्व कर्मचारी स्वप्न कुमार तिवारी ने कहा कि इसके पीछे भ्रष्टाचार का मामला हो सकता है। आईटी एक्सपर्ट से इसकी जांच करवाई जानी चाहिए। तिवारी ने बताया कि पिछले साल जब उन्होंने यह गड़बड़ी उजागर की तो जून में उन्हें कंपनी से सस्पेंड कर दिया गया।
भोपाल। क्या गजल गायक जगजीत सिंह जिंदा हैं? क्या वे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के साथ मनरेगा में मजदूर हैं? मध्यप्रदेश के रेवा जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के कुछ स्मार्ट कार्ड तो यही कहानी कहते हैं।
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इस गड़बड़ी की तहत एक कार्ड कैथा गांव के मंगल सेन के नाम से जारी किया गया है, लेकिन इस पर फोटो छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह की लगी हुई है। इसी तरह गांव के राहुल दूबे के कार्ड पर दिवंगत गायक जगजीत सिंह की फोटो लगी हुई है।
इस गलती पर जिला कलेक्टर पर पर्दा डालने में कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कलेक्टर नारायण रूपाला का कहना है कि अगर यह कार्ड्स जालसाजी के इरादे से बनाए गए होते तो इन पर जानी मानी हस्तियों की तस्वीरें नहीं लगाई जातीं। रूपाला के मुताबिक मामले की जांच के लिए यूबीआई के असिस्टेंट जनरल मैनेजर को निर्देश दिए गए हैं।
इसके विपरीत यूबीआई के एजीएम एस के सिंह ने सारा दोष कार्ड बनाने वाली कंपनी के सिर मढ़ते हुए कहा कि इस मामले के पीछे कंपनी के किसी कर्मचारी की शरारत है। उन्होंने कहा कि स्मार्ड कार्ड के लाभार्थी का फिंगरप्रिंट रिकॉर्ड भी होता है। इसलिए उन्हें नहीं लगता कि इन कार्ड्स पर कोई पेमेंट किया गया होगा।
सिंह ने कहा कि इन काड्र्स की डीटेल्स बैंक और फीनो के सर्वर पर नहीं है और ना ही यह कार्ड बैंक से लिंक हैं। फिर भी कार्ड्स की पेमेंट डीटेल्स मांगी गई हैं। दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वहीं फीनो कंपनी के पूर्व कर्मचारी स्वप्न कुमार तिवारी ने कहा कि इसके पीछे भ्रष्टाचार का मामला हो सकता है। आईटी एक्सपर्ट से इसकी जांच करवाई जानी चाहिए। तिवारी ने बताया कि पिछले साल जब उन्होंने यह गड़बड़ी उजागर की तो जून में उन्हें कंपनी से सस्पेंड कर दिया गया।
अब जीमेल अकाउंट से करें मनी ट्रांसफर
अब जीमेल अकाउंट से करें मनी ट्रांसफर
नई दिल्ली। अगर आप का जीमेल अकाउंट है तो आपके लिए एक खुशखबरी है। आप अपने अकाउंट से मनी ट्रांसफर भी कर सकते हैं। सर्च इंजन गूगल ने एक कांफ्रेंस में महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि गूगल वॉलेट के जरिए अब पैसों का ट्रांसफर भी किया जा सकता है।
गूगल वॉलेट अब एक ऎसा ऑप्शन बन गया है जो लोगों को भुगतान करने की सुविधा भी देता है। पहले गूगल वॉलेट को मोबाइल एप्लीकेशन के तौर पर बनाया था। यानि सिर्फ मोबाइल से ही गूगल वॉलेट का इस्तेमाल कर पैसों का ट्रांसफर किया जा सकता था,लेकिन अब गूगल वॉलेट को जीमेल अकाउंट के साथ जोड़ दिया गया है।
यानि अब आप अपने जीमेल अकाउंट से गूगल वॉलेट के जरिए पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। जिन लोगों ने गूगल वॉलेट से अपना बैंक अकाउंट लिंक कर रखा है, वे माउस क्लिक करते ही अपने जीमेल अकाउंट से पैसे ट्रांसफर कर सकते है। इसके लिए जरूरत इस बात की है कि जिसे आप पैसे भेज रहे हैं उसके पास भी जीमेल अकाउंट के साथ गूगल वॉलेट अकाउंट होना चाहिए।
इस प्रक्रिया से मनी ट्रांसफर करने पर आपको किसी तरह की फीस नहीं देनी पड़ेगी। लेकिन जो लोग डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करेंगे उन्हें फीस के तौर पर 2.9 फीसदी की एकमुश्त रकम देनी पड़ेगी। एक बार में आप 10,000 डॉलर और पांच दिन में 50,000 डॉलर का ही भुगतान कर सकते हैं। फिलहाल आप अपने डेस्क्टॉप से ही जीमेल के जरिए मनी ट्रांसफर कर पाएंगे लेकिन मोबाइल पर इसके लिए आपको वॉलेट गूगल. कॉम पर जाना होगा।
नई दिल्ली। अगर आप का जीमेल अकाउंट है तो आपके लिए एक खुशखबरी है। आप अपने अकाउंट से मनी ट्रांसफर भी कर सकते हैं। सर्च इंजन गूगल ने एक कांफ्रेंस में महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि गूगल वॉलेट के जरिए अब पैसों का ट्रांसफर भी किया जा सकता है।
गूगल वॉलेट अब एक ऎसा ऑप्शन बन गया है जो लोगों को भुगतान करने की सुविधा भी देता है। पहले गूगल वॉलेट को मोबाइल एप्लीकेशन के तौर पर बनाया था। यानि सिर्फ मोबाइल से ही गूगल वॉलेट का इस्तेमाल कर पैसों का ट्रांसफर किया जा सकता था,लेकिन अब गूगल वॉलेट को जीमेल अकाउंट के साथ जोड़ दिया गया है।
यानि अब आप अपने जीमेल अकाउंट से गूगल वॉलेट के जरिए पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। जिन लोगों ने गूगल वॉलेट से अपना बैंक अकाउंट लिंक कर रखा है, वे माउस क्लिक करते ही अपने जीमेल अकाउंट से पैसे ट्रांसफर कर सकते है। इसके लिए जरूरत इस बात की है कि जिसे आप पैसे भेज रहे हैं उसके पास भी जीमेल अकाउंट के साथ गूगल वॉलेट अकाउंट होना चाहिए।
इस प्रक्रिया से मनी ट्रांसफर करने पर आपको किसी तरह की फीस नहीं देनी पड़ेगी। लेकिन जो लोग डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करेंगे उन्हें फीस के तौर पर 2.9 फीसदी की एकमुश्त रकम देनी पड़ेगी। एक बार में आप 10,000 डॉलर और पांच दिन में 50,000 डॉलर का ही भुगतान कर सकते हैं। फिलहाल आप अपने डेस्क्टॉप से ही जीमेल के जरिए मनी ट्रांसफर कर पाएंगे लेकिन मोबाइल पर इसके लिए आपको वॉलेट गूगल. कॉम पर जाना होगा।
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