शुक्रवार, 8 मई 2015

जैसलमेर में खिली कश्मीरी केसर

जैसलमेर में खिली कश्मीरी केसर


जैसलमेर। कहतें है कि मन में अगर कुछ करने का जज्बा हो तो हर राह आसान हो जाती है इसी राह को डेलासर गाँव के एक किसान छतरसिंह ने तपते धोरों में केसर की खेती कर इसकी संभावना को मजबूती दी है। जी हां मामला है जैसलमेर का जहाँ एक किसान ने वो कर दिखाया जो कश्मीर के खेतों में पैदा होने वाला केसर अब प्रदेश के रेतीले के धोरों में भी महकने लगा है।ठंडे प्रदेश में पनपने वाली केसर की खेती अब जैसलमेर के धोरों में होने लगी है। जहां इस केसर की खेती को लेकर स्थानीय किसानों में कौतुहल है कि इस इलाके में अगर केसर हो सकती है तो वह किसानों का भाग्य बदल सकती है वहीं केसर की इस उपज ने कृषि वैज्ञानिकों को भी असमंजस में डाल दिया है।

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इस तरह मुमकिन हुई धोरों में केसर की खेती
आमतौर पर जैसलमेर का पारा 40 डिग्री पार रहता और इस गर्मी में केसर की खेती केवल सपना देखना होता है इस सपने को हकीकत में बदला जिले के एक किसान छतरसिंह ने। जी,हां मरूप्रदेश मे अब केसर की महक बिखरने लगी है। जैसलमेर में खजूर, अनार के स्वाद के बाद अब केसर की खेती का दौर भी शुरू हो गया है। किसानों को अब केसर की खेती रास आने लगी है।जिले के डेलासर गांव में इन दिनों एक किसान ने अपने नलकूप पर जब केसर की बुवाई की थी, तब उसे पूरा विश्वास नहीं था कि केसर अपनी महक जैसलमेर में भी बिखेरेगी देगी।

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किसान ने अपनी मेहनत के बल पर केसर के पौधे तैयार कर उनसे उत्पादन भी लेना शुरू कर दिया है। जैसलमेर के डेलासर में 6 महीने पहले बोए गए केसर के पौधे अब उत्पादन देने लगे हैं। छत्तरसिंह भाटी की 6 महीने की मेहनत अब रंग लाने लगी है। उन्होंने अक्टूबर में केशर के बीज की बुवाई की थी।वर्तमान में पौधे की लंबाई 4 से 5 फीट की है। पौधों में केसर के डोडे लगने के बाद केसरिया रंग की पखुडियां लग गई हैं। गांव में आम तौर पर अमरीकन या विदेशी नाम से जानी जाने वाली केसर की खेती आस्ट्रेलिया, अमरीका, जम्मू-कश्मीर में की जाती है। इस खेती के लिए बीस डिग्री से पच्चीस डिग्री तक सामान्य तापमान में पैदावार अच्छी होती है, वहीं गर्मी व लू से बचाव के लिए ग्रीन छाया की व्यवस्था करनी पड़ती है। लेकिन जैसलमेर में विपरीत जलवायु में भी केसर लहलहा रही है।



हंसते थे लोग
किसान छतरसिंह के घर इस केसर को देखने आस-पास ग्रामीणो का डेरा लगा रहता है और मरुस्थल में इस केसर को देख आस्चर्य्यचकित हो रहे है।छतरसिंह के परिवार वाले केसर की उत्पादन कर बेहद खुश दिखाई देते है।

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ग्रामीणो का कहना है की पहले जब छतरसिंह को केसर के उत्पादन देख हसी उड़ाते थे और छतरसिंह को पागल कहते थे लेकिन केसर की पैदावार हुई तो हमें वह सीख मिली की अगर कुछ मन में ठान लो तो हर राह आसान हो जाती है। जो केसर आखो से नहीं देखी वह खेत में हो रही है ग्रामीणो का भी मन हो गया की अगली बार वह भी केसर की खेती करेंगे।



पर...कृषि विभाग ने मानने से किया इनकारसमाचार पत्रों के माध्यम से फैली इन खबरों के बीच जब कृषि विभाग के अधिकारी इस केसर की फसल का जायजा लेने और जैसलमेर जैसे इलाके में इस फसल के सफलतापूर्व पैदा होने की जांच के लिये पहुंचे तब उन्होंने इस केसर पर सवाल खड़े कर दिये।

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि डेलासर में हुए इस केसरनुमा पौधे को केसर कहना उचित नहीं होगा हालांकि उन्होंने इस पैदावार को जांच के लिये विभिन्न प्रयोगशालाओं में भेजा है और जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पायेगा कि यह पौधा केसर है या फिर कुछ और कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि केसर को जिस तापमान और जलवायु की आवश्यता होती है वह जैसलमेर में संभव नहीं है वहीं जिस किसान ने अपने खेत में केसर की उपज की है वह इस बात पर अड़ा है कि यह सौ प्रतिशत केसर ही है।

बाड़मेर। सड़को पर लू का साम्राज्य , तेज गर्मी ने निकाला पसीना

बाड़मेर। सड़को पर लू का साम्राज्य ,तेज गर्मी ने निकाला पसीना 

बाड़मेर | बाड़मेर सहित प्रदेशभर में गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। सुबह सूरज की किरणों से शुरू हुई धूप से लकेर दिन की धूप ही नहीं, रात की हवाओं ने भी लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। आज सुबह-सुबह से ही तल्ख धूप ने पारा चढ़ा दिया। मौसम विभाग के अनुसार यह पारा बढ़कर 41 डिग्री सेल्सियस पार जा सकता है।



मौसम के मिजाज गुरजरते समय के साथ ही गर्म होता जा रहा है। सूरज की तेज तपिश के कारण लोगों का घरों से बाहर निकलना दूभर हो गया है| सुबह-सुबह से ही चल रही गर्म हवा से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। वहीं रात को भी ये तापमान गिरने का नाम नहीं ले रहा| हालांकि आगामी दिनों में प्रदेश में घरेलू बादल छाने की संभावनाएं जताई जा रही है|बाड़मेर में दोपहर के समय जहां सड़के सूनी नज़र आ रही हैं| वहीं मजबूरीबस निकलने वाले लोग मुंह पर कपड़ा बांधकर या छतरी के छाव में ही बाहर निकल रहे हैं। जहां एक ओर गर्मी से शीतल पेय पदार्थों की बिक्री बढ़ी है। तेज गर्मी के कारण बढ़ी बीमारियों से भी लोग बेहाल हो रहे हैं। बदलते मौसम से पीलिया, हैजा, मलेरिया, डायरिया के मरीजों की संख्या में इजाफा हो गया है।


पहले पत्नी की हत्या, फिर पी सारी रात शराब

पहले पत्नी की हत्या, फिर पी सारी रात शराब


जयपुर| राजधानी जयपुर में मुहाना थाना इलाके में एक शराबी पति ने घर में झगडे के बाद अपनी पत्नि की गला दबाकर हत्या कर दी| इसके बाद भी आरोपी पति पूरी रात अपनी पत्नि के शव के पास बैठकर शराब पीता रहा| वहीं सुबह शराब का नशा उतरने पर खुद ने थाने पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया|

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दरअसल गुरूवार देर रात मुहाना मंडी के पीछे रहने वाले जगदीश मीणा और उसकी पत्नी रामप्यारी ने अपने घर पर शराब पी| नशे में दोनों के बीच झगडा हो गया| आवेश में आकर पति ने अपनी पत्नि का गला दबा दिया| इसके बाद उसकी मौत हो गई| शराबी पति इसके बाद भी शव के पास बैठकर शराब पीता रहा|

सुबह शराब का नशा उतरने पर जब उसे प​त्नि की मौत की जानकारी मिली तो इसकी सूचना थाने पर दी| सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और एफएसएल टीम को बुलाया गया| प्रारंभिक जांच में पुलिस को मौके पर संघर्ष के निशान नहीं मिले हैं|इससे पुलिस शराब ज्यादा पीने से भी रामप्यारी की मौत होना मान रही है|

पुलिस के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा| वहीं पूछताछ में पति ने अपनी ​पत्नि के ​चरित्र पर शव होने के चलते झगडा होने की बात कही है| फिलहाल पुलिस ने आरोपी पति को हिरासत में लेकर जांच शुरू की है|

जेल नहीं जाएंगे सलमान, हाईकोर्ट से मिली ज़मानत

जेल नहीं जाएंगे सलमान, हाईकोर्ट से मिली ज़मानत


बॉलीवुड के दबंग स्टार सलमान खान को बड़ी राहत देते हुए बम्बई हाईकोर्ट ने आज हिट एंड रन मामले में निचली अदालत द्वारा उन्हें सुनाई गई पांच साल की सजा पर रोक लगा दी और दोष साबित होने तक उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

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ऐसे चली अदालत की कार्यवाही
न्यायमूर्ति अभय थिप्से ने सलमान की दोषसिद्धि पर रोक लगाते हुए कहा, वह पिछले लंबे समय से जमानत पर हैं और उनकी आजादी पर रोक नहीं लगाई गई। आम तौर पर, ऐसे मामलों में अपील स्वीकार कर ली जाती है और आरोपी को जमानत दे दी जाती है।हाईकोर्ट जज ने उन्हें निचली अदालत के समक्ष समर्पण करने और 30,000 रुपये का ताजा जमानत मुचलका भरने का आदेश दिया



जमानत की शर्तें निर्धारित करते हुए न्यायाधीश थिप्से ने पूछा कि क्या सलमान का पासपोर्ट उनके पास है। उन्हें बताया गया कि पासपोर्ट बांद्रा पुलिस के पास है और अभिनेता को विदेश जाने से पहले नियमित तौर पर उसकी अनुमति लेनी पड़ती है।



इससे पूर्व अदालत ने दोषसिद्धि के खिलाफ खान की अपील को स्वीकार किया और अभियोजन तथा बचाव पक्ष की दलीलें सुनीं। बचाव पक्ष के वकील अमित देसाई और श्रीकांत शिवादे ने कहा कि निचली अदालत इस तथ्य को तरजीह देने में असफल रही कि चार गवाहों ने कहा कि 28 सितंबर 2002 को हादसे के वक्त टोयोटा लैंड क्रूजर में चार लोग सवार थे और सलमान का ड्राइवर अशोक सिंह गाड़ी चला रहा था। हादसे में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई और चार अन्य घायल हुए थे।

बचाव पक्ष की दलील 'बांद्रा की एक बेकरी के बाहर फुटपाथ पर सो रहे पांच लोगों पर चढ़े वाहन को सिंह चला रहा था, निचली अदालत ने नामंजूर कर दिया था और कहा था कि साक्ष्यों से यह साबित होता है कि अभिनेता उस समय खुद वाहन चला रहा था'।



अभियोजक संदीप शिंदे ने सलमान को जमानत देने का विरोध करते हुए कहा कि मुकदमा समाप्त होने से ठीक पहले सलमान खान ने सीआरपीसी की धारा 313 के तहत यह बयान दिया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि वाहन सिंह चला रहा था। सलमान सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद नहीं थे क्योंकि कानूनन उनका मौजूद रहना जरूरी नहीं था।



जज ने कहा दोषी नहीं थे तो क्यूं भागे सलमान

हिट एंड रन मामले में सलमान खान को पांच साल जेल की सजा सुनाने वाले सेशंस कोर्ट के जज डीडब्ल्यू देशपांडे ने विस्तृत फैसले में कहा है कि सलमान को बखूबी मालूम था कि नशे में लापरवाही से गाड़ी चलाने से किसी की जान जा सकती है। अगर सलमान ने वाकई कुछ गलत नहीं किया था तो पुलिस के पास जाने की बजाय वह घर क्यों भाग गए।



सलमान ने नहीं निभाई अपनी नैतिक जिम्मेदारी

240 पृष्ठ के फैसले में जज ने कहा कि सलमान एक बड़े अभिनेता हैं और दुर्घटना में घायल लोगों की मदद के लिए काफी कुछ कर सकते थे। लेकिन उन्होंने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई और अगले दिन 10.30 बजे पुलिस के समक्ष पेश हुए। अगर सलमान ने अपराध नहीं किया था तो वह लोगों से कह सकते थे कि ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।



जज देशपांडे ने कहा कि सलमान ने घायलों को अस्पताल जाकर देखने, इलाज में मदद करने या पुलिस के साथ दोबारा घटनास्थल पर पहुंचने जैसा कोई सकारात्मक कदम भी नहीं उठाया। उन्होंने यह तर्क दिया कि 13 साल के मुकदमे के आखिरी वक्त सलमान ने अपनी गवाही में खुलासा किया कि उनका ड्राइवर अशोक सिंह गाड़ी चला रहा था। बचाव पक्ष ने इससे पहले कभी ऐसा दावा नहीं किया।



गैर इरादतन हत्या के आरोप में पांच साल की सजा को जायज ठहराते हुए जज ने कहा कि सलमान अक्सर रेन बार जाते थे और अमेरिकन एक्सप्रेस बेकरी के रास्ते से गुजरते थे, जो बताता है कि उन्हें यह इल्म था कि वहां सड़क किनारे लोग सोते हैं। जज देशपांडे ने उस दलील को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि बायां टायर हादसे से पहले ही फट गया था। कोर्ट ने माना कि टायर कार के टकराने के बाद फटा।

गुरुवार, 7 मई 2015

राजस्व राज्यमंत्री चौधरी कल बालोतरा में करेंगे जनसुनवाई

राजस्व राज्यमंत्री चौधरी कल बालोतरा में करेंगे जनसुनवाई 

बाडमेर, 7 मई। राजस्व, उपनिवेशन, पुनर्वास एवं देवस्थान विभाग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अमराराम चौधरी शुक्रवार 8 मई को डाक बंगला बालोतरा में जन सुनवाई करेंगे।



निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार राजस्व राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) 
चौधरी 9 मई को पंचायत समिति बालोतरा की बैठक में भाग लेंगे तथा इसके पश्चात् वे 10 मई को दोपहर 1.00 बजे बालोतरा से राजकीय वाहन द्वारा जयपुर के लिए प्रस्थान कर जाएगें।