सोमवार, 25 सितंबर 2017

जैसलमेर चोरी और अपराध का ग्राफ बढ़ा, पुलिस को कम सफलता शहर की चिन्ता सोशल मीडिया पर



जैसलमेर चोरी और अपराध का ग्राफ बढ़ा, पुलिस को कम सफलता

शहर की चिन्ता सोशल मीडिया पर


- एक तरफ 16 वर्षीय बालिका की मौत तो दूसरी तरफ 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला को लूटा गया
- चोरी और अपराध का ग्राफ बढ़ा
- चोरों को पकड़ने, चोरी हुआ माल जब्त करने और अपराध रोकने में पुलिस को कम सफलता
- पुलिस कप्तान और विभाग के लिए चुनौती बरकरार

आनंद एम् वासु की खास रिपोर्ट 
जैसलमेर । रविवार को शहर में घटी दो दुर्घटनाओं से शहर की पब्लिक में भय व्याप्त हो गया है । यह डर सोशल मीडिया पर देखा जा सकता है । शहर में बढ़ रहे अपराध पर लोगों की जुबान पर चर्चा है तो सोशल मीडिया पर ‘शहर की शांति पर ग्रहण‘ बताया जा रहा है । जागरूक नागरिक सवाल कर रहे हैं कि श्हमारे शहर में चोर और अपराध का ग्राफ क्यों बढ़ रहा है ? ये चोर और अपराधी कहां से आए ? क्या हमारे शहर के लोग लुटेरे हैं ?

चोरी और अपराध का ग्राफ बढ़ा

रविवार को सामने आए अपराध के दो मामलों में एक तरफ 16 वर्षीय बालिका की मौत वहीं दूसरी ओर 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला को लूटा गया । गड़ीसर से मिली बालिका की लाश के पोस्टमार्टम के बाद हत्या का संदेह व्यक्त करते हुए परिजनों में मामला दर्ज करवाया है । जैसलमेर में अपराध कम होने के बजाय बढ़ रहे है नहरी क्षेत्र की हालात किसी से छुपे नहीं है। शहर में चोरियों की संख्या में भी खासा इजाफा हुआ है । वाहनों की चोरियां आए दिन, आम और व्यस्त जगहों से हो रही है । वाहनों के लिए न गलियां सुरक्षित और न ही कॉलोनियां सुरक्षित । यहां तक जिला कलक्टर कार्यालय के सामने और पुलिस थाने से महज कुछ कदम दूर सरकारी अस्पताल से वाहन भी चोरी हो चुके हैं । आम से लेकर खास आदमियों तक के वाहन चोरी हो चुके हैं । चोरी की अन्य वारदाताएं भी सामने आती रहती है ।

बाहरी लोगों के सत्यापन की चर्चा

जैसलमेर शहर बढ़ रहा है । जिले की आबादी बढ़ रही है, बाहरी लोग भारी मात्रा में बढ़ रहे लेकिन सोशल मीडिया सहित चर्चा में एक प्रश्न है कि उस अनुपात में क्या पुलिस बल और उसका कार्य पर्याप्त है? बाहरी लोगों के सत्यापन की बात समयकृसमय पर उठती रही है और सोमवार के राजस्थान पत्रिका के अंक में भी इस मुद्दे को पुनरू प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है ।

ऐरिया के बीट कांस्टेबल की नजर और पकड़ कम ?

शहर में पुलिस की व्यवस्था अनुसार ऐरिया वाईज बीट कांस्टेबल बनाए हुए है जो उस क्षेत्र की हर संदिग्ध घटना और व्यक्ति पर नजर रखे और उसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दे । लेकिन इस जिम्मेदारी में कोई धार नहीं दिखाई दी है अब तक ।

चोर पुलिस पर हावी ?

शहर भर में वाहन चोरी की लगभग 40 से ज्यादा मामलों की सूची हो सकती है । लेकिन पुलिस कार्रवाई में 10 से 20 प्रतिशत तक ही चोर और चोरी का माल बरामद हो सका है । चोरी के मामलों में चोर और माल बरामद करने में पुलिस को आंशिक सफलता ही मिली है जिससे कि पीड़ितों को राहत और न्याय मिलना अभी बाकी है । कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं होगी कि चोर पुलिस पर हावी होते नजर आ रहे हैं ।

पुलिस कप्तान को चुनौती

हालांकि जैसलमेर के पुलिस कप्तान अपनी टीम के साथ चोरों और अपराधियों को पकड़ने के लिए मुश्तैद हैं लेकिन शातिर चोर उनसे आगे निकल जाते हैं । हत्याओं की कुछ गुत्थियों को सुलझाने में सफल हुई पुलिस कप्तानी से लोगों में उम्मीदें है कि वे शहर में बढ़ रही वाहन चोरियों पर अंकुश लगाने में कामयाब होंगे । पुलिस कप्तान सहित पुलिस महकमें के लिए जैसलमेर में चोरियां और अपराध चुनौती है जिसके लिए कप्तान की पूरी टीम तैयार है ।

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