बाड़मेर। धरती बचाने की इस मुहिम में आप भी हों शामिल
2007 में सिडनी ने की थी शुरुआत
अर्थ ऑवर 2007 में सिडनी में शुरू हुआ। वहां पर्यावरण सुरक्षा का संदेश देने के लिए एक घंटे तक लाइटें बंद कराई गई थीं। दुनिया में इसे पहचान वर्ल्ड वाइड फंड ने दिलाई। संस्था ने इसे कार्बन पॉल्यूशन के खिलाफ सबसे बड़ा प्रदर्शन कहा। इसके अनुसार, करीब 180 देशों के 7 हजार से ज्यादा शहर इसका हिस्सा बन चुके हैं।
कोशिश छोटी है, पर बड़ा बदलाव ला सकती है
सवाल है कि हमें अर्थ आवर का हिस्सा क्यों बनना चाहिए। कहने को तो यह छोटी सी कोशिश है। लेकिन एक घंटे में बड़ी बचत करा जाती है। सोच में बड़ा बदलाव ला सकती है। वे समझेंगे कि ऊर्जा हमेशा के लिए नहीं है। इसमें वक्त लग सकता है। लेकिन एक दिन यह मुहिम सफल होगी।
आज रात 8.30 से 9.30 बजे तक बन्द रखे इलेक्ट्रोनिक उपकरण
भारत ही नहीं बल्कि पूरे देश में मनाया जाने वाला अर्थ डे 24 मार्च को यानी शनिवार को है। अर्थ आवर डे, यानी धरती को बचाने के लिए एक कदम बढ़ाने का दिन। यह एक अभियान है, लोगों को बिजली का महत्व समझाने और इसे बचाने के प्रति जागरूक करने का। मौका है इस कोशिश में पूरी दुनिया के साथ एकजुट होने का। हमें सिर्फ 24 मार्च को एक घंटे के लिए घर की सभी लाइट्स और इलेक्ट्रॉनिक अप्लायंसेस स्विच ऑफ रखने हैं। रात 8.30 बजे से 9.30 बजे तक।
2007 में सिडनी ने की थी शुरुआत
अर्थ ऑवर 2007 में सिडनी में शुरू हुआ। वहां पर्यावरण सुरक्षा का संदेश देने के लिए एक घंटे तक लाइटें बंद कराई गई थीं। दुनिया में इसे पहचान वर्ल्ड वाइड फंड ने दिलाई। संस्था ने इसे कार्बन पॉल्यूशन के खिलाफ सबसे बड़ा प्रदर्शन कहा। इसके अनुसार, करीब 180 देशों के 7 हजार से ज्यादा शहर इसका हिस्सा बन चुके हैं।
कोशिश छोटी है, पर बड़ा बदलाव ला सकती है
सवाल है कि हमें अर्थ आवर का हिस्सा क्यों बनना चाहिए। कहने को तो यह छोटी सी कोशिश है। लेकिन एक घंटे में बड़ी बचत करा जाती है। सोच में बड़ा बदलाव ला सकती है। वे समझेंगे कि ऊर्जा हमेशा के लिए नहीं है। इसमें वक्त लग सकता है। लेकिन एक दिन यह मुहिम सफल होगी।
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