शनिवार, 13 अक्तूबर 2018

ऐसे थे हमारे सांसद बाड़मेर के वाटरमैन सच्चे और ईमानदार जननेता विरधी चंद जैन*

ऐसे थे हमारे सांसद
*थार की राजनीतिक शख्सियत  *

*ऐसे थे हमारे सांसद बाड़मेर के वाटरमैन सच्चे और ईमानदार जननेता विरधी चंद जैन*

*दो बार सांसद और तीन बार विधायक रहकर भी सादा जीवन जीते*

*बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक*

बाड़मेर थार की राजनीति में कई नेता अमर हो गए। उनका कृतित्व आज भी बोल रहा। नेता बनना और नेता बन लोगो के दिलोदिमाग पे छा जाने बहुत कम नेताओ को नसीब होता है।।।
बाड़मेर जिले की राजनीति में विरधी चंद जैन का बड़ा नाम था।।ईमानदार और सच्चे व्यक्ति।।दो बार सांसद और तीन बार विधायक बनने के बावजूद साधारण जिंदगी जीते थे।।खागल मोहले में वही पुराना मकान जो लम्बे समय से मरम्मत मांग रहा था मगर वो भी नही हो पा रही थी।।जिला प्रमुख ,नगर पालिका अध्यक्ष भी रहे। लोगो से मेलमिलाप और सम्पर्क निरन्तर था। सबसे बड़ी विशेषता की गलत का कभी साथ नही देते।।जाति आधारित इस चुनावी क्षेत्र में विरधी चंद जैन जाट बाहुल्य बाड़मेर विधानसभा से तीन मर्तबा विधायक बने।।उस वक़्त बायतु क्षेत्र बाड़मेर विधानसभा का हिस्सा था।।दो बार सांसद पहुंचे।संसद में बाड़मेर की पेयजल समस्या को लेकर वो लगातार मुद्दे उठाते रहे। जब तक रहे बाड़मेर को पेयजल योजनाओं से जोड़ने की जोरदार पैरवी करते रहे।।बाड़मेर जिले में आज जो पेयजल योजनाए दिख रही है वो अधिकांस विरधी चंद जैन की देन है।।बाड़मेर के विकास कार्यो के लिए वो हमेशा अपनी पार्टी के बड़े नेताओ से झगड़ लेते थे।।इसी बात के बड़े नेता उनके मुरीद थे।।श्रीमती इंदिरा गांधी ,और राजीव गांधी उन्हें व्यक्तिगत जानते थे।।उनके आग्रह पर इंदिरा गांधी और राजीव गांधी बाड़मेर जैसलमेर के दौरे पे आये थे।।जैन होते हुए भी जाट मतदाता उनके भक्त थे।।

उन्होंने जागीरदारी प्रथा और सामन्तशाही का ताउम्र विरोध किया। उनके सामने उम्मीदवार भी क्षत्रिय होते थे ।उनकी राजनीति का यही सबसे बड़ा आधार था।वो सामन्तशाही को जमकर कोसते।।उनको दो बार हार का भी सामना करना पड़ा।।सिद्धांतो की लड़ाई में वो कभी पीछे नही सरकते।।कांग्रेस के सच्चेसिपाही थे।निडर और दबंग थे।।

*राजनीतिक कैरियर*

जैन 1980 से 1984 और 1984 से 1989 तक सांसद रहे।।तो 1972,1977 और 2003 में विधानसभा के सदस्य रहे।1950 से 53 तक नगर पालिक अध्यक्ष रहे।1959 से 1964 तक जिला प्रमुख रहे।अपने कार्यकाल में उन्होंने जनहित के बहुत से कार्य कारित किये।अब्दुल हादी उनके मित्र थे।।कानपुर के कॉलेज से एल एल बी की हुई थी वकालत की हुई थी।।उस वक़्त  एल एल बी करना बहुत मायने रखता था।।जैन विभिन से सामाजिक संगठनों से जुड़े रहे।।भारत सेवक समाज, होम्योपैथिक हॉस्पिटल, नेहरू युवा केन्द्र से जुड़ आम जन  की सेवा में जुटे रहते।

*ईमानदार और सच्चे इंसान*

जैन अपने जीवन मे बहुत ईमानदार रहे।उन्होंने स्वच्छ राजनीति की बिना किसी लाग  लपेट के। अपने समर्थकों के लिए वो किसी से भी अड़ जाते।।उन्होंने जातिवाद की राजनीति नही की।।जातिवाद के खिलाफ थे।।निस्वार्थ राजनीति के चलते ही वो अपना उत्तराधिकारी नही चुन पाए।।अपने परिवार में किसी को राजनीति में नही आने दिया।।कांग्रेस के सच्चे सिपाही के रूप में बो हमेशा याद किये जाते रहेंगे।।उनके नाम से बाड़मेर जिला मुख्यालय पर विरधी चंद जैन केंद्रीय बस स्टेंड बना हुआ है।।

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