शनिवार, 2 जुलाई 2011

‘कम से कम २५ फीसदी भारत के खिलाफ.......प्रधानमंत्री

 

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री के एक विवादास्पद बयान ने भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में खटास पैदा होने की आशंका पैदा हो गई है। दरअसल, पांच संपादकों के साथ मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘कम से कम २५ फीसदी बांग्लादेशी जमियत-उल-इस्लामी के प्रभाव में हैं और वे भारत के खिलाफ हैं। आईएसआई जैसी संस्थाओं ने इन लोगों पर पकड़ बना ली है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के असर में हैं।’
प्रधानमंत्री यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा, ‘ऐसे में बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य कभी भी बदल सकता है। हम यह नहीं जानते हैं कि ये आतंकवादी कौन हैं, जिन्होंने बांग्लादेश में जमियत-ए-इस्लामी पर पकड़ बना रखी है और वे क्या चाहते हैं।’
प्रधानमंत्री का यह बयान 'ऑफ द रिकॉर्ड' था। लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की वेबसाइट पर यह जारी हो गया। पीएमओ ने करीब 30 घंटे बाद अनौपचारिक तौर पर दिए गए डॉ. मनमोहन सिंह के इस बयान को वेबसाइट से हटा लिया है। यह बयान ऐसे समय सार्वजनिक हुआ जब विदेश मंत्री एस.एम.कृष्णा को एक हफ्ते बाद बांग्लादेश जाना है।
पीएम के बयान को बुधवार की रात पीएमओ की वेबसाइट पर जारी किया गया था। शुक्रवार की सुबह संपादकों से बातचीत का यह लिखित ब्योरा (ट्रांस्क्रिप्ट) सुधार कर फिर से जारी किया गया। इसमें बांग्लादेश को लेकर पीएम के बयान को पूरी तरह से हटा दिया गया। प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार हरीश खरे ने इस बात की पुष्टि की है। उन्‍होंने एक अखबार को बताया कहा, ‘प्रधानमंत्री का यह बयान अनौपचारिक था। हमने इसे गलती से प्रकाशित कर दिया था, अब इसे सुधार लिया गया है।’ हालांकि, इस मामले में बांग्लादेश की तरफ से कोई भी आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।  विदेश मंत्रालय की भी वेबसाइट से मनमोहन सिंह के बयान को हटा दिया गया है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि पीएम का 25 फीसदी आबादी का आंकड़ा पूरी तरह गलत है। गौरतलब है कि बांग्लादेश में करीब ढाई साल पहले हुए संसदीय चुनाव में जमात-ए-इस्लामी को बमुश्किल 4 फीसदी वोट मिले थे। वहीं, पिछले 20 सालों में जमात का सबसे ज़्यादा वोट प्रतिशत 6 रहा है। मनमोहन सिंह के इस बयान से बांग्लादेश की शेख हसीना वाजेद सरकार बैकफुट पर आ गई है। लेकिन पीएम के बयान से बांग्लादेशी में एक अरसे से हाशिए पर रहे कट्टरपंथी समाज को सक्रिय होने का गैर जरूरी बहाना मिल गया है। एसएम कृष्णा 6 से 8 जुलाई के बीच ढाका की यात्रा पर रहेंगे। भारत के साथ सीमा सुरक्षा समेत तमाम रणनीतिक मुद्दों पर बांग्लादेश की वाजेद सरकार सहयोग कर रही है। ऐसे में ऐसे बयान दोनों देशों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।    

राजस्थान अजमेर


राजस्थान अजमेर
अरावली पर्वत माला के बीच बसा शहर अजमेर मारवाड पर्यटन सर्किट का प्रमुख हिस्सा है तथा इसे राजस्थान की सांस्क्रतिक राजधानी भी कहा जाता है।sharif


दर्शनीय स्थल
पुष्कर

अजमेर से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है यहां पर कार्तिक पूर्णिमा को मेला लगता है, जिसमें बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक भी आते हैं। हजारों हिन्दु लोग इस मेले में आते हैं। व अपने को पवित्र करने के लिए पुष्कर झील में स्नान करते हैं। इस समय यहां पर पशु मेला भी आयोजित किया जाता है, यह मेला विश्व प्रसिद्ध है इसे देखने के लिए विदेशी सैलानी बडी संख्या में पहुंचते हैं, यहां दुनिया के एक मात्र जगतपिता ब्रह्मा मंदिर ओर प्रजापति मन्दिर समेत कई छोटे बडे मंदिर हैं। pushkar

ख्वाज़ा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह

दरगाह अजमेर शरीफ का भारत में बड़ा महत्व है। खास बात यह भी है कि ख्वाजा पर हर धर्म के लोगों का विश्वास है। यहाँ आने वाले जायरीन चाहे वे किसी भी मजहब के क्यों न हों, ख्वाजा के दर पर दस्तक देने जरूर आते हैं ।यह स्टेशन से 2 किमी़. दूर घनी आबादी के बीच स्थित है । अंदर सफेद संगमरमरी शाहजहांनी मस्जिद,बारीक कारीगरी युक्त बेगमी दालान,जन्नती दरवाजा,बुलंद दरवाजा ओर 2 अकबरकालीन देग हैं इन देगों में काजू, बादाम, पिस्ता, इलायची, केसर के साथ चावल पकाया जाता है और गरीबों में बाँटा जाता है।


आनासागर झील

शहर के बीच बनी यह सुंदर कृतिम झील यहाँ का सबसे रमणीक स्थल है । इस झील का निर्माण राजा अरणोराज ने 1135 से 1150 के बीच करवाया था । राजा अरणोराज सम्राट प्रथ्वीराज चोहन के पिता थे । बाद में मुग़ल शासक ने इसके किनारे एक शाही बाग बनवाया जिसे दौलत बाग व सुभाष उद्यान के नम से जाना जाता है । साथ ही यहाँ शाहजहाँ ने झील की पाल पर संगमरमर की सुंदर बारहदरी का निर्माण करवा कर इस झील की सुन्दरता में चार चाँद लगा दिए । यहाँ मनोरंजन के लिए बच्चों के लिए झूले, मिनी ट्रेन और बोटिंग अदि की सुविधा है ।

तारागड़ का किला
 
इस किले का निर्माण 11वीं सदी में सम्राट अजय पाल चोहान ने मुग़लों के आक्रमणों से रक्षा हेतु करवाया था । यह किला दरगाह के पीछे की पहाड़ी पर स्थित है । मुगलकाल में यह किला सामरिक द्रष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण था मगर अब यह सिर्फ़ नाम का किला ही रह गया है । यहाँ सिर्फ़ जर्जर बुर्ज, दरवाजे और खँडहर ही शेष बचे हैं । किले में एक प्रसिद्ध दरगाह और 7 पानी के झालरे भी बने हुए हैं । यहाँ एक मीठे नीम का पेड़ भी है कहा जाता है जिन लोगों को संतान नही होती यदि वो इसका फल खा लें तो उनकी यह तमन्ना पूरी हो जाती है ।


ढाई दिन का झोपडा

यह दरगाह से आगे कुछ हीदूरी पर स्थित हैइसखंडहरनुमा इमारत मैं 7मेहराब एंव हिन्दुमुस्लिमकारीगिरी के
 70 खंबे बने हैंतथा छत पर भी शानदारकारीगिरी की गई है




सोनी जी की नसियां

करोली के लाल पत्थरों से बना यह खूबसूरतदिगंबर मंदिर जैन तीर्थकर आदिनाथ कामंदिर है।
 लाल पत्थरों से बना होने के कारणइसे लाल मंदिर भी कहा जाता है ।
इसमें एकस्वर्ण नगरी भी हैजिसमें जैन धर्म सेसम्बंधित पोराणिक द्रश्य, अयोध्या नगरी,प्रयागराज के द्रश्य अंकित हैं ।
 यह स्वर्ण नगरी अपनी बारीक़ कारीगिरी औरपिच्चीकारी के लीये प्रसिद्दहै।


अकबर का किला (राजकीय संग्रहालय)

यह नया बाजार मैं स्थित है यहां प्राचीनमूर्तीयां,सिक्के,पेंटिंग्स,कवचआदि रखे हुए हैं।
अंग्रेजों ने यहीं से जनवरी 1616 मैं मुगल बादशाहजहांगीर से भारत मैं व्यापार करने की इजाजतमांगी थी।






मेयो कोलेज

इसकी स्थापना रियासतों के राजकुमारों कोअंग्रेजी शिक्षा हेतु की गई थीआज भी यहां कई बडे़ घरानोके बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं
इसकी भव्य इमारत सफेदसंगमरमर से निर्मित है ओरकारीगिरी का शानादार नमूना है।

शुक्रवार, 1 जुलाई 2011

फेसबुक जल्द ही गजब के फीचर ला रही है।

 
सोशल नेटवर्किंग के दूसरे महायुद्ध के लिए मैदान तैयार हो गया है। गूगल प्लस के लिए मचे शोर से निपटने के लिए फेसबुक के सीईओ और फाउंडर मार्क जुकरबर्ग खुद मैदान में उतर आए हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि फेसबुक जल्द ही गजब के फीचर ला रही है। नए फीचर अगले हफ्ते तक सकते हैं। इस बीच ऐसी भी खबरें हैं कि जुकरबर्ग ने खुद गूगल प्लस को सर्फ कर परखा है , हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है , लेकिन नामी टेक मैगजीन और साइट्स इससे इनकार नहीं कर रही हैं।

फेसबुक के 75 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं और यह सोशल नेटवर्किंग में शहंशाह है। एक तर्क तो यह है कि फेसबुक में इतने सारे लोग पहले से हैं , गूगल प्लस में अभी लोग जुट ही रहे हैं , ऐसे में कोई अपने बने बनाए दोस्तों का साथ छोड़कर नई सर्विस पर क्यों जाएगा। लेकिन इसी तर्क को झुठलाते हुए फेसबुक ने गूगल की ही साइट ऑरकुट की छुट्टी की थी। गूगल प्लस में सर्कल जैसे कुछ फीचर गजब के हैं और फेसबुक ने समझ लिया है कि इस बार चुनौती तगड़ी है और वह कसर नहीं छोड़ना चाहती। कुछ अर्सा पहले ही ऐसी रिपोर्ट आई थीं कि अमेरिका में फेसबुक के यूजर्स की तादाद में मामूली कमी दर्ज की गई है। ऐसे में गूगल प्लस जैसा नया ऑप्शन उसके लिए कमर कसने का बड़ा अलर्ट है।

जुकरबर्ग ने कुछ संकेत नहीं दिया है कि अगले हफ्ते आने वाला गजब का फीचर क्या होगा, लेकिन कुछ कयास हैं कि मोबाइल और टैबलेट के लिए नए फीचर या एप्लिकेशन दिए जा सकते हैं। गौरतलब है कि गूगल प्लस को एंड्रॉयड पर पेश किया जाएगा और गूगल के इस ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले मोबाइल फोन की तादाद बहुत तेजी से बढ़ रही है।

इस बीच टेक्नॉलजी साइट सीनेट (CNET) ने खबर दी है कि जुकरबर्ग ने गूगल प्लस को खुद जॉइन कर इसका जायजा लिया है। गूगल प्लस पर एक फेक जुकरबर्ग नाम से और दो मार्क जुकरबर्ग नाम से प्रोफाइल नजर आए थे जिनमें से एक जल्द ही गायब हो गया। सीनेट ने इस बारे में गूगल से बात की तो उसका कहना था कि अभी यूजर ऑथेंटिकेशन नहीं किया जा सकता है। फेसबुक ने भी इस बारे में पुष्टि नहीं की है। सीनेट जैसी बड़ी टेक साइट के इस आकलन को टेक्नॉलजी दुनिया में गंभीरता से लिया जा रहा है। इससे संकेत मिलता है कि फेसबुक इस जंग को कितनी गंभीरता से ले रही है। इससे पहले 2009 में जुकरबर्ग ने खुद ट्विटर को जॉइन किया था।

220 करोड़ रुपए का काला धन पकड़ा

वडोदरा। शहर के जाने-माने उद्योगपति सांडेसरा बंधुओं के मुंबई-वडोदरा स्थित पांच कार्यालयों व निवास स्थल पर मुंबई इन्कमटैक्स विभाग व कस्टम-एक्साइज के अधिकारियों द्वारा मारे गए छापे में 220 करोड़ रुपए का काला धन पकड़ा गया है। शहर के प्रसिद्ध सांडेसर ग्रुप पर छापे और करोड़ों रुपयों की बरामदगी से उद्योग जगत सकते में है।

इन्कमटैक्स विभाग के सूत्रों के अनुसार शहर के ओल्ड पादरा रोड पर रहने वाले नितिन सांडेसरा और चेतन सांडेसरा बंधुओं के फार्मास्युटिकल्स और हेल्थकेयर के मुंबई स्थित ऑफिस और निवास स्थल तथा वडोदरा की स्टर्लिंग बायोटेक रिसर्च सेंटर, स्टर्लिंग सेज के पांच बिजनेस ऑफिस और निवास स्थल पर मुंबई इन्कमटैक्स विभाग के साथ कस्टम और एक्साइज के अधिकारियों ने छापा मारा था, जिसमें नगद 220 करोड़ रुपए के साथ कई शंकास्पद दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। बताया जा रहा है कि अधिकारियों द्वारा बरामद शंकास्पद दस्तावेजों की जांच की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार दस्तावेजों की जांच के बाद और भी कई खुलासे हो सकते हैं।

जसवंत सिंह बोले- कनिमोझी, राजा को मिले जमानत

जसवंत सिंह बोले- कनिमोझी, राजा को मिले जमानत
 

नई दिल्ली। एक ओर पूरा विपक्ष 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में सरकार को कटघरे में खड़ा करने पर उतारू है। दूसरी और भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह ने ए राजा और कनिमोझी को जमानत दिए जाने की पैरवी की है।

एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में जसवंत सिंह ने कहा कि पूर्व संचार मंत्री और मामले के मुख्य आरोपी ए राजा और कनिमोझी को सलाखों के पीछे नहीं रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मामले की सुनवाई चल रही है। राजा और कनिमोझी सहित सभी लोग किसी हत्या, लूट जैसे मामलों में आरोपी नहीं है। इसलिए उन्हें जेल में नहीं रखना चाहिए।


उन्होंने कहा कि यह उनके निजी विचार है। उन्हेंनहीं लगाता कि भाजपा इन लोगों को स्थायी रूप से जमानत दिए जाने के पक्ष में नहीं है। मैं जो कुछ कह रहा हूं वह पार्टी की राय नहीं है।