आनंदपाल एनकाउंटर: तीसरे दिन भी नहीं हुआ अंतिम संस्कार
राजस्थान के नागौर जिले के सांवराद गांव में आनंदपाल एनकाउंटर मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर तीसरे दिन मंगलवार को भी धरना जारी है. परिजन भी अपनी 6 मांगों पर अड़े हैं और नहीं माने जाने तक शव लेने को तैयार नहीं हैं. उधर, गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा है कि व्यक्ति के मरने के बाद शव को पवित्र माना जाता है और अंतिम संस्कार से इनकार कर उसके साथ अत्याचार करना है. उन्होंने यह भी कहा कि चाहे तो आनंदपाल के परिजन इस एनकाउंटर की सीबीआई से जांच करवा लें, हम दोषी हुए तो जेल जाने को तैयार हैं.
कटारिया ने सोमवार को पुलिस की बहादुरी की सराहना करते हुए कहा कि आनंदपाल को आत्मसमर्पण के लिए कहा गया लेकिन उसने पुलिस पर फायरिंग शुरु कर दी. आखिर आत्मरक्षा के लिए पुलिस को जवाबी फायरिंग करनी पड़ी. बता दें कि आनंदपाल को 24 जून की रात को चूरू जिले के मालासर गांव में पुलिस ने घेर लिया और एनकाउंटर में उसकी मौत हो गई थी.
सरकार चाहती है कि आनंदपाल का अंतिम संस्कार पूरे रिवाज के साथ हो. अंतिम संस्कार न करके परिजन उसकी पार्थिव देह का अपमान कर रहे हैं.
राजस्थान के नागौर जिले के सांवराद गांव में आनंदपाल एनकाउंटर मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर तीसरे दिन मंगलवार को भी धरना जारी है. परिजन भी अपनी 6 मांगों पर अड़े हैं और नहीं माने जाने तक शव लेने को तैयार नहीं हैं. उधर, गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा है कि व्यक्ति के मरने के बाद शव को पवित्र माना जाता है और अंतिम संस्कार से इनकार कर उसके साथ अत्याचार करना है. उन्होंने यह भी कहा कि चाहे तो आनंदपाल के परिजन इस एनकाउंटर की सीबीआई से जांच करवा लें, हम दोषी हुए तो जेल जाने को तैयार हैं.
कटारिया ने सोमवार को पुलिस की बहादुरी की सराहना करते हुए कहा कि आनंदपाल को आत्मसमर्पण के लिए कहा गया लेकिन उसने पुलिस पर फायरिंग शुरु कर दी. आखिर आत्मरक्षा के लिए पुलिस को जवाबी फायरिंग करनी पड़ी. बता दें कि आनंदपाल को 24 जून की रात को चूरू जिले के मालासर गांव में पुलिस ने घेर लिया और एनकाउंटर में उसकी मौत हो गई थी.
सरकार चाहती है कि आनंदपाल का अंतिम संस्कार पूरे रिवाज के साथ हो. अंतिम संस्कार न करके परिजन उसकी पार्थिव देह का अपमान कर रहे हैं.
— गुलाब चंद कटारिया, गृहमंत्री, राजस्थान