बुधवार, 26 सितंबर 2018

फैसला / एसपी अमरजीत बलिहार के हत्याकांड में प्रवीर दा और सनातन बास्की को फांसी की सजा

फैसला / एसपी अमरजीत बलिहार के हत्याकांड में प्रवीर दा और सनातन बास्की को फांसी की सजा

दुमका.  नक्सली हमले में पाकुड़ के तत्कालीन एसपी अमरीज बलिहारी समेत छह पुलिस जवानों की हत्या से संबंधित पांच साल पुराने मामले में आरोपी प्रवीर दा और सनातन बास्की को फांसी की सजा सुनाई है। ये फैसला दुमका के चतुर्थ जिला एवं सत्र न्यायाधीश तौफीकुल हसन की विशेष अदालत ने सुनाया है। छह सितंबर को दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया गया था और फैसले के लिए 26 सितंबर की तारीख तय की गई थी।

दोष सिद्ध नहीं होने पर पांच आरोपियों को किया था बरी
दुमका के चतुर्थ जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश तौफीकुल हसन की अदालत ने काठीकुंड थाना कांड संख्या- 55/013 और सत्र वाद संख्या 232/013 अशोक कुमार बनाम सतन बेसरा बगैरह मामले में दोनों पक्षों की ओर से बहस सुनने के बाद मामले में सात नामजद आरोपियों में से सनातन बास्की उर्फ ताला दा और प्रवीर दा को दोषी करार दिया गया था। जबकि अन्य पांच आरोपी सतन बेसरा, मानवेल मुर्मू लोबिन मुर्मू, वकील हेम्ब्रम और मानवेल मुर्मू को संदेह का लाभ देते हुए दोष मुक्त करार देकर रिहा करने का फैसला सुनाया गया।
पुलिस ने सात नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था
जिले के काठीकुंड थाना क्षेत्र के जमनी गांव के समीप दो जुलाई 2013 को दिन में ही नक्सली दस्ते ने पाकुड़ के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अमरजीत बलिहार सहित छह पुलिस जवानों पर नक्सली दस्ते ने हमला कर दिया था। इसमें पाकुड़ के पूर्व एसपी समेत छह पुलिस के जवान शहीद हो गए थे। घटना के दिन अमरजीत बलिहार सुरक्षा कर्मियों के साथ दुमका में पुलिस उपमहानिरीक्षक की बैठक से वापस पाकुड़ लौट रहे थे। इस घटना को लेकर काठीकुंड के पूर्व थाना प्रभारी अशोक कुमार के बयान पर सात नामजद सहित 30-35 नक्सलियों के खिलाफ हत्या व सीएलए एक्ट के तहत मामले दर्ज किए गए। जांच के दौरान पुलिस ने सात नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।
2 जुलाई 2013 की है घटना
घटना 2 जुलाई 2013 को काठीकुंड थाना क्षेत्र के जमनी गांव के पास हुई थी। एसपी बलिहार सुरक्षाकर्मियों के साथ दुमका में पुलिस उपमहानिरीक्षक की बैठक में भाग लेने के बाद पाकुड़ लौट रहे थे। तभी जमनी गांव के पास नक्सलियों ने हमला कर दिया। इसमें एसपी बलिहार समेत छह पुलिस जवान शहीद हो गए। इस मामले में काठीकुंड के तत्कालीन थाना प्रभारी अशोक कुमार के बयान पर सात नामजद सहित करीब 35 नक्सलियों के खिलाफ हत्या और सीएलए एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था।

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