रांची. घोर नक्सल प्रभावित राज्य झारखण्ड में नक्सलियों से लोहा लेने के लिए तैनात सीआरपीएफ के जवान अब खुद ब्लड डोनेट कर जमा कर रहे हैं। मुठभेड़ के समय या नक्सली हमले के बाद जब इन जवानों को फ़ौरन खून की जरुरत होती है तो इन्हें अस्पताल के ब्लड बैंक पर ही आश्रित रहना पड़ता है।
कई बार तो अस्पताल में खून नहीं रहने से स्थिति भयंकर हो जाती है। बाहर से खून मंगवाना पड़ता है। ऐसे में घायल जवान या अधिकारी की जिंदगी भंवर में फंसी रहती है। वैसे भी झारखण्ड में आये दिन नक्सलियों से इन जवानों की मुठभेड़ होते रहती है। नक्सली हमला करते रहते हैं।
ऐसे में खुद का खून खुद के लिए जमा कर रखना एक अच्छी और सूझबूझ भरी कोशिश है। सीआरपीएफ (सेंट्रल रिसर्व पुलिस फ़ोर्स ) के वरीय अधिकारी विवेक डाभाल ने बताया कि जवान खून जमा कर जहां एक ओर अपनी और अपने साथियों के जान की हिफाज़त कर रहे हैं वहीँ ऐसा कर वे आम लोगों को भी रक्तदान करने को लेकर जागरूक होने का सन्देश दे रहे हैं।
या तो पकड़ा जायेगा या फिर मारा जायेगा कुंदन पाहन
रांची और आसपास के इलाके में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा मओवादिओं का जोनल कमांडर कुंदन पाहन अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है। वो पुलिस और सीआरपीएफ के लिए सरदर्द बना हुआ है। कुंदन पाहन कभी भी और कहीं भी हमला करने में सक्षम है। शायद यही कारण है कि पुलिस को इसे पकड़ने के लिए नयी रणनीति बनानी पड़ रही है। सीआरपीएफ क़े अधिकारियों का दावा है कि कुंदन पकड़ा बहुत जल्द या तो पकड़ा जायेगा या फिर मारा जायेगा।
कई बार तो अस्पताल में खून नहीं रहने से स्थिति भयंकर हो जाती है। बाहर से खून मंगवाना पड़ता है। ऐसे में घायल जवान या अधिकारी की जिंदगी भंवर में फंसी रहती है। वैसे भी झारखण्ड में आये दिन नक्सलियों से इन जवानों की मुठभेड़ होते रहती है। नक्सली हमला करते रहते हैं।
ऐसे में खुद का खून खुद के लिए जमा कर रखना एक अच्छी और सूझबूझ भरी कोशिश है। सीआरपीएफ (सेंट्रल रिसर्व पुलिस फ़ोर्स ) के वरीय अधिकारी विवेक डाभाल ने बताया कि जवान खून जमा कर जहां एक ओर अपनी और अपने साथियों के जान की हिफाज़त कर रहे हैं वहीँ ऐसा कर वे आम लोगों को भी रक्तदान करने को लेकर जागरूक होने का सन्देश दे रहे हैं।
या तो पकड़ा जायेगा या फिर मारा जायेगा कुंदन पाहन
रांची और आसपास के इलाके में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा मओवादिओं का जोनल कमांडर कुंदन पाहन अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है। वो पुलिस और सीआरपीएफ के लिए सरदर्द बना हुआ है। कुंदन पाहन कभी भी और कहीं भी हमला करने में सक्षम है। शायद यही कारण है कि पुलिस को इसे पकड़ने के लिए नयी रणनीति बनानी पड़ रही है। सीआरपीएफ क़े अधिकारियों का दावा है कि कुंदन पकड़ा बहुत जल्द या तो पकड़ा जायेगा या फिर मारा जायेगा।