*राजस्थान का एक मात्र लोकसभा क्षेत्र जंहा के चार सांसद विधायक रहे,पांचवा तैयारी में*
*बाड़मेर न्यूज ट्रैक*
*जातिगत समीकरणों में उलझे बाड़मेर जेसलमेर के विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी हलचल शुरू हो गई। यह राजस्थान का एक मात्र लोकसभा क्षेत्र है जंहा के चार सांसद विधायक भी रहे।।पांचवे सांसद रहे हरीश चौधरी भी इस बार विधायक बनने की आजमाइस करेंगे बायतु से।।
बाड़मेर। राज्य और केन्द्र दोनों की राजनीति करने वाले कम ही राजनेता है लेकिन बाड़मेर जिले के चार सांसदों ने विधायकी भी की है। राजनीतिक उलटफेर के मुताबिक खुद की राजनीति को बचाने या उसकी साख जमाने के लिए वे कभी सांसद का चुनाव लड़े तो बाद में विधानसभा में भी आ गए।
जिले में रामराज्य परिषद से तनसिंह बाड़मेर से 1952 एवं 1957 में वे विधायक रहे। 1962 में उन्होंने सांसद का चुनाव जीता और 1977 में एक बार फिर तनसिंह सांसद रहे। उनके सामने ही 1952 में कांग्रेस से चुनाव हारने वाले वृद्धिचंद जैन 1967 में पहली बार बाड़मेर से विधायक बने। लगातार तीन बार 1962,72 एवं 77 में विधायक रहे वृद्धिचंद 1980 और 1984 में सांसद बन गए। 1998 में फिर वे बाड़मेर के विधायक बने। इसी तरह बतौर सांसद अपनी पानी शुरू करते हुए कर्नल सोनाराम चौधरी 1996,1998 एवं 1999 में तीन बार कांग्रेस से सांसद बने। 2008 में वे राज्य की राजनीति में आ गए और बायतु से विधायक चुने गए। यहां उनकी पटरी नहीं बैठी और 2014 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली और फिर से सांसद हो गए। इसी तरह मानवेन्द्र ङ्क्षसह भी 2004 में बाड़मेर सांसद रहे लेकिन 2013 से वे शिव के विधायक हैं।
तनसिंह
सांसद : रामराज्य परिषद-1962
विधायक: रामराज्य परिषद -1952 एवं 1957
वृद्धिचंद जैन
सांसद : कांग्रेस- 1977 एवं 1980
विधायक: कांग्रेस 1967,1972,1977,1998
कर्नल सोनाराम चौधरी
सांसद : कांग्रेस 1996,1998,1999 एवं 2014 (भाजपा )
विधायक: कांग्रेस- 2008
मानवेन्द्र सिंह
सांसद : भाजपा- 2004
विधायक: भाजपा- 2013
*अब फिर तैयारी*
पूर्व सांसद हरीश चौधरी बायतु से टिकट के दावेदारों में है। मानवेन्द्र सिंह ने कमल का फूल मेरी भूल कहकर भाजपा छोड़ दी है। अब वे विधानसभा चुनाव नही लड़ रहे है। कर्नल सोनाराम चौधरी को भी बाड़मेर या बायतु विधानसभा से चुनाव लड़ाया जा सकता है।हरीश चौधरी बायतु से चुनाव लड़ सकटे है।।
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