"कटारिया के खिलाफ राजनीतिक साजिश" नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी सोहराबुद्दीन मुठभेड़ प्रकरण में फंसे राजस्थान के पूर्व गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया के बचाव में उतर आई है। पार्टी का कहना है कि कटारिया को राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कटारिया के खिलाफ यूपीए ने सोची समझी साजिश रची है ताकि भाजपा के नेताओं को बदनाम किया जा सके। इसी तरह की साजिश गुजरात के पूर्व गृह राज्य मंत्री अमित शाह के खिलाफ भी रची गई थी लेकिन निचली अदालत ने उन्हें जमानत दे दी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें जमानत दी। अमित शाह के खिलाफ ठोस सबूत नहीं थे इसलिए अदालत ने उन्हें जमानत दी। सोहराबुद्दीन मुठभेड़ प्रकरण में सीबीआई की पूरक चार्जशीट में कोई तथ्य नहीं है। जिस तरह पार्टी ने शाह का साथ दिया था उसी तरह कटारिया के साथ भी खड़े रहेंगे। हम राजनीतिक और कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि जिस तरह कटारिया को फंसाया गया है उसी तरह एक मामले में राजस्थान से भाजपा विधायक राजेन्द्र राठौड़ को भी एक मामले में फंसाया गया था। उन्हें भी अदालत से जमानत मिली थी। इसके बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने मोर्चा संभाला। उन्होंने कहा कि एक प्रमुख समाचार पत्र में सीबीआई निदेशक के हवाले से खबर छपी है। इसमें सीबीआई निदेशक ने कहा है कि रेलवे घूसकांड में भाजपा नेताओं के पास पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। जब जांच चल रही हो तब सीबीआई निदेशक की ओर से ऎसी बात कहना कितना उचित है। ऎसे में सीबीआई से ईमानदारी से जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती। बंसल से अभी पूछताछ भी नहीं हुई है और सीबीआई निदेशक ने जिस तरह से जांच टीम के साथ हस्तक्षेप किया और सरकार का बचाव करने के लिए कूद गए उससे साफ है कि सीबीआई राजनीतिक इशारे पर काम कर रही है।
जिनकी समाधि के दर्शन से होता है कष्टों का निवारण
महन्त चंचलनाथ जी की 30 वीं बरसी पर विशेष
ठाकराराम मेघवाल, बाडमेर
धर्म और तप की स्थली बाडमेर जिला मुख्यालय पर ढाणी बाजार में सिथत चंचल प्राग मठ लोगों के श्रृद्धा एवं आस्था का केन्द्र बना हुआ है। सन्तों के तप के प्रभाव से यह स्थल आज भी बाडमेर शहर सहित आस पास के कर्इ गांवों के लोगों के लिए धार्मिक महत्व रखता है।
जिला मुख्यालय पर चंचलप्राग मठ की स्थापना सन 1960 में की गर्इ। गुरू दरबार चंचल प्रागमठ महान परम सन्तों की तपोभूमि रहा है इसी तपोस्थल पर बडे बडे महा तेजस्वी कठोर तपस्या एवं योग सिद्धी कर परम लक्ष्य को प्राप्त हुए है। अस महान स्थल पर प्रवेश करने के साथ ही शारीरिक एवं मानसिक असन्तोष दूर होकर सहज शांति की प्रापित होती है।
तत्कालीन बाडमेर के जागीरदार रावत श्री हीरसिंह जी ने इस मठ की स्थापना के लिए नोसर मठ के महन्त श्री प्रागनाथ जी महाराज से चर्चा की। उन्होने अपने प्रिय शिष्य श्री प्रेमनाथ जी को इस पुनित कार्य के लिए चुना। महन्त प्रेमनाथ जी ने गुरू आज्ञा से बाडमेर शहर में आकर पहाडों की तलहटी मे इस जगह को चुना तथा लगभग विक्रम संवत 1960 में चंचलप्राग मठ की स्थापना की गर्इ। इस मठ में गुरूदेव श्री प्रागनाथ जी महाराज के हाथों से पूजा पाट प्रति स्थापित किया गया है।
चंचल प्राग मठ में स्थापित पवित्र धूणी
शिव मठ और शिव साधना का प्रतिक है धूणा। इस मठ में स्थापना से लेकर आज तक अखण्ड ज्योति जल रही है। श्रद्धालू भक्त धूणी की खाक को श्रृद्धा से अपने ललाट पर और सीने पर लगाकर शांति प्राप्त करते है।
इस मठ में कुल आठ समाधियां है जिसमें महन्त प्रेमनाथ, चंचलनाथ, पूर्णनाथ, प्रीतनाथ, भूरनाथ, सेवानाथ, लक्ष्मीनाथ बार्इ, मोतीनाथ।
चंचलप्राग मठ की स्थापना के बाद यहां कर्इ सिद्ध सन्तों ने कठोर तपस्या की जिनमें प्रागनाथ जी महाराज, उतमनाथ जी महाराज, प्राणनाथ जी महाराज, प्रेमनाथ जी महाराज तथा उनके पश्चात मंहन्त श्री चंचलनाथ जी महाराज प्रमुख है।
श्री चंचलनाथ जी महाराज का जन्म जालोर जिले के जसवन्तपुरा गांव में रतनाराम जी परिहार के घर में हुआ था। इनकी माता का नाम गुलाबी बार्इ था। महन्त चचंलनाथ जी का बचपन का नाम अखाराम जी था, उनके घर का वातावरण पूर्णतया सातिवक एवं भकित से ओतप्रोत था। बचपन में ही महन्त श्री चंचलनाथ जी के स्वभाव में भकितभाव साफ नजर आने लगा था। वे अपने घर में माताजी के मंदिर में रोज संध्या के समय माला जपते थे और घण्टों चिन्तन करते रहते थे। बचपन में ऐसा देखकर घर के सदस्य आश्यर्य में पड जाते थे। बाद में घर के एक पुरूष ने भविष्यवाणी की थी कि एक दिन यह बालक बडा योगी या सन्त बनेगा और हुआ भी वहीं कि जब वे 12 साल के हुए तब उन्होने घर के प्रति मोह त्याग कर आबू पर्वत की गुफा में तपस्या करने चले गये। शिव साधना में लिन रहकर बाद में उन्होने कुछ समय सिन्ध क्षेत्र पाकिस्तान में बिताया तथा इसके बाद वे बाडमेर आ गए तथा तत्कालीन मठाधीश श्री उतमनाथ जी महाराज के शिष्य बन गये। हरिद्वार जाकर उन्होने नाथ जी के निर्देश से नाथ सम्प्रदा की दीक्षा ग्रहण कर वहां से लौटे और इसी मठ में आकर योगी के रूप में तपस्या में लिन हो गये। इनके कठोर योग एवं
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तप शिव साधना ने बाडमेर व आसपास के गांवों के लागों को अत्यधिक प्रभवित किया। बाद में इनके चमत्कारों को देख क्षेत्र के लोगों की आस्था बढने लगी। महन्त चंचलनाथ जी महाराज के अलावा अग्रज सन्तोंं के भी कर्इ चमत्कारी किस्से प्रचलित है। महन्त श्री चंचलनाथ जी महाराज इसी मठ में 9 मर्इ 1983 को परमधाम को प्राप्त हुए। महन्त श्री चंचलनाथ जी महाराज के परमधाम पधारने के बाद प्रति वर्ष चंचल प्राग मठ में उनकी बरसी मनार्इ जाती है।
महन्त श्री चंचलनाथ जी महाराज के बाद उनके परम शिष्य महन्त श्री शम्भूनाथ सैलानी इस मठ के मठाधीश के रूप में विराजित है। चंचलप्राग मठ के महन्त श्री शम्भुनाथ जी के द्वारा अपने परम गुरूदेव महन्त श्री चंचलनाथ जी महाराज की याद में उनकी प्रतिवर्ष बरसी पूजन का दौर शुरू करवाया जो आज तक लगातार प्रतिवर्ष किया जा रहा है। वर्तमान में महन्त श्री शम्भूनाथ जी महाराज के साथ उनके गुरू भार्इ श्री अभयनाथ जी द्वारा मठ में अपनी सेवाएं दी जा रही है। मठ और समाज सुधारक चंचल प्राग मठ के मठाधीशों ने जन कल्याण और आपसी भार्इचारे को बढाने का कार्य किया। चंचल प्राग मठ के मठाधीशे शम्भूनाथ सैलानी ने बताया कि मठ के माध्यम से जागरण, सत्संग, धार्मिक सम्मेलन और समाज सुधारक की बैठके कर समाज के कमजोर तबकों में जागृति लाने का भरपूर प्रयास किया। मठ के मठाधीश, महात्मा सन्तों के इतिहास की शौर्य गाथाओं से आत्मबल और साहस पैदा करने का कार्य किया।
महन्त श्री चंचलनाथ जी महाराज की 30 वीं बरसी पर 17 व 18 मर्इ को दो दिवसीय धार्मिक आयोजन किया जाएगा। प्रथम दिन शुक्रवार 17 मर्इ को चंचल प्रागमठ से प्रात: 11.30 बजे धर्म ध्वजा के साथ मंगल कलश, झांकिया तथा ढोल नगारे सहित शोभा यात्रा निकाली जाएगी। इसी दिन रात्रि जागरण, संतवाणी तथा प्रवचन, भजन कीर्तन के कार्यक्रम होंगे। इसी प्रकार 18 मर्इ को 10.30 बजे समाधी पूजन, पूजा अर्चना के बाद प्रसाद वितरण एवं बाहर से पधारे हुए सन्तों की विदार्इ के साथ दो दिवसीय समारोह का समापन होगा।
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राहुल के स्वागत को उमड़ा बीकानेर जयपुर/बीकानेर। कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार सुबह दिल्ली से बीकानेर पहुंचे। दो दिवसीय यात्रा के दौरान वे प्रदेश कांग्रेस के जिला स्तर के नेताओं से सीधा संवाद कर फीडबैक लेंगे। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान,राज्य प्रभारी मुकुल वासनिक ने नाल हवाई अड्डे पर उतरे राहुल गांधी का स्वागत किया। इस दौरान हवाई पट्टी के नजदीक कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ एकत्र थी। वहां से बाहर निकलते वक्त राहुल ने कुछ स्थानीय लोगों से बातचीत की। तभी कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों के संबंध में राहुल को ज्ञापन सौंपा। यहां से राहुल बीकानेर स्थित होटल पार्क पैराडाइज में होने वाले संवाद कार्यक्रम के लिए वाहन से रवाना हुए। उनकी यात्रा को देखते हुए शहर कांग्रेस की ओर से विभिन्न स्थानों पर स्वागत द्वार बनाएं गए हैं। हवाई पट्टी से होटल तक जगह-जगह बनाए गए स्वागत द्वारों के आस-पास खड़े लोगों ने "राहुल जिंदाबाद" के नारे लगाते हुए उनका स्वागत किया। उधर सुबह से ही राहुल से मिलने के लिए पासधारी नेता होटल पहुंच गए,जहां उन्हें उनके क्रम से बैठाया गया। राहुल इन नेताओं से सीधा संवाद कर आगामी विधानसभा व लोकसभा चुनाव में पार्टी की स्थिति का आकलन करेंगे। उनके कुछ जिला स्तरीय नेताओं से व्यक्तिगत मिलने की भी संभावना है। संवाद समाप्ति के बाद राहुल शाम को जयपुर रवाना होंगे। यहां वे राजभवन में रात्रि विश्राम करने के बाद,गुरूवार सुबह बिड़ला सभागार में जिले के नेताओं से संवाद करेंगे।मौका नहीं मिलने से महिला कार्यकर्ताओं में गुस्सा जयपुर शहर से सिर्फ दो महिला नेता ही राहुल से मिलेंगी। शहर कांगे्रस पदाधिकारियों के अनुसार शहर से महिला प्रकोष्ठ की नेता अंजना जैन और युवा कांग्रेस की लोकसभा अध्यक्ष अनु शर्मा को ही राहुल गांधी से मिलने की इजाजत मिली है। इस वजह से अन्य महिला नेताओं में आक्रोश है।रजिस्ट्रेशन 10 बजे तक राहुल गांधी के गुरूवार को बिड़ला सभागार में होने वाले संवाद कार्यक्रम के लिए कल सवेरे सात बजे से होटल हवेली में रजिस्ट्रेशन होंगे। इसके लिए होटल में 30 काउन्टर बनाए गए हैं। किसी भी नेता को 10 सैकंड से ज्यादा काउंटर पर खड़ा नहीं होना पड़ेगा। रजिस्टे्रशन सवेरे 10 बजे तक होंगे।
लालू की बेटी भी राजनीति में आने को तैयार पटना। राजनीति में अपने दो बेटों के पदार्पण के बाद अब आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती भी राजनीति में कदम रखने की तैयारी में हैं। मीसा को मंगलवार सुबह गांधी मैदान पर देखकर हर कोई हैरान रह गया। मीसा ने कहा,राजनीतिज्ञों के बच्चों के राजनीति में आने में कुछ गलत नहीं है। निश्चित रूप से मेरी राजनीति में रूचि है। हां,अभी कहना मुश्किल है कि मैं आने वाला चुनाव लड़ूंगी या नहीं। ऎसी खबरें थीं कि लालू यादव चाहेंगे की मीसा राजनीति में आएं व उनकी जिम्मेदारियां साझा करें लेकिन शादी के बाद मीसा ने राजनीति में अधिक रूचि नहीं दिखाई। लालू छपरा में व्यस्त थे। वे महाराजगंज संसदीय सीट से आरजेडी उम्मीदवार प्रभुनाथ सिंह के पर्चा भरने के सिलसिले में व्यवस्त थे। उधर,उनके बच्चों में सबसे बड़ी मीसा बुधवार को पटना मेे होने वाली रैली की तैयारियों का जायजा लेने में व्यस्त थीं।लालू ने पिछले संसदीय चुनाव से पहले अपने बड़े बेटे तेज प्रताप को राजनीति में लॉन्च किया था। बाप-बेटों ने राजनीतिक मंच साझा किए,रैलियों-सभाओं को संबोधित किया लेकिन 2010 के विधानसभा चुनाव में उनके बड़े बेटे तेजस्वी को मां राबड़ी के समर्थन में चुनाव प्रचार के लिए उतारा गया।
लालू की बेटी भी राजनीति में आने को तैयार पटना। राजनीति में अपने दो बेटों के पदार्पण के बाद अब आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती भी राजनीति में कदम रखने की तैयारी में हैं। मीसा को मंगलवार सुबह गांधी मैदान पर देखकर हर कोई हैरान रह गया। मीसा ने कहा,राजनीतिज्ञों के बच्चों के राजनीति में आने में कुछ गलत नहीं है। निश्चित रूप से मेरी राजनीति में रूचि है। हां,अभी कहना मुश्किल है कि मैं आने वाला चुनाव लड़ूंगी या नहीं। ऎसी खबरें थीं कि लालू यादव चाहेंगे की मीसा राजनीति में आएं व उनकी जिम्मेदारियां साझा करें लेकिन शादी के बाद मीसा ने राजनीति में अधिक रूचि नहीं दिखाई। लालू छपरा में व्यस्त थे। वे महाराजगंज संसदीय सीट से आरजेडी उम्मीदवार प्रभुनाथ सिंह के पर्चा भरने के सिलसिले में व्यवस्त थे। उधर,उनके बच्चों में सबसे बड़ी मीसा बुधवार को पटना मेे होने वाली रैली की तैयारियों का जायजा लेने में व्यस्त थीं।लालू ने पिछले संसदीय चुनाव से पहले अपने बड़े बेटे तेज प्रताप को राजनीति में लॉन्च किया था। बाप-बेटों ने राजनीतिक मंच साझा किए,रैलियों-सभाओं को संबोधित किया लेकिन 2010 के विधानसभा चुनाव में उनके बड़े बेटे तेजस्वी को मां राबड़ी के समर्थन में चुनाव प्रचार के लिए उतारा गया।