बेटी ने सुनाई नशे में धुत बाप की 'हैवानियत की कहानी'
ये कहानी हर उस घर की है जहां शराब पीने के बाद बच्चे अपने मम्मी अाैर पापा की लड़ाई देखते हैं। मासूमाें के मुंह से बरबस ही निकल पड़ता है..जीना है तो पापा शराब मत पीना।महोबा के बुंदेलखंड नवोदय महाविद्यालय पचपहरा में नशा मुक्ति अभियान के तहत नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। जिसमें छात्राओं ने जीना है तो पापा, शराब मत पीना गीत के साथ शानदार प्रस्तुति दी।
गीत और नाटक के माध्यम से नशे की लत से होने वाले दुष्परिणाम बताए गए। इस दौरान छात्राओं ने लोगों को नशा मुक्ति की शपथ दिलाई। नशा मुक्ति अभियान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर पंचायत अध्यक्ष मटौध सुधीर सिंह व गरुणदास स्कूल की प्रधानाचार्या अनीता सिंह ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण के साथ किया। इस मौके पर महाविद्यालय के प्राचार्य डा. उमाकांत त्रिपाठी ने कहा कि युवा पीढ़ी तेजी से नशे की लत में है। जिससे तमाम परिवार बर्बादी के मुहाने पर खड़े है।हम सभी को मिलकर युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के प्रयास कराने होंगे। तभी परिवार, गांव व देश तरक्की कर सकेगा। उन्होंने छात्र छात्राओं को नशे से दूर रहने को प्रेरित किया। कार्यक्रम प्रमुख डा. एस के सिंह ने नशे को जीवन का अभिशाप बताया। इसके बाद छात्राओं ने नशा मुक्ति से जुड़े तमाम गीत प्रस्तुत किए। जीना है तो पापा शराब मत पीना थीम पर नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी।
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