*जैसलमेर अब नगर परिषद के चुनाव परिणामो पर रहेगी नजर*
*परिणामो के बाद फिर बदलेगी रणनीतियां*
*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक*
*जेसलमेर शनिवार को शांति पूर्वक सम्पन हुए नगर परिषद चुनावो के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी नमित मेहता,पुलिस अधीक्षक डॉ किरण कंग सिंधु,पर्यवेक्षक डॉ जितेंद्र कुमार सोनी की पूरी टीम को बधाई।।चुनाव शांतिपूर्वक हुए।प्रशासन ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई।।अब सभी की नजर चुनाव परिणामो पर रहेगी।परिणाम चोंकाने वाले होंगे जिसके चलते दोनो दलों को अपनी रणनीतियों में परिवर्तन करना पड़ सकता है।।सभापति के लिए जोड़तोड़ शुरू हो गई है।।इस बार सभापति चुनाव वर्चस्व की लड़ाई में उलझा है।।कांग्रेस अपनो में उलझी है तो भाजपा अपने बोर्ड को निरंतर रख वर्चस्व कायम करने में जुटे है।भाजपा और कांग्रेस दोनो गुटबाज़ियो में उलझ कर रह गई है।भाजपा में पूर्व विधायको छोटू सिंह भाटी और सॉन्ग सिंह भाटी के बीच तो कांग्रेस में विधायक रूपाराम धनदे और काबीना मंत्री सालेह मोहम्मद के बीच वर्चस्व की लड़ाई है।।सभापति जिसका बनेगा उसका वर्चस्व कायम होगा।।अब तक कि गणित में कांग्रेस अभी पेशोपेश में है तो भाजपा ने सभापति लायक किसी व्यक्ति को मैदान में उतार नहीं पाए।।कांग्रेस के एक गुट ने कल से ही प्रत्यसियो कि बाड़ेबंदी करनी शुरू कर दी।।अभी परिणाम आने है परिणामो से पहले खेमेबंदी जल्दबाजी का नतीजा है।।वार्डो में सभी प्रत्यसियो ने जोराजमाइस कर जमकर वोट डलवाए ।।लगभग अस्सी फीसदी तक मतदान ले गए।।इसके बावजूद अधिकांश वार्डो में कोई भी दावे के साथ नही कह सकता कि वो जीत रहा।।जजेसलमेर के चुनावों के बाद जिले में कांग्रेस की राजनीति का नया ध्रुवीकरण दिखेगा।।यह तय है कि कांग्रेस दो फाड़ होने जा रही है।।भाजपा के नेताओ पर हार जीत का ज्यादा असर होगा क्योंकि वर्तमान में बोर्ड भाजपा का है बोर्ड बन गया तो ठीक नही तो कई नेताओं की राजनीति का अंत होगा।।कांग्रेस के कमोबेश हालात यही है जो अपना सभापति बनाएगा जिले और राज्य की राजनीति में उसी का वर्चस्व होगा।।कांग्रेस में स्थानीय गुटबाज़ी को अशौक गहलोत और सचिन पायलट से जोड़कर राजनीति गलियारों में देखा जा रहा है।।बहरहस 19 नवम्बर का इंतज़ार है।।किसकी राजनीति वर्चस्व कायम रहता है किसको पटखनी मिलती है देखने लायक होगा घमासान।।
*परिणामो के बाद फिर बदलेगी रणनीतियां*
*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक*
*जेसलमेर शनिवार को शांति पूर्वक सम्पन हुए नगर परिषद चुनावो के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी नमित मेहता,पुलिस अधीक्षक डॉ किरण कंग सिंधु,पर्यवेक्षक डॉ जितेंद्र कुमार सोनी की पूरी टीम को बधाई।।चुनाव शांतिपूर्वक हुए।प्रशासन ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई।।अब सभी की नजर चुनाव परिणामो पर रहेगी।परिणाम चोंकाने वाले होंगे जिसके चलते दोनो दलों को अपनी रणनीतियों में परिवर्तन करना पड़ सकता है।।सभापति के लिए जोड़तोड़ शुरू हो गई है।।इस बार सभापति चुनाव वर्चस्व की लड़ाई में उलझा है।।कांग्रेस अपनो में उलझी है तो भाजपा अपने बोर्ड को निरंतर रख वर्चस्व कायम करने में जुटे है।भाजपा और कांग्रेस दोनो गुटबाज़ियो में उलझ कर रह गई है।भाजपा में पूर्व विधायको छोटू सिंह भाटी और सॉन्ग सिंह भाटी के बीच तो कांग्रेस में विधायक रूपाराम धनदे और काबीना मंत्री सालेह मोहम्मद के बीच वर्चस्व की लड़ाई है।।सभापति जिसका बनेगा उसका वर्चस्व कायम होगा।।अब तक कि गणित में कांग्रेस अभी पेशोपेश में है तो भाजपा ने सभापति लायक किसी व्यक्ति को मैदान में उतार नहीं पाए।।कांग्रेस के एक गुट ने कल से ही प्रत्यसियो कि बाड़ेबंदी करनी शुरू कर दी।।अभी परिणाम आने है परिणामो से पहले खेमेबंदी जल्दबाजी का नतीजा है।।वार्डो में सभी प्रत्यसियो ने जोराजमाइस कर जमकर वोट डलवाए ।।लगभग अस्सी फीसदी तक मतदान ले गए।।इसके बावजूद अधिकांश वार्डो में कोई भी दावे के साथ नही कह सकता कि वो जीत रहा।।जजेसलमेर के चुनावों के बाद जिले में कांग्रेस की राजनीति का नया ध्रुवीकरण दिखेगा।।यह तय है कि कांग्रेस दो फाड़ होने जा रही है।।भाजपा के नेताओ पर हार जीत का ज्यादा असर होगा क्योंकि वर्तमान में बोर्ड भाजपा का है बोर्ड बन गया तो ठीक नही तो कई नेताओं की राजनीति का अंत होगा।।कांग्रेस के कमोबेश हालात यही है जो अपना सभापति बनाएगा जिले और राज्य की राजनीति में उसी का वर्चस्व होगा।।कांग्रेस में स्थानीय गुटबाज़ी को अशौक गहलोत और सचिन पायलट से जोड़कर राजनीति गलियारों में देखा जा रहा है।।बहरहस 19 नवम्बर का इंतज़ार है।।किसकी राजनीति वर्चस्व कायम रहता है किसको पटखनी मिलती है देखने लायक होगा घमासान।।
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