सोशल नेटवर्किंग के दूसरे महायुद्ध के लिए मैदान तैयार हो गया है। गूगल प्लस के लिए मचे शोर से निपटने के लिए फेसबुक के सीईओ और फाउंडर मार्क जुकरबर्ग खुद मैदान में उतर आए हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि फेसबुक जल्द ही गजब के फीचर ला रही है। नए फीचर अगले हफ्ते तक आ सकते हैं। इस बीच ऐसी भी खबरें हैं कि जुकरबर्ग ने खुद गूगल प्लस को सर्फ कर परखा है , हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है , लेकिन नामी टेक मैगजीन और साइट्स इससे इनकार नहीं कर रही हैं।
फेसबुक के 75 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं और यह सोशल नेटवर्किंग में शहंशाह है। एक तर्क तो यह है कि फेसबुक में इतने सारे लोग पहले से हैं , गूगल प्लस में अभी लोग जुट ही रहे हैं , ऐसे में कोई अपने बने बनाए दोस्तों का साथ छोड़कर नई सर्विस पर क्यों जाएगा। लेकिन इसी तर्क को झुठलाते हुए फेसबुक ने गूगल की ही साइट ऑरकुट की छुट्टी की थी। गूगल प्लस में सर्कल जैसे कुछ फीचर गजब के हैं और फेसबुक ने समझ लिया है कि इस बार चुनौती तगड़ी है और वह कसर नहीं छोड़ना चाहती। कुछ अर्सा पहले ही ऐसी रिपोर्ट आई थीं कि अमेरिका में फेसबुक के यूजर्स की तादाद में मामूली कमी दर्ज की गई है। ऐसे में गूगल प्लस जैसा नया ऑप्शन उसके लिए कमर कसने का बड़ा अलर्ट है।
जुकरबर्ग ने कुछ संकेत नहीं दिया है कि अगले हफ्ते आने वाला गजब का फीचर क्या होगा, लेकिन कुछ कयास हैं कि मोबाइल और टैबलेट के लिए नए फीचर या एप्लिकेशन दिए जा सकते हैं। गौरतलब है कि गूगल प्लस को एंड्रॉयड पर पेश किया जाएगा और गूगल के इस ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले मोबाइल फोन की तादाद बहुत तेजी से बढ़ रही है।
इस बीच टेक्नॉलजी साइट सीनेट (CNET) ने खबर दी है कि जुकरबर्ग ने गूगल प्लस को खुद जॉइन कर इसका जायजा लिया है। गूगल प्लस पर एक फेक जुकरबर्ग नाम से और दो मार्क जुकरबर्ग नाम से प्रोफाइल नजर आए थे जिनमें से एक जल्द ही गायब हो गया। सीनेट ने इस बारे में गूगल से बात की तो उसका कहना था कि अभी यूजर ऑथेंटिकेशन नहीं किया जा सकता है। फेसबुक ने भी इस बारे में पुष्टि नहीं की है। सीनेट जैसी बड़ी टेक साइट के इस आकलन को टेक्नॉलजी दुनिया में गंभीरता से लिया जा रहा है। इससे संकेत मिलता है कि फेसबुक इस जंग को कितनी गंभीरता से ले रही है। इससे पहले 2009 में जुकरबर्ग ने खुद ट्विटर को जॉइन किया था।
फेसबुक के 75 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं और यह सोशल नेटवर्किंग में शहंशाह है। एक तर्क तो यह है कि फेसबुक में इतने सारे लोग पहले से हैं , गूगल प्लस में अभी लोग जुट ही रहे हैं , ऐसे में कोई अपने बने बनाए दोस्तों का साथ छोड़कर नई सर्विस पर क्यों जाएगा। लेकिन इसी तर्क को झुठलाते हुए फेसबुक ने गूगल की ही साइट ऑरकुट की छुट्टी की थी। गूगल प्लस में सर्कल जैसे कुछ फीचर गजब के हैं और फेसबुक ने समझ लिया है कि इस बार चुनौती तगड़ी है और वह कसर नहीं छोड़ना चाहती। कुछ अर्सा पहले ही ऐसी रिपोर्ट आई थीं कि अमेरिका में फेसबुक के यूजर्स की तादाद में मामूली कमी दर्ज की गई है। ऐसे में गूगल प्लस जैसा नया ऑप्शन उसके लिए कमर कसने का बड़ा अलर्ट है।
जुकरबर्ग ने कुछ संकेत नहीं दिया है कि अगले हफ्ते आने वाला गजब का फीचर क्या होगा, लेकिन कुछ कयास हैं कि मोबाइल और टैबलेट के लिए नए फीचर या एप्लिकेशन दिए जा सकते हैं। गौरतलब है कि गूगल प्लस को एंड्रॉयड पर पेश किया जाएगा और गूगल के इस ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले मोबाइल फोन की तादाद बहुत तेजी से बढ़ रही है।
इस बीच टेक्नॉलजी साइट सीनेट (CNET) ने खबर दी है कि जुकरबर्ग ने गूगल प्लस को खुद जॉइन कर इसका जायजा लिया है। गूगल प्लस पर एक फेक जुकरबर्ग नाम से और दो मार्क जुकरबर्ग नाम से प्रोफाइल नजर आए थे जिनमें से एक जल्द ही गायब हो गया। सीनेट ने इस बारे में गूगल से बात की तो उसका कहना था कि अभी यूजर ऑथेंटिकेशन नहीं किया जा सकता है। फेसबुक ने भी इस बारे में पुष्टि नहीं की है। सीनेट जैसी बड़ी टेक साइट के इस आकलन को टेक्नॉलजी दुनिया में गंभीरता से लिया जा रहा है। इससे संकेत मिलता है कि फेसबुक इस जंग को कितनी गंभीरता से ले रही है। इससे पहले 2009 में जुकरबर्ग ने खुद ट्विटर को जॉइन किया था।
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