बाड़मेर में तीन चिंकारों के शिकार के बाद पकडे गए पांच आरोपी सैन्यकर्मी मंगलवार को भी वन विभाग के समक्ष पेश नहीं हुए। उपवन संरक्षक बी आर भादू ने लेफ्टिनेंट कर्नल बी एस चंदेल को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 50 के तहत समन जारी कर मंगलवार सुबह 10 बजे तक आरोपियों को पेश करने के लिए कहा था।
उधर सेना ने भी कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के तहत दूसरी बार भी भादू को समन भेजकर शिकार मामले में एकत्रित सभी साक्ष्य, प्रपत्र, प्रथम सूचना रिपोर्ट, एफएसएल रिपोर्ट, सीजर मेमो तथा मौका पंचनामा मांगा है। लिखित जवाब में उपवन संरक्षक ने कहा है कि शिकार प्रकरण की जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट सीधे न्यायालय में पेश कर दी जाएगी।
बाड़मेर पाकिस्तान से लगी सर क्रीक सीमा पर घुसपैठ रोकने के लिए सरकार आधा दर्जन तैरते हुए बार्डर आउट पोस्ट की स्थापना करेगी। अभी यहां निगरानी बोट से बार्डर की निगरानी का काम किया जा रहा है। इन्हें अब बार्डर आउट पोस्ट यानी सीमा निगरानी पोस्ट के तौर पर अपग्रेड करने का निर्णय लिया गया है। अब इनको अतिरिक्त संचार प्रणाली, हथियार और निगरानी साजो-सामान से लैस किया जाएगा।
रक्षा सूत्रों ने बताया कीसर क्रीक 96 किमी का पानी का वह क्षेत्र है जहां गुजरात के कच्छ और पाकिस्तान के सिंध क्षेत्र की सीमा है। दलदली क्षेत्र होने की वजह से यहां बार्डर की सुरक्षा के काम में दिक्कतें आती हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय पर गठित संसद की एक समिति को सरकार ने सर क्रीक क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने के प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा है कि यहां 6 तैरते हुए बार्डर आउट पोस्ट को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। समिति ने अपनी 153वीं रपट में आशंका जताते हुए कहा है कि बार्डर को घुसपैठियों-आतंकवादियों और देश विरोधी तत्व एक अवसर की तरह उपयोग में ला सकते हैं। समिति ने सरकार को सलाह दी कि वह यहां पर निगरानी बढ़ाए।
इसके जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने समिति को बताया कि वह खतरों से वाकिफ है इसलिए अन्य निगरानी माध्यमों के साथ ही तैरते हुए बार्डर आउट पोस्ट भी स्थापित किए जा रहे हैं। ये फ्लोटिंग बार्डर आउट पोस्ट सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कमांड में होंगे। संसदीय समिति ने सर क्रीक सीमा की महत्ता का हवाला देते हुए सरकार से कहा है कि यहां मानव रहित विमान से टोह लेने के अवसरों की संख्या बढ़ाई जाए।