सोमवार, 24 सितंबर 2018

*राजस्थान सरकार का सबसे बड़ा घोटाला* *PHED SCAM: 32000 करोड़ की पेयजल योजनाओं में खपाए घटिया क्वालिटी के पाइप

*राजस्थान सरकार का सबसे बड़ा घोटाला*

*PHED SCAM: 32000 करोड़ की पेयजल योजनाओं में खपाए घटिया क्वालिटी के पाइप*

*जीतेन्द्र शर्मा*

जयपुर। जलदाय विभाग में 32 हजार करोड़ की पेयजल योजनाओं में हजारों करोड़ के घटिया पाइपों को खपा दिया गया। लंबे समय से ठेका कंपनियों और इंजीनियर्स की मिलीभगत से चल रहे इस खेल ने विभाग की सभी पेयजल योजनाओं को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। विभाग की पेयजल योजनाओं में न केवल जैन ईरिगेशन, मिराज, आर्मप्लास्ट, तिरूपति, एक्वाकेयर, खेतान और इनोेवाप्लास्ट जैसी यूपीवीसी और एचडीपीई कंपनियों के पाइप फेल हुए हैं, बल्कि देश की टाटा डक्ट्रा, जिंदल शॉ और इलेक्ट्रोथर्म जैसी नामी डीआई कंपनियों पाइप भी फेल हो गए।

जलदाय विभाग के इंजीनियर्स ने इन घटिया पाइपों को ठेका और पाइप कंपनियों से मिलीभगत कर उन्हें पेयजल योजनाओं में लगा दिया। मजेदार बात तो यह है कि विभाग में डीआई, एचडीपीई और यूपीवीसी पाइप फेल होने के बाद भी इंजीनियर्स ठेका और पाइप कंपनियों को सही ठहराने में जुटे हुए हैं। दरअसल जलदाय विभाग में घटिया पाइपों को खपाने का खेल तो लंबे समय से चल रहा है, लेकिन 2014 में घटिया पाइपों की शिकायत मिलने के बाद तत्कालीन जलदाय मंत्री किरण माहेश्वरी ने विभाग में विजिलेंस एवं क्वालिटी कंट्रोल टीम का गठन किया। वर्ष 2015 में क्वालिटी कंट्रोल टीमों ने विभागीय पेयजल योजनाओं में काम में लिए जा रहे डीआई, एचडीपीई और यूपीवीसी पाइपों के सैंपल उठाकर उनकी केन्द्र सरकार की सैंट्रल इंस्टीट्यूट आॅफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी लैब सीतापुरा में जांच कराई तो विजिलेंस टीम और विभाग के अधिकारी सकते में आ गए। लैब की जांच में यूपीवीसी पाइपों के 70 प्रतिशत सैंपल फेल हो गए। एचडीपीई और डीआई पाइप कंपनियों के कई सैंपल भी जांच में फेल हो गए। वर्ष 2015 में क्वालिटी कंट्रोल विंग की ओर से प्रदेश के 33 जिलों में चल रही पेयजल योजनाओं में से 9 जिलों की योजनाओं में चल रहे कार्यों में से 256 योजनाओं से पाइपों के सैंपल लिए गए। क्वालिटी कंट्रोल विंग को प्रथम चरण में 224 पाइप सैंपलों की रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिसे देखकर क्वालिटी कंट्रोल विंग के अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। जांच रिपोर्ट में डीआई, एचडीपीई और यूपीवीसी पाइपों के 37 सैंपल पूरी तरह से फेल पाए गए। विभाग को बदनामी से बचाने और अधिकारी-इंजीनियर्स ने खुद की लापरवाही को छुपाने के लिए पूरे मामले को दबा दिया। जांच में जिंदल शॉ, टाटा डक्ट्रा और इलेक्ट्रोथर्म कंपनियों के डीआई पाइप फेल होने के बाद ठेका कंपनियों ने पाइप कंपनियों और इंजीनियर्स के साथ मिलकर मामले को दबाने का पूरा प्रयास किया, लेकिन निवाई-बीसलपुर पेयजल परियोजना में जिंदल शॉ कंपनी के घटिया पाइपों ने विभाग के अधिकारियों और ठेका कंपनियों के मनसूबों पर पानी फेर दिया। निवाई-बीसलपुर पेयजल पाइपलाइन के पाइप सेक्शनल टेस्टिंग के दौरान चार जगह से फट गए।

प्रोजेक्ट का काम देख रही मैसर्स एसपीएमएल कंपनी की ओर प्रोजेक्ट में बिछाए जा रहे जिंदल शॉ कंपनी के इन डीआई पाइपों की विभाग द्वारा एमएनआईटी जयपुर में जांच करवाई गई तो सारे पाइप टेस्टिंग में फेल हो गए। मीडिया में खबरें आने और विधानसभा में विपक्ष द्वारा मामले को लेकर जलदाय मंत्री को घेरने के बाद विभाग ने मैसर्स के बाद प्रोजेक्ट का काम कर रही मैसर्स एसपीएमएल कंपनी और पाइप कंपनी मैसर्स जिंदल शॉ को ब्लैकलिस्ट करने का नोटिस जारी किया था, लेकिन कंपनी की ओर से पेयजल योजना के पाइप बदलने का आश्वासन देने के बाद मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। सूत्रों के अनुसार निवाई-बीसलपुर परियोजना में डीआई पाइप फेल होने के मामले को दबाने के लिए मैसर्स एसपीएमएल कंपनी और मैसर्स जिंदल शॉ पाइप कंपनी को करोड़ों रूपए खर्च करने पड़े थे तब जाकर पूरा मामला फाइलों में दबा था। इतना ही विभाग में बड़ी संख्या में एचडीपीई और यूपीवीसी पाइप भी टेस्टिंग में फेल हो गए थे, लेकिन इंजीनियर्स और ठेका कंपनियों की मिलीभगत से इन पाइपों को पेयजल योजनाओं में खपा दिया गया।

-जिंदल शॉ, टाटा और इलेक्ट्रोथर्म डीआई कंपनियों के पाइप हुए फेल
जलदाय विभाग की पेयजल योजनाओं में लगाए जा रहे कई डीआई पाइप भी फेल हो गए। इनमें देश की नामी मैसर्स जिंदल शॉ, मैसर्स टाटा डक्ट्रा और मैसर्स इलेक्ट्रोथर्म जैसी कंपनियों के डीआई पाइप शामिल है। मैसर्स जिंदल शॉ कंपनी के डीआई पाइप निवाई-बीसलपुर पेयजल प्रोजेक्ट और ब्यावर-जवाजा पेयजल प्रोजेक्ट में फेल हो चुके हैं। इसी प्रकार मैसर्स टाटा डक्ट्रा कंपनी के डीआई पाइप बीसलपुर-सांभर पेयजल प्रोजेक्ट, भरतपुर-डीग पेयजल प्रोजेक्ट और किशनगढ़ पेयजल प्रोजेक्ट में फेल हो चुके हैं। मैसर्स इलेक्ट्रोथर्म कंपनी के डीआई पाइप बूंदी वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट और भवानीमंडी पिपलाद पेयजल प्रोजेक्ट में फेल..

*जनप्रहरी एक्सप्रेस से साभार*

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