बाड़मेर, एएए के सहयोग से आंगनबाडी में नक्शा बनाकर प्रदर्शित करें :- मिशन निदेशक, एनएचएम
वीडियो कोंफ्रेंस के माध्यम से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अपर
मुख्य सचिव और शासन सचिव व मिशन निदेशक ने एएए (एएनएम, आशा सहयोगिनी और
आंगनबाडी कार्यकर्ता) को दिए निर्देश
बाड़मेर, 10 जनवरी 18। प्रदेश में आमजन को चिकित्सा, स्वास्थ्य और पोषण
सेवाएं समेकित रूप से उपलब्ध कराने के लिए एएनएम, आशा सहयोगियों और
आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए बुधवार को चिकित्सा विभाग
के उच्चाधिकारियों ने वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से राजसंगम कार्यक्रम
के तहत संवाद किया। इस दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य
सचिव श्रीमती वीनू गुप्ता ने एएनएम, आशा और आंगनबाडी कार्यकर्ता को बेहतर
कार्य करने के प्रेरित किया। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में आमजन को
चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाएं उपलब्ध कराने में तीनों की
महत्वपूर्ण भूमिका बताते हुए कहा कि आपसी सामन्जस्य स्थापित कर कार्य
करें, ताकि गर्भवती महिलाओं, बच्चों तथा आमजन को बेहतर सेवाएं मिल सके।
चिकित्सा विभाग के शासन सचिव एवं मिशन निदेशक श्री नवीन जैन ने बताया कि
राजसंगम अवधारणा का शुभारंभ 20 दिसम्बर 2017 को मुख्यमंत्री द्वारा किया
गया था। आमजन को चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाएं समेकित रूप से टीम
भावना से कार्य कर उपलब्ध कराने के उददेश्य के लिए राज्य के सभी जिला
मुख्यालय, ब्लॉक स्तर के अधिकारी, बीसीएमओ, बीपीएम, बीएचएस, सीएचसी,
पीएचसी में कार्यरत चिकित्सा अधिकारी प्रभारी, सभी एलएचवी, पीएचसी आशा
सुपरवाइजर, महिला एवं बाल विकास विभाग से एलएस, एएनएम, आंगनबाडी
कार्यकर्ता व आशा सहयोगिनियों को कुल 20 बैच के अनुसार प्रशिक्षण दिया
जाएगा। वीसी के दौरान फिल्म दिखाकर गांव का नक्शा बनाने की तैयारी,
क्रियान्वित करने के बाद लाभार्थियों की पहचान कर सेवाएं उपलब्ध कराने की
जानकारी भी दी गई। मिशन निदेशक श्री जैन ने बुधवार को वीसी में उपस्थित
सभी एएनएम, आशा सहयोगिनियों और आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को एक माह में अपने
आंगनबाडी के एरियावार नक्शा बनाकर आंगनबाडी केंद्र में प्रदर्शित करने के
निर्देश दिए। उन्होंने गांव का नक्शा बनाने के बाद उसमें बने घरों पर
नंबर लिखने और घरों में रहने वाले परिवारों की पहचान करने का भी तरीका
बताते हुए कहा कि नक्शे का सरपंच, वार्ड से सत्यापन के बाद आंगनबाडी
केंद्र पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए। इसके बाद एएनएम, आंगनबाडी
कार्यकर्ता और आशा सहयोगिनी संयुक्त रूप से अपने अपने रिकार्ड के अनुसार
लाभार्थियों की पहचान कर उनको सेवाएं उपलब्ध करवाए। निदेशालय स्तर से
वीडियो कान्फ्रेंस में परियोजना निदेशक मातृ स्वास्थ्य डॉ तरूण चोधरी,
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। जिला आशा समन्वयक
राकेश भाटी ने बताया की जिला स्तर से आरसीएचओ डॉ प्रीत मोहिंदर सिंह,
डीपीएम सचिन भार्गव, जिला आशा समन्वयक राकेश भाटी तथा ब्लाक स्तर से सभी
बीसीएमओ, बीपीएम, बीएचएस, चिकित्सा अधिकारी प्रभारी, पीएचसी आशा
सुपरवाइजर, एएनएम, आशा व आंगनबाडी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
वीडियो कोंफ्रेंस के माध्यम से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अपर
मुख्य सचिव और शासन सचिव व मिशन निदेशक ने एएए (एएनएम, आशा सहयोगिनी और
आंगनबाडी कार्यकर्ता) को दिए निर्देश
बाड़मेर, 10 जनवरी 18। प्रदेश में आमजन को चिकित्सा, स्वास्थ्य और पोषण
सेवाएं समेकित रूप से उपलब्ध कराने के लिए एएनएम, आशा सहयोगियों और
आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए बुधवार को चिकित्सा विभाग
के उच्चाधिकारियों ने वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से राजसंगम कार्यक्रम
के तहत संवाद किया। इस दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य
सचिव श्रीमती वीनू गुप्ता ने एएनएम, आशा और आंगनबाडी कार्यकर्ता को बेहतर
कार्य करने के प्रेरित किया। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में आमजन को
चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाएं उपलब्ध कराने में तीनों की
महत्वपूर्ण भूमिका बताते हुए कहा कि आपसी सामन्जस्य स्थापित कर कार्य
करें, ताकि गर्भवती महिलाओं, बच्चों तथा आमजन को बेहतर सेवाएं मिल सके।
चिकित्सा विभाग के शासन सचिव एवं मिशन निदेशक श्री नवीन जैन ने बताया कि
राजसंगम अवधारणा का शुभारंभ 20 दिसम्बर 2017 को मुख्यमंत्री द्वारा किया
गया था। आमजन को चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाएं समेकित रूप से टीम
भावना से कार्य कर उपलब्ध कराने के उददेश्य के लिए राज्य के सभी जिला
मुख्यालय, ब्लॉक स्तर के अधिकारी, बीसीएमओ, बीपीएम, बीएचएस, सीएचसी,
पीएचसी में कार्यरत चिकित्सा अधिकारी प्रभारी, सभी एलएचवी, पीएचसी आशा
सुपरवाइजर, महिला एवं बाल विकास विभाग से एलएस, एएनएम, आंगनबाडी
कार्यकर्ता व आशा सहयोगिनियों को कुल 20 बैच के अनुसार प्रशिक्षण दिया
जाएगा। वीसी के दौरान फिल्म दिखाकर गांव का नक्शा बनाने की तैयारी,
क्रियान्वित करने के बाद लाभार्थियों की पहचान कर सेवाएं उपलब्ध कराने की
जानकारी भी दी गई। मिशन निदेशक श्री जैन ने बुधवार को वीसी में उपस्थित
सभी एएनएम, आशा सहयोगिनियों और आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को एक माह में अपने
आंगनबाडी के एरियावार नक्शा बनाकर आंगनबाडी केंद्र में प्रदर्शित करने के
निर्देश दिए। उन्होंने गांव का नक्शा बनाने के बाद उसमें बने घरों पर
नंबर लिखने और घरों में रहने वाले परिवारों की पहचान करने का भी तरीका
बताते हुए कहा कि नक्शे का सरपंच, वार्ड से सत्यापन के बाद आंगनबाडी
केंद्र पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए। इसके बाद एएनएम, आंगनबाडी
कार्यकर्ता और आशा सहयोगिनी संयुक्त रूप से अपने अपने रिकार्ड के अनुसार
लाभार्थियों की पहचान कर उनको सेवाएं उपलब्ध करवाए। निदेशालय स्तर से
वीडियो कान्फ्रेंस में परियोजना निदेशक मातृ स्वास्थ्य डॉ तरूण चोधरी,
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। जिला आशा समन्वयक
राकेश भाटी ने बताया की जिला स्तर से आरसीएचओ डॉ प्रीत मोहिंदर सिंह,
डीपीएम सचिन भार्गव, जिला आशा समन्वयक राकेश भाटी तथा ब्लाक स्तर से सभी
बीसीएमओ, बीपीएम, बीएचएस, चिकित्सा अधिकारी प्रभारी, पीएचसी आशा
सुपरवाइजर, एएनएम, आशा व आंगनबाडी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
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