बेअंत सिंह हत्याकांड: ह्यूमन बॉम्ब के तार जोड़ने वाले तारा को मरते दम तक जेल
चंडीगढ़.पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या के मामले में शामिल जगतार सिंह तारा (39) को जिला कोर्ट ने मरते दम तक कैद की सजा सुनाई है। उसे 25 हजार जुर्माना भी देना होगा। बुड़ैल जेल में स्पेशल कोर्ट के जरिए केस की सुनवाई चल रही थी। हत्याकांड के बाद तारा को दिल्ली से पकड़ा गया था, लेकिन 2004 में वह दो साथियों हवारा और भ्यौरा के साथ चंडीगढ़ स्थित बुड़ैल जेल से फरार हो गया था। नवंबर 2015 में उसे थाईलैंड से गिरफ्तार किया गया। तारा ने कबूला था कि उसी ने हत्याकांड के लिए मानव बम बने दिलावर सिंह और बलवंत सिंह राजोआणा को सेक्रेटेरिएट के गेट तक अंबेसडर कार में छोड़ा था। दिलावर के शरीर पर बंधे बम के तार भी उसने जोड़े थे। कार भी उसी ने दिल्ली से खरीदी थी।
मौके पर ही हो गई थी बेअंत सिंह की माैत
घटना 31 अगस्त, 1995 की शाम की है। तत्कालीन सीएम बेअंत सिंह चंडीगढ़ स्थित सचिवालय से यूटी गेस्ट हाउस जाने की तैयारी में थे। वहां अफसरों के तबादलों संबंधी मीटिंग थी। कुछ नेताओं के साथ वह लिफ्ट से नीचे उतरे और अंबेसडर कार की तरफ बढ़े। जैसे ही वह गाड़ी में बैठे, धमाका हो गया। उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी।
15 पर चला केस, एक हो चुका बरी
हत्याकांड में 15 आरोपी थे, 9 पर केस चला जबकि 6 भगोड़े हैं। पकड़े आरोपियों में तारा, राजोआणा, गुरमीत, नसीब, शमशेर, नवजोत, लखविंदर, हवारा और भ्यौरा शामिल थे। राजोआणा और हवारा को फांसी सुनाई गई थी। हवारा की फांसी उम्रकैद में बदली जा चुकी है। नवजोत बरी हो चुका है। बाकी को उम्रकैद हुई है।
सीबीआई वकील ने कहा-फांसी हो
सीबीआई के वकील ने कोर्ट से तारा को फांसी की सजा देने की मांग की। वकील का कहना था ये ‘रेअरेस्ट ऑफ द रेअर’ केस है और इसमें फांसी की सजा दी जानी चाहिए। अगर फांसी नहीं तो उम्रकैद तो जरूर दी जानी चाहिए।कोर्ट में माैजूद परिजनों ने कहा कि वे कोर्ट के फैसले से संतुष्ट हैं।
जेल के बाहर तारा, खालिस्तान और भिंडरावाला जिंदाबाद के नारे लगाए
सुनवाई के दौरान जेल के बाहर बड़ी तादाद में तारा के समर्थक इकट्ठा थे। जगतार सिंह तारा को सजा होने के बाद उसके समर्थकों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। समर्थक सुबह से ही बुडैल जेल के बाहर इक्ट्ठा होना शुरू हो गए थे और वहीं पर उन्होंने प्रदर्शन किया। पुलिस के मुताबिक समर्थकों ने देशविरोधी कोई भी एक्टिविटी नहीं की। इसके चलते उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। वहीं समर्थकों का प्रदर्शन शांतिपूर्ण हुआ, जिसके चलते उनके खिलाफ प्रिवेंटिव एक्शन भी नहीं लिया गया है।
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