जिंदा हैं जगजीत सिंह,कर रहे हैं मजदूरी!
भोपाल। क्या गजल गायक जगजीत सिंह जिंदा हैं? क्या वे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के साथ मनरेगा में मजदूर हैं? मध्यप्रदेश के रेवा जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के कुछ स्मार्ट कार्ड तो यही कहानी कहते हैं।
दरअसल मनरेगा स्कीम के तहत बैंक से पेमेंट लेने के लिए बनाए गए स्मार्ट कार्ड्स पर तस्वीरों में गड़बड़झाला सामने आया है। इन काड्र्स में नाम और बाकी की जानकारी तो मजदूरों की ही है, लेकिन तस्वीरें जानी-मानी हस्तियों की छप गई हैं। यह कार्ड यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 2009-10 में जारी किए थे और एफआईएनओ नामक कंपनी से बनवाए थे।
इस गड़बड़ी की तहत एक कार्ड कैथा गांव के मंगल सेन के नाम से जारी किया गया है, लेकिन इस पर फोटो छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह की लगी हुई है। इसी तरह गांव के राहुल दूबे के कार्ड पर दिवंगत गायक जगजीत सिंह की फोटो लगी हुई है।
इस गलती पर जिला कलेक्टर पर पर्दा डालने में कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कलेक्टर नारायण रूपाला का कहना है कि अगर यह कार्ड्स जालसाजी के इरादे से बनाए गए होते तो इन पर जानी मानी हस्तियों की तस्वीरें नहीं लगाई जातीं। रूपाला के मुताबिक मामले की जांच के लिए यूबीआई के असिस्टेंट जनरल मैनेजर को निर्देश दिए गए हैं।
इसके विपरीत यूबीआई के एजीएम एस के सिंह ने सारा दोष कार्ड बनाने वाली कंपनी के सिर मढ़ते हुए कहा कि इस मामले के पीछे कंपनी के किसी कर्मचारी की शरारत है। उन्होंने कहा कि स्मार्ड कार्ड के लाभार्थी का फिंगरप्रिंट रिकॉर्ड भी होता है। इसलिए उन्हें नहीं लगता कि इन कार्ड्स पर कोई पेमेंट किया गया होगा।
सिंह ने कहा कि इन काड्र्स की डीटेल्स बैंक और फीनो के सर्वर पर नहीं है और ना ही यह कार्ड बैंक से लिंक हैं। फिर भी कार्ड्स की पेमेंट डीटेल्स मांगी गई हैं। दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वहीं फीनो कंपनी के पूर्व कर्मचारी स्वप्न कुमार तिवारी ने कहा कि इसके पीछे भ्रष्टाचार का मामला हो सकता है। आईटी एक्सपर्ट से इसकी जांच करवाई जानी चाहिए। तिवारी ने बताया कि पिछले साल जब उन्होंने यह गड़बड़ी उजागर की तो जून में उन्हें कंपनी से सस्पेंड कर दिया गया।
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