बीकानेर युद्धाभ्यास में सेना के कर्नल को गोली लगी, मौके पर ही मौत
राजस्थान के बीकानेर में एशिया की सबसे बड़ी युद्धाभ्यास की रेंज महाजन फायरिंग रेंज में गुरुवार को एक सैन्य अफसर की गोली लगने से मौत हो गई. यह हादसा युद्धाभ्यास के दौरान हुआ. इस हादसे में कर्नल एस राणा गोली ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. राणा 403 एयर डिफेंस विंग में तैनात थे. हादसे के बाद शव महाजन अस्पताल में लाया गया.बता दें कि दो महीने पहले इसी फायरिंग रेज में भारत और अमेरिका की सेना द्वारा संयुक्त युद्धाभ्यास 'व्रज प्रहार-2018' हुआ था. यह अभ्यास आतंकवाद से निपटने, दो सशस्त्र बलों की अंत: क्रियाशीलता को बढ़ाने और सेना को सैन्य सहयोग के लिए आगे बढ़ाने पर आधारित था.महाजन फायरिंग रेंज के चारों तरफ अथाह रेत का समन्दर है. यहीं पर गुरुवार को युद्धाभ्यास के दौरान कर्नल एस राणा को गोली लगी और उनकी मौत हो गई. इससे पहले सितंबर 2015 में पोखरण में भी सेना के एक अधिकारी की अभ्यास के दौरान मौत हो गई थी. मेजर ध्रुव यादव अभ्यास के दौरान अर्जुन टैंक पर सबसे आगे चल रहे थे, तभी अचानक मेजर की गर्दन के पिछले हिस्से में स्प्लिंटर जा लगा. कहा यह भी गया था कि यह हादसा अर्जुन टैंक का बैरल फटने से हुआ था. हालांकि इस बात की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो सकी थी.
राजस्थान के बीकानेर में एशिया की सबसे बड़ी युद्धाभ्यास की रेंज महाजन फायरिंग रेंज में गुरुवार को एक सैन्य अफसर की गोली लगने से मौत हो गई. यह हादसा युद्धाभ्यास के दौरान हुआ. इस हादसे में कर्नल एस राणा गोली ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. राणा 403 एयर डिफेंस विंग में तैनात थे. हादसे के बाद शव महाजन अस्पताल में लाया गया.बता दें कि दो महीने पहले इसी फायरिंग रेज में भारत और अमेरिका की सेना द्वारा संयुक्त युद्धाभ्यास 'व्रज प्रहार-2018' हुआ था. यह अभ्यास आतंकवाद से निपटने, दो सशस्त्र बलों की अंत: क्रियाशीलता को बढ़ाने और सेना को सैन्य सहयोग के लिए आगे बढ़ाने पर आधारित था.महाजन फायरिंग रेंज के चारों तरफ अथाह रेत का समन्दर है. यहीं पर गुरुवार को युद्धाभ्यास के दौरान कर्नल एस राणा को गोली लगी और उनकी मौत हो गई. इससे पहले सितंबर 2015 में पोखरण में भी सेना के एक अधिकारी की अभ्यास के दौरान मौत हो गई थी. मेजर ध्रुव यादव अभ्यास के दौरान अर्जुन टैंक पर सबसे आगे चल रहे थे, तभी अचानक मेजर की गर्दन के पिछले हिस्से में स्प्लिंटर जा लगा. कहा यह भी गया था कि यह हादसा अर्जुन टैंक का बैरल फटने से हुआ था. हालांकि इस बात की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो सकी थी.
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