प्रदेश के 12 जेलों में बंदी होंगे शिक्षित
जेल में बंद कैदी अपना आगामी जीवन बेहतर बनाने के लिए सजा के दौरान भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर पाएंगें। पिछले कई सालों से जयपुर, अजमेर व जोधपुर के जेलों में ही कैदियों को यह सुविधा दी जा रही थी, लेकिन अब प्रदेश के अन्य जिलों के कैदी भी अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगें। जुलाई सत्र से प्रदेश में 12 जेलों में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) बंदियों को स्नातक व स्नातकोत्तर की शिक्षा देगा। वही जो लोग 10 व 12 वी पास नहीं है, वे भी स्नातक में प्रवेश ले सकेंगें। उनके लिए छह माह का एक विशेष कोर्स चलाया जाएगा, जिसे पास करने पर उन्हें सीधे ही स्नातक में प्रवेश दे दिया जाएगा।
शिक्षण सामग्री के साथ शिक्षकों की भी व्यवस्था
कैदियों को शिक्षित करने के लिए इग्नू शिक्षण सामग्री, किताबें उपलब्ध करवाएगा, साथ ही आवश्यक विषयों के लिए वैकल्पिक शिक्षकों की भी व्यवस्था की जाएगी। ये शिक्षक जेल में ही आवश्यक सत्रों में कोर्स पूरा करवाएंगें।
कोटा व भरतपुर में जनवरी से
बारह में से दो जेलों कोटा व भरतपुर की जेल में इग्नू ने जनवरी से यह सुविधा शुरू कर दी है। अभी कोटा में 260 व भरतपुर में 42 बंदी स्नातक की पढ़ाई कर रहे है। वहीं जयपुर की सेंट्रल जेल में 80 पुरुष कैदी व महिला बंदी सुधार गृह में 46 महिला बंदी ग्रेजुएशन कर रही है।
इनमें जुलाई से होगा शुरू
झालावाड़, अलवर, भीलवाडा, श्रीगंगानगर, उदयपुर व बीकानेर की जेलों में जुलाई से पढ़ाई शुरू हो जाएगी। वहीं जयपुर की दो जेल, जोधपुर, अजमेर, कोटा व भरतपुर में कैदी शिक्षा ले रहे हैं।