जैसलमेर, केन्द्रीय अध्ययन दल ने सूखा
प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया
जैसलमेर, 23 जनवरी। भारत सरकार के अन्तरमन्त्रायलिक केन्द्रीय अध्ययन दल ने मंगलवार को जैसलमेर जिले के सूखा प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर हालात का जायजा लिया तथा बैठक कर जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों तथा संबंधित विभागाधिकारियों से चारा, पानी व राहत प्रबंधन पर की गई व्यवस्थाओं पर समीक्षा की।
केन्द्रीय अध्ययन दल में के.एस.निवास, संयुक्त शासन सचिव, डी.ए.सी तथा एफ.ए, डाॅ.सुभाष चन्द्र, निदेषक डी.ए.सी तथा एफ.ए एवं अनिल ढिल्लन, डी.जी.एम, एफ.सी.आई जयपुर ने कलेक्ट्रेट सभागार में राज्य के आपदा प्रबंधन तथा राहत सचिव हेमन्त गैरा व जिला कलक्टर कैलाष चन्द मीना, विधायक छोटूसिंह भाटी एवं यूआईटी के अध्यक्ष डाॅ.जितेन्द्रसिंह के साथ संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ सूखा प्रभावित तहसीलों पर पशुओं की चारा व रहन सहन व्यवस्था, पेयजल एवं अन्य प्रबंधन की विस्तार से जानकारी ली।
जिला कलक्टर मीना ने संक्षिप्त प्रस्तुतिकरण के साथ जिले की जैसलमेर, पोकरण, फतेहगढ व भणियाणा तहसीलों के प्रभावित क्षेत्रों की में सूखे तथा इससे प्रभावित जन-धन तथा पषुधन की जानकारियंा प्रदान की। उन्होंनें सूखे के मध्यनजर आवष्यक केन्द्रीय सहायता का प्रस्ताव प्रस्तुत किया। जिला कलक्टर ने बताया कि जिले में खरीफ की अच्छी फसल के लिए कम से कम 3 बार निष्चित अन्तराल से बारिष की जरूरत होती है लेकिन इस बार केवल 1 बार ही बरसात हुई जिससे जिले में फसल खराबा हुआ तथा चारा व पानी की दिक्कत पैदा हुई है।
इस मौके पर विधायक छोटूसिंह भाटी ने बताया कि जैसलमेर पषु बाहुल्य जिला है एवं यहां पर अकाल एवं सूखे से लोगों के साथ-साथ पषुधन भी अत्यधिक प्रभावित होता है इसलिए केन्द्र सरकार को विषेष भौगोलिक परिस्थिति के मध्यनजर राहत प्रबंधन की सीमा 90 दिन से बढाकर अधिक समय तक की जानी चाहिए। उन्होंनंे बताया कि जिले में सूखे से 32 लाख से अधिक पशुधन प्रभावित है।
इस अवसर पर संयुक्त शासन के.एस.निवास ने राज्य में सूखे की गिरदावरी रिपोर्ट के आधार पर अधिसूचना जारी होने के बाद किए गए राहत प्रबंधों की जानकारी ली। उन्होंनंे बताया कि दल ने जिले के सूखा प्रभावित क्षेत्रों का व्यापक भ्रमण किया है तथा दल वस्तु स्थिति के साथ अपने अनुषंसा में अधिकतम राहत उपलब्ध करवाने का प्रयास करेगा।
इससे पूर्व आपदा प्रबंधन तथा राहत सचिव हेमन्त गेरा ने बाडमेर-जैसलमेर जिलों की रेगिस्तानी विषेष परिस्थितियों से अवगत कराया। वहीं जिला कलक्टर कैलाष चन्द मीना ने सूखा प्रभावित स्थिति की जानकारी दी। बैठक में विधायक छोटूसिंह भाटी, नगरपरिषद सभापति श्रीमती कविता खत्री, नगर विकास न्यास अध्यक्ष डाॅ.जितेन्द्रसिंह समेत जनप्रतिनिधि तथा विभागीय अधिकारी मौजूद थें।
इससे पूर्व केन्द्रीय अध्ययन दल ने जैसलमेर तथा सम तहसील के सूखा प्रभावित क्षेत्रों का अवलोकन किया। दल सर्वप्रथम फतेहगढ तहसील के मण्डाई पंचायत मुख्यालय गया। यहां उन्होंनंे मौके पर ग्रामीणों से खरीफ की फसल के खराबे की जानकारी ली। बाद में दल ने सांगढ में श्री मामडियाई गौषाला का निरीक्षण किया तथा गौषाला में गायों के लिए की गई व्यवस्थाओं की जानकारी ली। दल ने देवीकोट के केहरे फकीर की ढाणी में ग्रामीणों से इस बार हुई वर्षा तथा खरीफ की फसल खराबे के बारे में पूछताछ की। बाद में दल जैसलमेर तहसील के डाबला पंचायत मुख्यालय गया जहां उपस्थित ग्रामीणों से अकाल के हालातों पर चर्चा की । दल के साथ आपदा प्रबंधन एवं राहत सचिव हेमन्त गैरा, जिला कलक्टर कैलाष चन्द मीना तथा अतिरिक्त जिला कलक्टर के.एल.स्वामी मौजूद रहें।
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सुविख्यात मरू महोत्सव 2018 की तैयारियां जोरो पर,
अधिकारियों ने लिया व्यवस्थाओं का जायजा
जैसलमेर, 23 जनवरी। मरू महोत्सव 2018 के तैयारियों के संबंध में डेडानसर मैदान में यूआईटी सचिव अषोक आसेजा, नगरपरिषद आयुक्त झब्बरसिंह, उप निदेषक पर्यटक स्वागत केन्द्र भानुप्रताप, खेल अधिकारी लक्ष्मणसिंह, खेमेन्द्रसिंह जाम ने मरू महोत्सव की तैयारियों का जायजा लिया।
उप निदेषक पर्यटक स्वागत केन्द्र भानुप्रताप ने बताया कि मैदान में नगरपरिषद व एयरफोर्स की तरफ से सफाई व्यवस्था तथा पानी का छिडकाव करवाया गया है तथा विष्व विख्यात कैमल टैटू शो के लिए बी.एस.एफ ऊंटों का प्रदर्षन किया जाएगा। इसके साथ जैसलमेर की भारपारकर गायों की नस्ल की एग्जीबिषन पषुपालन विभाग द्वारा लगाई जाएगी। एयरफोर्स द्वारा एयर वाॅरियर ड्रील प्रदर्षन किया जाएगा। पुलिस विभाग व बी.एस.एफ के बीच कब्बडी मैच खेला जाएगा। इस बार महिला दंगल के साथ पुरूष दंगल की टीम भरतपुर से आकर प्रदर्षन करेगी। इसके साथ ही विभिन्न प्रतियोगिता केमल डेकोरेषन प्रतियोगिता, शान-ए-मरूधरा प्रतियोगिता, रस्सा कषी भारतीयों व विदेषी पुरूषों की प्रतियोगिता, पणिहारी मटका रेस आदि कार्यक्रम डेडानसर मैदान में आयोजित किए जाएगें।
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