मंगलवार, 12 नवंबर 2019

नगर परिषद चुनाव बाडमेर* *सोसल इंजीनियरिंग के जरिये विधायक की कांग्रेस बोर्ड बनाने की कवायद*

नगर परिषद चुनाव बाडमेर*

*सोसल इंजीनियरिंग के जरिये विधायक की कांग्रेस बोर्ड बनाने की कवायद*

*भाजपा दे रही कड़ी टक्कर,अयोध्या फैसले से बढ़त की उम्मीद*

*BNT खास*

*सरहदी जिला मुख्यालय बाडमेर में नगर परिषद चुनावो में कांग्रेस भाजपा आमने सामने है तो कहीं कही निर्दलीय घुसपैठ साफ झलक रही है।इस चुनावो में दोनो दलों ने युवाओ को प्राथमिकता दी है ।।लम्बे समय बाद राजनीति की बिसात पर नए युवा चेहरे सामने आये है।।कांग्रेस का टिकट वितरण पूर्णत विधायक मेवाराम जैन पर आधारित है ।जैन में बेहतरीन सोसल इंजीनियरिंग कर उम्मीदवार उतारे।।मगर कुछ स्थानों पर अपनो से निजात नहीं पा सके।कांग्रेस की यही कमज़ोर कड़ी है।।विधायक खुद प्रत्येक उम्मीदवार पर अपनी नजर रखे है।।पूरी ताकत झोंकी है।।एक प्रत्यासी कांग्रेस का निर्विरोध आ चुका है।।कांग्रेस की रणनीति विधायक खुद बनाते है।।उनकी टीम इसको अंजाम देती है।मगर कुछ जगह उम्मीदवारों का चयन न्याय संगत नही लगता।।कुल मिलाकर कांग्रेस अभी ठीक ठाक स्थति में है।।इधर भाजपा के टिकट वितरण में लंबी खींचतान गुटबाज़ी चली।।डॉ प्रियंका चौधरी और अध्यक्ष दिलीप पालीवाल के बीच खींचतान जगजाहिर है।इसी का नतीजा है कि उमीदवारों के चयन में एक रूपता नहीं।।कुछ वार्डो में भाजपा के उम्मीदवार डमी नजर आ रहे है।।मसलन 15 वार्ड से सशक्त दावेदार छगन सिंह ने टिकट मांगी थी।।यह युवा हमेशा सर्व समाज के हित मे कार्य करते रहे है।जैन बाहुल्य इस वार्ड में छगन सिंह प्रभावी थे सामने सभापति के प्रबल दावेदार दमाराम माली थे।।दमाराम के प्रति कोई ज्यादा अच्छी प्रतिक्रिया नहीं आ रही।भाजपा के पास मौका था दमदार उमीदवार को हराने का भाजपा यहां गच्चा खा गई।।निष्प्रभावी प्रत्यासी उतार कांग्रेस को मौका दे दिया।।अलबत्ता कई वार्डो में गुटबाजी का असर दिख रहा है।।भाजपा आने वाले दिनों में कुछ वार्डों में अपनी स्थति सुधार ले तो कोई आश्चर्य नहीं।।अयोधया मन्दिर फैसला कोई चमत्कार कर जाए।।इसी बीच बड़ी संख्या में निर्दलीय दोनो दलों के तोते उड़ा चुके है।यह तय है इस बार अच्छी संख्या में आने की संभावना है।।कांग्रेस तय रणनीति,भाजपा तय गुटबाज़ी के सहारे चुनाव लड़ रही है।बाज़ी कौन मारेगा यह समय के गर्भ में है।।फिलहाल विधायक की सोसल इनजंयरिंग भारी उड़ती दिख रही है।।अभी आने वाले 4 दिनों में दोनो दल पूरी ताकत झोंकेंगे।।फिलहाल कांग्रेस के पास बहुमत की संभावना की किरण दिखी है।।

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