बुधवार, 22 जून 2011

यथार्थ गीता : कर्मणैव हि संसिद्धि मास्थिता जनकादय:। लोकसड़ग्रहमेवापि सम्पश्यन्कर्तुमर्हसि।।


कर्मणैव हि संसिद्धि मास्थिता जनकादय:।

लोकसड़ग्रहमेवापि सम्पश्यन्कर्तुमर्हसि।।

जनक माने राजा नहीं, जनक जन्मदाता को कहते हैं। योग ही जनक है जो आपके स्वरूप को जन्म देता है, प्रकट करता है। योग से संयुक्त प्रत्येक महापुरुष जनक है। ऐसे योगसंयुक्त बहुत से ऋषियों ‘जनकादय:’- जनक इत्यादि ज्ञानीजन महापुरुष भी ‘कर्मणा एव हि संसिद्धिम्’- कर्म के द्वारा ही परमसिद्धि को प्राप्त हुए हैं। परमसिद्धि माने परमतत्व परमात्मा की प्राप्ति। जनक इत्यादि जितने भी पूर्व में होनेवाले महार्षि हुए हैं, इस कार्य कर्म के द्वारा, जो यज्ञ की प्रक्रिया है, इस कर्म को करके ही ‘संसिद्धिम्’- परमसिद्धि को प्राप्त हुए हैं। किन्तु प्राप्ति के पश्चात् वे भी लोकसंग्रह को देखकर कर्म करते हैं, लोकहित को चाहते हुए कर्म करते हैं। अत: तू भी प्राप्ति के लिये और प्राप्ति के पश्चात् लोकनायक बनने के लिये कार्यं कर्म करने के ही योग्य है। क्यों। 

अभी श्रीकृष्ण ने कहा था कि प्राप्ति के पश्चात् महापुरुष का कर्म करने से न कोई लाभ है और न छोड़ने से कोई हानि ही है, फिर भी लोकसंग्रह, लोकहित व्यवस्था के लिये वे भली प्रकार नियत कर्म का ही आचरण करते हैं।

यद्यदाचरित श्रेष्ठस्त्तदेवेतरो जन:।
स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते।।

श्रेष्ठ पुरुष जो-जो आचरण करता है, अन्य पुरुष्ज्ञ भी उसके अनुसार ही करते हैं। वह महापुरुष जो कुछ प्रमाण कर देता है, संसार एसका अनुसरण करता है। 

पहले श्रीकृष्ण ने स्वरूप में स्थित, आत्मतृप्त महापुरुष की रहनी पर प्रकाश डाला कि उसके लिये कर्म किये जाने से न कोई लाभ है और न छोड़ने से कोई हानि, फिर भी जनकादि कर्म में भली प्रकार बरतते थे। यहां उन महापुरुषों से श्रीकृष्ण धीरे से अपी तुलना कर देते हैं कि मैं भी एक महापुरुष हूं। 

मंगलवार, 21 जून 2011

तिनका तिनका तूफान में बिखरते चले गये







तिनका तिनका तूफान में बिखरते चले गये
तनहायी की गहराइयों में उतरते चले गये


उड़ते थे जिनके सहारे आसमां में हम
एक एक करके सब बिछड़ते चले ग
ये

बड़ी कोशिश के बाद उन्हें भूला दिया!



बड़ी कोशिश के बाद उन्हें भूला दिया!
उनकी यादों को दिल से मिटा दिया!


एक दिन फिर उनका पैगाम आया लिखा था मुझे भूल जाओ!
और मुझे भूला हुआ हर लम्हा याद दिला दिया!

लोकपाल पर बातचीत फेल, अन्ना करेंगे अनशन

नई दिल्ली।। लोकपाल कानून पर सरकार और सिविल सोसायटी के बीच महाभारत के पूरे आसार दिख रहे हैं। जॉइंट ड्राफ्ट कमिटी की आखिरी बैठक खत्म होने के कुछ देर बाद अन्ना ने कहा कि मजबूत लोकपाल बनाने की सरकार की इच्छा है ही नहीं। सरकार को हम सबक सिखाएंगे। 16 अगस्त से मैं फिर अनशन पर बैठूंगा। उन्होंने दो टूक कहा कि सरकार और सिविल सोसायटी के बीच बातचीत फेल हो गई है। 

इसके पहले लोकपाल बिल को तैयार करने के लिए बनी जॉइंट ड्राफ्ट कमिटी की आखिरी बैठक मंगलवार को निराशा के माहौल में खत्म हो गई। 6 मुद्दों पर सरकार और सिविल सोसायटी के बीच मतभेद बरकरार है। टीम अन्ना ने जहां सरकारी ड्राफ्ट पर गहरी निराशा जाहिर की वहीं केंद्र ने कहा कि वह दोनों पक्षों के ड्राफ्ट पर पॉलिटिकल पार्टियों से राय लेकर उसे कैबिनेट के सामने रखेगा। सरकार के ड्राफ्ट में प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में रखे जाने का जिक्र नहीं है

हत्या के आरोपी पम्प सिंह चार दिन के रिमांड पर

हत्या के आरोपी पम्प सिंह चार दिन के रिमांड पर

 बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिला मुख्यालय से ७ किलोमीटर दूर जसाई फांटे पर दो दिन पूर्व अपने ही साथी आज़म खान की हत्या करने वाले पम्प सिंह को आज सदर पुलिस ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्स पेश किया जन्हा न्यायाशिश  ने पैमप   सिंह को चार  पुलिस रिमांड पर भेज दिया.सदर थाना अधिकारी रमेश कुमार ने बताया की पैमप सिंह को चार दिन के रिमांड पर दिया हे .रिमांड अवधि में उससे हत्या के कारणों का खुलासा करने के लिए पूछताछ की जाएगी.

जेएनवीयू कुलपति प्रो. नवीन माथुर का निधन



जोधपुर। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नवीन माथुर का मंगलवार सुबह देहांत हो गया। वे 68 वर्ष के थे। सोमवार सुबह से उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था, उन्हें पेट दर्द की शिकायत के चलते उन्हें सोमवार सुबह अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वहां से उन्हें शाम छुट्टी दे दी गई थी। लेकिन मंगलवार सुबह फिर तबीयत बिगड़ी तथा उन्हें गोयल अस्पताल ले जाया गया। कुछ देर इलाज के बाद उनका देहांत हो गया। शाम 5 बजे कुलपति निवास से उनकी शवयात्रा रवाना होगी, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शामिल होने की भी संभावना है।
प्रो. माथुर की सुबह करीब 5 बजे तबीयत बिगड़ गई थी। उन्हें गोयल अस्पताल ले जाया गया, जहां कुछ देर इलाज के बाद उनका निधन हो गया। उनके निधन के समाचार मिलते ही विश्वविद्यालय के शिक्षक कर्मचारी, संबद्ध कॉलेजों के स्टॉफ व समाजसेवी संस्थाओं के अलावा कांग्रेस नेता भी कुलपति निवास एकत्र होना शुरू हो गए।

मृत्यु की खबर मिलते ही मेयर रामेश्वर दाधीच, पूर्व विधायक जुगल काबरा, प्रो. आरएल माथुर, सिंडीकेट सदस्य प्रो. चैनाराम चौधरी, डॉ. डूंगरसिंह खींची, शिक्षक संघ अध्यक्ष प्रो. गुलाबसिंह चौहान, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मोहन सिंह भाटी, सहायक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अशोक व्यास सहित कई कर्मचारी नेता, छात्रसंघ पदाधिकारी, एनएसयूआई व एबीवीपी पदाधिकारी उनके निवास पर पहुंचे।

ज्ञात रहे कि प्रो. माथुर ने कुलपति के रूप में 28 नवंबर 2009 को कार्यभार संभाला था। यह पहले ऐसे कुलपति थे, जिन्होंने शिक्षा जेएनवीयू से हासिल करने के बाद यही असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर के रूप में कार्य कर सेवा निवृत हुए तथा बाद में कुलपति बने। वे मैनेजमेंट विभाग के अध्यक्ष भी रह चुके थे।

अफीम के दूध के साथ पकड़े गए तस्कर की जमानत खारिज



बाड़मेर राजस्थान हाईकोर्ट ने दो किलो अफीम के दूध के साथ पकड़े गए एक मादक पदार्थों के तस्कर को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया है। यह आदेश अवकाशकालीन न्यायाधीश एनके जैन ने प्रार्थी आरोपी बाड़मेर जिले के चक धोलका निवासी जोगाराम के जमानत आवेदन की सुनवाई में दिए।
मामले के अनुसार पुलिस थाना सदर बाड़मेर को 29 मई 2011 को मुखबिर से सूचना मिलने पर पुलिस ने राष्ट्रीय राजमार्ग 15 पर स्थित चक धोलका फांटा के पास नाकाबंदी की तो प्रार्थी अभियुक्त को पैदल आते हुए देखा।
विधि अनुसार उसकी तलाशी लिए जाने पर एक प्लास्टिक की थैली में रखा हुआ 2 किलो अफीम का दूध उसके पास बरामद हुआ। इस पर उसे गिरफ्तार करते हुए अनुसंधान आरंभ किया गया। अदालत में सरकारी अधिवक्ता के आर विश्नोई ने यह कहते हुए आरोपी को अग्रिम जमानत देने का विरोध किया कि अभियुक्त के पास बरामद अफीम के दूध की मात्रा हालांकि वाणिज्यिक मात्रा से कम है, लेकिन उसके विरुद्ध विगत आठ दस वर्ष में इसी तरह के तीन मामले अदालत में दर्ज हो चुके हैं। 

पाक नागरिक की तबीयत बिगडऩे से मौत


जोधपुर। थार एक्सप्रेस से जोधपुर पहुंचे एक पाक नागरिक की सोमवार रात तबीयत बिगडऩे के बाद महात्मा गांधी अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस के अनुसार गर्मी के चलते उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। वह अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ औरंगाबाद जाने के लिए आए थे। पुलिस ने शव एमजीएच मोर्चरी में रखवाया है।
सरदारपुरा पुलिस ने बताया कि पाकिस्तान के कराची में काहिराबाद थानांतर्गत लाढी गुलिस्तान सोसाइटी निवासी सैय्यद वजीर अली (87) पुत्र सैय्यद खुर्शीद अली और उसका छोटा भाई सैय्यद बाबर अली (68) गत 17 जून को पाकिस्तान से भारत आए थे। थार एक्सप्रेस से वे 19 जून को जोधपुर पहुंचे। यहां से वे औरंगाबाद में रहने वाले अपने रिश्तेदार सैय्यद बसावत अली के यहां जाने वाले थे।
सोमवार रात एक निजी ट्रेवल एजेंसी की बस से वे औरंगाबाद के लिए रवाना हुए। बताया जाता है कि रोहट के निकट परिवहन विभाग के उडऩदस्ते ने किसी कारणवश बस को जब्त कर लिया। इसके चलते ये लोग रात्रि में वापस जोधपुर लौट आए। इसी दरम्यान सैय्यद वजीर अली (87) की तबीयत बिगड़ गई और उसे उपचार के लिए महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचाया गया। वहां रात करीब 11 बजे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव मोर्चरी में रखवाकर इनके दस्तावेजों की जांच शुरू की है।

लाश से बलात्कार और खून से लिख दिया ‘डॉन को पकड़ना मुश्किल है’



राजकोट। वीरपुर के पास मेवास सड़क पर बीते 16 जून को पुलिस पर हमला कर सरकारी जीप लूटने वाले चार आरोपियों को पुलिस ने एक मैटाडोर के साथ गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस की जीप लूटने के बाद आरोपियों ने बगोदरा के पास एक मैटाडोर चालक की हत्या कर लाश फेंक दी और मैटाडोर के साथ फरार हो गए थे। इसके कुछ समय बाद ही पुलिस को जानकारी मिली कि राजकोट निवासी विजय देवराज दाफडा, जैतपुर गांव का मुकेश अरजण खांट और तुरखा गांव का आनंदगिरी उर्फ अन्नो हरीगीरी गोस्वामी और उसका भाई मंगलगिरी चोरी का माल बेचकर वापस आ रहे हैं। इसी सूचना के बाद हरकत में आई पुलिस ने घेराबंदी करते हुए इन्हें धर दबोचा।
अब पुलिस रिमांड के बाद यह खतरनाक गैंग एक-एक कर सारे राज उगल रही है। पुलिस को उम्मीद है कि हत्या, चोरी, लूट, बलात्कार जैसी और कई वारदातों का ये आरोपी खुलासा करेंगे।

पांच हत्याएं कर चुका विजय अत्यंत क्रूर प्रकृति का है
पुलिस के बताए अनुसार इस गैंग का मुख्य आरोपी विजय देवराज दाफडा अत्यंत क्रृर प्रकृति का है। बताया जाता है कि उसने कम उम्र में ही खांडाधार गांव में एक 15 वर्षीय बालक के साथ प्रकृति विरुद्ध कृत्य कर उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद उसने महेश बाधा नामक एक लड़के की भी हत्या कर दी थी।
इसी तरह 2005 में कोटडासांगाणी गांव में एक दलित दंपत्ति अशोक हीराभाई और कमलाबेन की सोते समय हत्या कर उनके घर से साढ़े पांच लाख रुपए की लूट की थी। इसके बाद उसने मृत कमलाबेन से बलात्कार भी किया और दीवार पर खून से ‘डॉन को पकड़ना मुश्किल है’ लिखकर फरार हो गया।
इसकी हैवानियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अभी मात्र 7 दिन पहले ही वह जेल से छूटा और इसी बीच उसने दो लूट एक एक हत्या की घटना को भी अंजाम दे दिया।

ट्रक से कुचल कर सात पुलिसकर्मियों सहित नौ की मौत


सीतापुर। प्रदेश में सीतापुर जिले के अटरिया क्षेत्र में आज ट्रक से कुचल कर सात पुलिसकर्मियों समेत नौ लोगों की मौत हो गई।

पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि तड़के कुछ पुलिसकर्मी राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए हादसे के शिकार लोगों के बचाव अभियान पर निकले थे तभी तेज रफ्तार से जा रहे एक ट्रक ने उन्हें कुचल दिया। बाद में यह ट्रक पलट गया।

उन्होंने बताया कि इस घटना में अटरिया के थानाध्यक्ष पन्ना लाल सरोज, उपनिरीक्षक प्रेम नारायण मिश्र, सिपाही रवि तिवारी, राम कुमार रावत, राजनाथ तथा होमगार्डस के जवान अवधेश गुप्ता की मौके पर ही मौत हो गई।

सूत्रों ने बताया कि गम्भीर रूप से घायल तीन लोगों को लखनउ स्थित ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया जहां एक पुलिसकर्मी समेत दो लोगों ने दम तोड़ दिया।

उन्होंने बताया कि इस हादसे में ट्रक के चालक की भी मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर शवों को पोस्टमार्टम के लिये भेजा है।
 

बेटी होने पर अस्पताल में ही पत्नी की पिटाई




पटियाला। बेटा व बेटी के अंतर को खत्म करने के लिए सरकार भले ही लगातार कोशिशें कर रही है, लेकिन इसका लोगों की मानसिकता पर कितना असर पड़ रहा है इसका एक नजारा माता कौशल्या अस्पताल में देखने को मिला।

सनौर निवासी महिला लखविंदर कौर की गलती इतनी थी कि उसकी कोख से लड़की पैदा हुई और इसी बात से गुस्साए उसके पति गुरचरन सिंह ने वार्ड में ही घुसकर उसकी पिटाई कर दी।

खास बात तो यह है कि यह सब उस समय हुआ जब माता कौशल्या अस्पताल में नवजन्मे बच्चों की माताओं व अन्य परिजनों को बेटी का समाज में योगदान संबंधी जानकारी दी जा रही थी। समागम में मुख्यातिथि के तौर पर पहुंचे सेहतमंत्री सतपाल गोसाईं के भाषण खत्म हुए अभी कुछ ही समय हुआ था कि गुरचरन ने अपनी पत्नी की पिटाई के साथ-साथ ससुर गुरमीत सिंह के भी कपड़े फाड़ डाले।

गुरमीत सिंह ने बताया कि पहले भी लखविंदर की एक बेटी है जिसकी उम्र डेढ़ साल है। दूसरी बेटी के जन्म पर गुस्साए गुरचरन सिंह ने उनके साथ मारपीट की। गुरचरन सिंह को किसी सिक्योरिटी गार्ड ने नहीं रोका। उधर, एसपी दलजीत सिंह राणा ने बताया कि उन्हें वार्ड में एक व्यक्ति द्वारा मारपीट संबंधी सूचना मिली थी। मामले की जांच की जा रही है।

अनपढ़ बच्चों की संख्या के मामले में दूसरे नंबर पर बाड़मेर






बाड़मेर प्रदेश में सबसे अधिक अनपढ़ बच्चे जोधपुर जिले में हैं। जिले में ड्रॉपआउट और अनामांकित बच्चों की संख्या 80 हजार 66 के आंकड़े को छू गई है। अनपढ़ बच्चों की संख्या के मामले में दूसरे नंबर पर बाड़मेर है। वहां 80 हजार बच्चे अनामांकित और ड्रॉपआउट हैं। ये वे बच्चे हैं जो कभी स्कूल गए ही नहीं और गए भी तो बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी। इस बात का खुलासा चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम (सीटीएस) सर्वे रिपोर्ट में हुआ है।

गत वर्ष जुलाई से अगस्त माह के दौरान सीटीएस सर्वे हुआ था। इसमें पूरे राजस्थान में 12.10 लाख बच्चे ड्रॉपआउट व अनामांकित पाए गए। इनमें सर्वाधिक बच्चे जोधपुर जिले में हैं। सर्वे में जोधपुर का ओसियां ब्लॉक 15 हजार 732 अनामांकित और ड्रॉपआउट बच्चों के साथ पहले पायदान पर रहा। फलौदी (11 हजार 108) दूसरे, बाप (9 हजार 861) तीसरे, बिलाड़ा (8 हजार 490) चौथे, जोधपुर शहर (7 हजार 653) पांचवें, बालेसर (7 हजार 428) छठे, शेरगढ़ (6 हजार 662) सातवें, भोपालगढ़ (5 हजार 096) आठवें, लूणी (4 हजार 385) नौवें तथा मंडोर ब्लॉक (3 हजार 051) दसवें स्थान पर रहा।

एक शिक्षक दो बच्चों को दिलाएगा एडमिशन
अब एक शिक्षक को न्यूनतम दो बच्चों को स्कूल में एडमिशन दिलाना होगा। इसके साथ ही उस बच्चे के ठहराव, प्रशिक्षण की जिम्मेदारी भी उसी शिक्षक की होगी, जिसने उस बच्चे को प्रवेश दिलाया है। इसका रिकॉर्ड नोडल हैडमास्टर द्वारा रखा जाएगा।

संकल्प पत्र भरे जाएंगे
अनामांकित और ड्रॉपआउट बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए शिक्षक अभिभावकों से संकल्प पत्र भरवाएंगे। यह कार्य 1 से 31 जुलाई के मध्य होगा।

सूची चस्पां होगी
अब प्रत्येक ग्राम पंचायत या वार्ड में शिक्षा से वंचित बच्चों की सूची चुनिंदा स्थानों पर चस्पां की जाएगी, ताकि गांव के प्रबुद्धजन मिलकर शिक्षा से वंचित बच्चे को स्कूल में एडमिशन दिला सकें।

ग्राम सभा में फिल्म दिखाई जाएगी
शिक्षा से वंचित बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए जिला कलेक्टर द्वारा ली जाने वाली विशेष ग्राम सभाओं में एलसीडी प्रोजेक्टर से डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई जाएगी। इस पर होने वाला खर्च मैनेजमेंट कॉस्ट से वहन किया जाएगा।

माध्यमिक स्तर के शिक्षकों को भी जोड़ेंगे अभियान से
राजकीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के साथ शिक्षा विभाग माध्यमिक स्तर की ऐसी स्कूलों के शिक्षकों को भी दो अनामांकित या ड्रॉपआउट बच्चों को प्रवेश दिलाने के अभियान में शामिल किया जाएगा जहां छठी से आठवीं कक्षा चलती है।

स्कूल और शिक्षक सम्मानित होंगे
प्रदेश में 200 ग्राम पंचायतों में नामांकन में इजाफा हुआ है। इन ग्राम पंचायतों में 80 से 100 प्रतिशत नामांकन बढ़ाने वाली स्कूलों को ग्राम पंचायत की सिफारिश पर राज्य सरकार द्वारा 10 लाख रुपए और प्रत्येक ब्लॉक में एक शिक्षक को 2100 रुपए नकद दिए जाएंगे।

पंजाब में प्रवासी रैकेट का भंडाफोड़




चंडीगढ़।। पंजाब में एक प्रवासी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। राज्य के शहीद भगत सिंह नगर जिले से दो ट्रैवल एजेंटों को गिरफ्तार किया गया है और उनके पास से लगभग 1200 पासपोर्ट जब्त किए गए हैं। एक पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि दोनों गिरफ्तार एजेंट तीन और लोगों के साथ एक अवैध ट्रैवल एजेंसी चलाते थे।

पुलिस के मुताबिक यह इस राज्य का इस तरह का सबसे बड़ा मामला है। वैसे पंजाब में युवाओं में विदेश जाने के प्रति ज्यादा रुचि है और वे वैध या अवैध दोनों ही तरह से इसके लिए तैयार रहते हैं। एसबीएस नगर जिले एसपी नरिंदर भार्गव ने इन गिरफ्तारियों के बाद कहा कि पुलिस प्रवासी रैकेट से जुड़े अन्य तीन लोगों की गिरफ्तारी के लिए कई स्थानों पर छापेमारी कर रही है।

भार्गव ने कहा, 'हमें सूचना मिली थी कि अभियुक्त एक फर्जी वीजा अधिकारी को लाने जा रहे थे। उन्होंने संभावित प्रवासियों से कहा था कि वीजा अधिकारी उनसे मिलने के लिए आएंगे। हमने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।'

उन्होंने कहा, 'वीजा अधिकारी से लेकर प्रवासियों को दिए गए टिकट और अन्य दस्तावेजों सहित सब कुछ फर्जी थे। हमने इन यात्रा एजेंटों के पास से 1219 पासपोर्ट जब्त किए।'

ये ट्रैवल एजेंट अखबारों में दुबई व खाड़ी देशों में नौकरी के विज्ञापन निकाल युवाओं को प्रलोभन दे रहे थे। यहां तक कि उन्होंने संभावित प्रवासियों के लिए टिकट भी जारी कर दिए थे। बाद में पुलिस जांच में पता चला कि ये सभी टिकट फर्जी थे। 

'लाश' को जिन्दा देख आंखें फटी की फटी रह गईं!

गोरखपुर। शिखा दूबे मर चुकी थी। उसकी लाश झाड़ियों से मिलने के बाद परिवार ने मातम मना लिया था। उसका दाह संस्कार हो चुका था। अब तलाश थी तो सिर्फ उसके कातिल की। शक उसके प्रेमी दीपू यादव पर था। परिवार द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस जांच में जुटी थी। इस जांच में जो खुलासा हुआ, उसे सुनने और देखने के बाद लोगों की आंखें फटी की फटी रह गईं। सभी अचंभित थे। सोच में पड़ गए कि भला ऐसा भी कहीं होता है।
दरअसल जांच करती हुई पुलिस दीपू यादव तक पहुंची तो वहां शिखा को देख अचंभित रह गई। जिस शिखा का अंतिम संस्कार हो गया था, वह सामने जिन्दा खड़ी थी। पुलिस के दबाव डालने पर सच धीरे-धीरे सामने आने लगा। पर बहुत डरावना था।
दीपू यादव के मुताबिक, वह शिखा से बहुत प्यार करता है। दोनों शादी करना चाहते थे। समाज के डर से हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। एक दिन शिखा के दिमाग एक प्लान आया। उसने दीपू को बताया। फिर क्या था दोनों प्लान को अंजाम देने में जुट गए। दीपू ने पांच हजार में एक कॉलगर्ल को अपने जाल में फंसाया। उसकी कद-काठी बिल्कुल शिखा से मिलती जुलती थी।
कॉलगर्ल पूजा को लेकर दीपू गोरखपुर आया। दोनों कुसम्ही जंगल में गए। वहां पहले से ही शिखा और एक एक लड़का इनका इंतजार कर रहे थे। तीनों ने मिलकर पूजा का गला दबाकर हत्या कर दी। उसको शिखा के कपड़े पहनाकर पास की झाड़ियों में फेंक दिय़ा। इस तरह से शिखा को मरा हुआ साबित करने की नाकाम कोशिश की गई।
झाड़ियों में पड़ी लाश पुलिस को मिली। परिवार को विश्वास हो गया कि यही शिखा है। इस तरह से एक लड़की ने अपनी मौत की खुद ही साजिशकर्ता थी।
गोरखपुर रेंज के डीआईजी मुकेश बाबु शुक्ला के मुताबिक, इन दोनों ने 19 अप्रैल को ही कुसम्ही जंगल के बुढिया माई स्थान पर शादी कर लिया था। गोरखपुर विश्वविद्यालय में पढ़ने के दौरान दोनों का प्यार परवान चढ़ा था।

दो औरतों ने पहले लिया तलाक, फिर एक-दूसरे के पति से कर ली शादी




बीजिंग. यहाँ प्यार, बिछड़ने, शादी, तलाक और फिर शादी की एक ऐसी घटना घटी है जो किसी बॉलीवुड फिल्म को भी मात दे दे. ये ऐसे दो जोड़ों की कहानी है जिन्होंने पहले तो अपनी पत्नियों को तलाक दिया और फिर एक दूसरे की तलाकशुदा पत्नी से एक ही दिन शादी कर ली. इन चरों की उम्र 40 के आस-पास है.


दरअसल, 20 साल पहले लीं शान और ली ली एक दूसरे को प्यार करते थे और शादी करना चाहते थे. लेकिन परिवार वालों के विरोध की वजह से दोनों की शादी न हो सकी. शान की शादी जिओं होंग नामक लड़की से हो गई. जिओं के साथ भी बिलकुल ऐसा ही हुआ. वो जिस लड़के से प्यार करती थी वो बेहद गरीब था जिसकी वजह से उनकी भी आपस में शादी न हो सकी.

शादी के बाद जिओं ने अपने पूर्व प्रेमी हुंग गांग की मुलाकात अपने पति के गांव की एक लड़की से कराई. इत्तेफाक से वह जिओं के पति की पुरानी प्रेमिका ली ली निकली. इन दोनों ने आपस में शादी तो कर ली लेकिन इन चारों के रिश्ते कभी भी सामान्य न हो सके.

चारों के बीच आए दिन किसी न किसी बात पर लड़ाई झगड़े होने लगे. अंततः दोनों जोड़ों ने तलाक ले लेना ही बेहतर समझा और आपस में पत्नियों की अदला-बदली कर ली. हुईयन सिटी रजिस्ट्रार ऑफिस में दोनों ने एक-दूसरे की पत्नियों से शादी कर ली. मजे की बात है कि दोनों जोड़ों ने शादी के लिए जो तारीख चुनी वह एक ही थी.