अन्ना अनशनः राजनीतिक लोगों के लिए नो एंट्री, आंदोलन में साथ आने के लिए ये शर्त करनी पड़ेगी पूरी
दिल्ली के रामलीला मैदान में अन्ना हजारे एक बार फिर जन आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में कोई भी शामिल हो सकता है। लेकिन इसके लिए एक शर्त है। उसको एक हलफनामे पर हस्ताक्षर करने होंगे।
जिस पर लिखा है कि आंदोलन में हिस्सा लेने वाला व्यक्ति कभी किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होगा और न ही वह कभी कोई चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कहा कि वह सुनिश्चित करें कि जीवन में सिर्फ अच्छे काम और समाजसेवा करेगा। अन्ना ने कहा कि मैं किसी राजनीतिक दल या समूह से जुड़े लोगों को इस स्टेज पर नहीं चढ़ने दूंगा।
बता दें कि रामलीला मैदान से अन्ना हजारे ने एक बार फिर हुंकार भरी है। इस बार वह सक्षम किसान, सशक्त लोकपाल और चुनाव सुधार की मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठ गए हैं। उनके समर्थन में बड़ी तादाद में लोग रामलीला मैदान में पहुंचे है। अन्ना ने सत्याग्रह के मंच पर किसी भी राजनेता के प्रवेश पर रोक की बात कही है।
साथ ही कहा कि राजनीति से संबंधित इस्तीफे का शपथ पत्र भरकर ही कोई भी राजनीति से जुड़ा इंसान उनके मंच को सांझा कर सकता है। अन्ना ने कहा कि सक्षम किसान, सशक्त लोकपाल और चुनाव सुधार की मांगों को जब तक केन्द्र सरकार नहीं मानती वह अनशन नहीं तोड़ेंगे।
इससे पहले शुक्रवार को अन्ना हजारे महाराष्ट्र सदन से राजघाट पहुंचे थे, जहां उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा को नमन किया। वहां से बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित शहीदी पार्क पहुंचकर उन्होंने शहीद भगत सिंह और सुखदेव और राजगुरु को श्रृद्धांजलि दी। उसके बाद अन्ना ने रामलीला मैदान पहुंचकर लोगों को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि सरकार उनके आंदोलन को दबाना चाहती है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आंदोलन में शामिल होने के लिए बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों पर दिल्ली के बॉर्डरों के बाहर ही रोके जाने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली आने वाली कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया गया है।
दिल्ली के रामलीला मैदान में अन्ना हजारे एक बार फिर जन आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में कोई भी शामिल हो सकता है। लेकिन इसके लिए एक शर्त है। उसको एक हलफनामे पर हस्ताक्षर करने होंगे।
जिस पर लिखा है कि आंदोलन में हिस्सा लेने वाला व्यक्ति कभी किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होगा और न ही वह कभी कोई चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कहा कि वह सुनिश्चित करें कि जीवन में सिर्फ अच्छे काम और समाजसेवा करेगा। अन्ना ने कहा कि मैं किसी राजनीतिक दल या समूह से जुड़े लोगों को इस स्टेज पर नहीं चढ़ने दूंगा।
बता दें कि रामलीला मैदान से अन्ना हजारे ने एक बार फिर हुंकार भरी है। इस बार वह सक्षम किसान, सशक्त लोकपाल और चुनाव सुधार की मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठ गए हैं। उनके समर्थन में बड़ी तादाद में लोग रामलीला मैदान में पहुंचे है। अन्ना ने सत्याग्रह के मंच पर किसी भी राजनेता के प्रवेश पर रोक की बात कही है।
साथ ही कहा कि राजनीति से संबंधित इस्तीफे का शपथ पत्र भरकर ही कोई भी राजनीति से जुड़ा इंसान उनके मंच को सांझा कर सकता है। अन्ना ने कहा कि सक्षम किसान, सशक्त लोकपाल और चुनाव सुधार की मांगों को जब तक केन्द्र सरकार नहीं मानती वह अनशन नहीं तोड़ेंगे।
इससे पहले शुक्रवार को अन्ना हजारे महाराष्ट्र सदन से राजघाट पहुंचे थे, जहां उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा को नमन किया। वहां से बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित शहीदी पार्क पहुंचकर उन्होंने शहीद भगत सिंह और सुखदेव और राजगुरु को श्रृद्धांजलि दी। उसके बाद अन्ना ने रामलीला मैदान पहुंचकर लोगों को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि सरकार उनके आंदोलन को दबाना चाहती है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आंदोलन में शामिल होने के लिए बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों पर दिल्ली के बॉर्डरों के बाहर ही रोके जाने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली आने वाली कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया गया है।
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