सोमवार, 14 जनवरी 2013

महज 20 मिनट ही चली फ्लैग मीटिंग, क्या सुधरेगा पाक?


नई दिल्ली। एलओसी पर चकां दा बाग में भारत-पाक के बीच ब्रिगेडियर लेवल की फ्लैग मीटिंग खत्म हो गई है। इस बैठक में भारत ने पाकिस्तान से भारतीय सैनिक के सिर काटने की पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने भारतीय सैनिक का सिर साथ ले जाने की बात को खारिज कर दिया।

मीटिंग में दोनों देशों के ब्रिगेडियर के बीच बातचीत में एक-दूसरे की तरफ से फिलहाल तक हुई कार्रवाईयों का जिक्र किया गया। भारत की तरफ से ब्रिगेडियर संधू ने बातचीत की अगुआई की।


भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर विवाद बढ़ने के बाद ब्रिगेडियर स्तर की फ्लैग मीटिंग दोपहर एक बजे शुरू हुई थी। इसमें भारत और पाक के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव के मद्देनजर चर्चा की गई। मीटिंग में इसे खत्म करने के उपायों पर भी बात हुई। वहीं फ्लैग मीटिंग में पाकिस्तानी सेना ने शहीद हुए भारतीय सैनिक का सिर ले जाने की बात से इंकार कर दिया।सूत्रों की मानें तो भारतीय सेना ने आठ जनवरी को पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई का पुरजोर ढंग से विरोध दर्ज कराया। सेना ने शहीद हेमराज के सिर की मांग की। सूत्रों के मुताबिक पहले ही दिन से इस करतूत को अंजाम देने से इनकार करने वाले पाकिस्तान ने एक बार फिर ना में सिर हिलाया। उसने इनकार कर दिया कि उसके सैनिकों ने हेमराज का सिर काटा।

भारतीय सेना ने इस बैठक में अपनी तरफ से कई मसने उठाने की कोशिश की। सूत्रों की माने तो इस बैठक में भारत ने पाकिस्तानी सेना के सामने जेनेवा कन्वेशन के नियमों का हवाला दिया। जिसमें कहा गया है कि जवानों के शवों के साथ क्रूरता नहीं बरती जा सकती। इसके अलावा उसने पाकिस्तानी की तरफ से बार बार सीजफायर के उल्लंघन की कार्रवाई को उकसाने वाला करार दिया।

भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सामने लगातार बढ़ती घुसपैठ की कोशिशों की पर चिंता जाहिर की। लेकिन सूत्रों की मानें तो हमेशा की तरह पाकिस्तान ने हर बात से इनकार कर दिया। बल्कि उसने अपने जवानों की मौत का मुद्दा भी उठाया। एक बार फिर बैठक बिना किसी खास नतीजे के खत्म हो गई। लेकिन सवाल ये है कि आखिर शहीद हेमराज के शव का सिर भारत कैसे वापस हासिल कर पाएगा। क्या ये फ्लैग मिटिंग घुसपैठ और सीज फायर का उल्लंघन रोकने में कामयाब हो पाएगी।

इस फ्लैग मीटिंग से पहले रात भर मेंढर में पाकिस्तान फायरिंग करता रहा। ये दिखाता रहा कि वो नहीं मानेगा। क्या ये फ्लैग मिटिंग उसके इस रुख पर रोक लगा पाएगी। पाकिस्तान का रवैया बेहद नकारात्मक है। उसके पास इनकार में सिर हिलाने के सिवा कुछ नहीं है। ऐसा लगता नहीं है कि महज 20 मिनट तक चली इस बैठक से सीमा पर स्थिति में सुधार हो पाएगा और पाकिस्तान सुधरने की कोशिश करेगा।

महिलाओं को मोबाइल रखने पर खाप की रोक गलत: SC



नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने महिलाओं के मोबाइल इस्तेमाल पर रोक और उनके खास तरह की पोशाक पहनने को लेकर खाप पंचायतों के दिशानिर्देशों की आलोचना करते हुए कहा कि खाप पंचायतें ऐसा आदेश जारी नहीं कर सकतीं।
न्यायमूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की खंडपीठ ने सम्मान की खातिर होने वाली हत्याओं ‘ऑनर किलिंग’ के मामले में गैर-सरकारी संगठन शक्ति वाहिनी की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि खाप पंचायतों द्वारा महिलाओं के मोबाइल फोन इस्तेमाल पर रोक लगाना और अपनी मर्जी की पोशाक पहनने पर बंदिश लगाना कानून का सरासर उल्लंघन है।






न्यायालय ने हालांकि ऑनर किलिंग पर रोक लगाने के लिए दिशानिर्देश जारी करने से पहले खाप पंचायतों को 25 फरवरी तक अपने लिखित सुझाव देने का निर्देश दिया। न्यायालय ने कहा कि मामले की अंतिम सुनवाई के लिए पांच मार्च की तारीख मुकर्रर की जाती है।



इससे पहले हरियाणा के जींद और रोहतक जिलों एवं उत्तर प्रदेश के बागपत जिले की खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों ने दलील दी कि वे सगोत्रीय विवाह का विरोध तो करती हैं लेकिन ऐसे मामलों में प्रेमी युगल की हत्या के आदेश कतई नहीं देतीं। इन जिलों के पुलिस अधिकारियों ने भी खाप पंचायतों की इन दलीलों का समर्थन करते हुए कहा कि ऐसा एक भी मामला सामने नहीं आया है, जिसमें यह साबित हो सके कि खाप पंचायतों ने किसी प्रेमी युगल की हत्या के आदेश दिए हों।



उल्लेखनीय है कि खंडपीठ ने पिछले सप्ताह मामले की सुनवाई के दौरान तीनों जिलों की महत्वपूर्ण खाप पंचायतों एवं पुलिस महानिरीक्षकों को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर अपना पक्ष रखने के लिए आज की तारीख मुकर्रर की थी। न्यायालय ने कहा था कि वह खाप पंचायतों का पक्ष जाने बगैर इस मामले में कोई अंतिम आदेश नहीं सुनाना चाहता। खाप पंचायतें सगोत्रीय विवाह के खिलाफ हैं और वे संबंधित कानून में संशोधन की मांग करती रही हैं।