मंगलवार, 8 जनवरी 2013

चोरी की कार पर सवार थानेदार

चोरी की कार पर सवार थानेदार
जयपुर। इसे खाकी की दबंगई कहें या कुछ और...आठ साल पहले सचिवालय से चोरी गई जिस कार की तलाश में पुलिस हार गई, वह इन दिनों थानेदार कमल नयन की सवारी है।

डीजीपी के बंगले पर स्टाफ ऑफिसर नयन न केवल डयूटी पर इसी कार से आते हैं, बल्कि ये उनकी निजी जैसी ही है। कार मालिक इसकी शिकायत लेकर अफसरों के यहां चक्कर लगा रहा है। आरजे 14-7 सी 3036 नंबर की कार कानोता के हीरावाला निवासी नन्दकिशोर के नाम है। सचिवालयकर्मी नन्दकिशोर ने 2004 में यह कार हनुमान दास से खरीदी थी। नाम करवाने के साथ नन्द किशोर ने इस पर निजी फाइनेंस कम्पनी से लोन लिया, लेकिन दिसम्बर 2004 में कार सचिवालय के पास सहदेव मार्ग से चोरी हो गई। इसकी रिपोर्ट अशोक नगर थाने में दर्ज कराई गई।

सुराग न मिलने पर थाना पुलिस ने 318 नम्बर के इस मामले में 10 जनवरी 2005 को एफआर लगा दी।

वर्षो पहले ही देखा था
मामले में एफ.आर. लगने के बाद नन्दकिशोर बीमा कम्पनी से क्लेम लेने का प्रयास करते रहे। कुछ साल बाद यही कार थानेदार कमल नयन के पास देखी गई। कभी रामगंज थाने में तैनात रहे कमल नयन को नन्दकिशोर पहले से जानता है। दरअसल कार खरीदने के बाद उसका रूपयों के लेनदेन को लेकर हनुमानदास से विवाद हो गया था। इस पर हनुमानदास ने रामगंज थाने में मामला दर्ज कराया था। पूर्व परिचित हनुमान दास की रिपोर्ट पर नन्दकिशोर को गिरफ्तार किया था। इस घटना से पहले ही कार चोरी हो चुकी थी। बताते हैं कि तब भी कार कमल के पास ही थी।


इन सवालों का जवाब नहीं
परिवहन विभाग के दस्तावेज में कार नन्दकिशोर के नाम। उसने किसी को बेची नहीं। उसका विवाद हनुमान दास से था, फिर कार कमल नयन तक कैसे पहुंची?
कमल ने रामगंज थाने के मामले में ऎसी क्या पड़ताल की कि किसी और की कार उनके पास आ गई?
पीडित ने कई बार अर्जी दी फिर भी सुनवाई नहीं?

बंगले से भी पुष्टि
पत्रिका संवाददाता ने पीछा किया तो पता चला, कमल डयूटी ही नहीं, घर पर भी इसका इस्तेमाल करते हैं। डीजीपी बंगले पर तैनात पुलिसकर्मी ने बताया, थानेदार इसी कार से आते हैं।

मैं तो कार एक दिन के लिए ही हनुमान दास से लाया था।
कमल नयन, उप निरीक्षक

प्रदेशाध्यक्ष का फैसला करने जेटली आएंगे

प्रदेशाध्यक्ष का फैसला करने जेटली आएंगे
जयपुर। चुनावी वर्ष शुरू होने के साथ ही भाजपा और कांग्रेस में गतिविधियां बढ़ गई हैं। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष का कार्यकाल भी पूरा हो चुका है। ऎसे में पार्टी में नए प्रदेशाध्यक्ष को लेकर कवायद चल रही है। इसकी टोह लेने के लिए पार्टी के प्रदेश प्रभारी के बाद अब राष्ट्रीय नेताओं के भी जयपुर आने का कार्यक्रम बनाया जा रहा है।

जेटली से जहां पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और वरिष्ठ विधायक गुलाबचंद कटारिया, घनश्याम तिवाड़ी सोमवार को दिल्ली में मिल चुके हैं। इनकी मुलाकातों को प्रदेशाध्यक्ष के लिए चल रही लॉबिंग से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है इस माह के अंत में राज्यसभा में पार्टी के नेता अरूण जेटली सहित अन्य नेता भी जयपुर आने का कार्यक्रम बना रहे हैं। जयपुर में ये प्रदेशाध्यक्ष को लेकर चर्चा के साथ ही चुनावी तैयारियों को लेकर भी चर्चा करेंगे।

बैठाएंगे जातीय समीकरण संतुलन
चुनावी वर्ष होने के कारण प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति में वोटों की गणित को भी ध्यान रखा जा रहा है। इसी को ध्यान में रखकर पार्टी जाट या अनुसूचित जाति जनजाति के नेता को अध्यक्ष पद पर तैनात कर सकती है। इसके लिए पार्टी-संघ के बीच चर्चा चल रही है। प्रदेश की निचले स्तर तक टोह लेने के लिए अरूण जेटली सहित अन्य नेताओं के जयपुर दौरे के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

प्रदेशाध्यक्ष के लिए विधायक गुलाबचंद कटारिया,घनश्याम तिवाड़ी,फूलचंद भिंडा,राव राजेंद्र सिंह का भी चर्चा में हैं, लेकिन फिलहाल इन पर सहमति बनती नहीं दिख रही है। सर्वसहमति के अभाव और राष्ट्रीय अध्यक्ष के दोबारा निर्वाचन होने की स्थिति में प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी को भी फिर से मौका दिया जा सकता है।