जयपुर एसीबी ने फर्जी एसीबीअधिकारी बनकर वसूली करने वाले को गिरफ्तार किया
जयपुर 9 अगस्त। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मुख्यालय टीम द्वारा बुधवार को कार्यवाही करते हुए एसीबी का फर्जी अधिकारी बनकर वसूली करने वाले साहिल राजपाल को गिरफ्तार किया है। इस फर्जी अधिकारी को पीएचईडी विभाग के अधिकारियों व अन्य लोगों को स्पूफिंग के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय कॉल कर चौथ वसूली करने के आरोप में एसीबी द्वारा गिरफ्तार किया गया है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस श्री आलोक त्रिपाठी ने बताया कि फरवरी माह में एसीबी में यह शिकायत प्राप्त हुई थी कि कोई शख्स एसीबी का अधिकारी बनकर पीएचईडी के अभियन्ताओं को फोन कर रहा है एवं कह रहा है कि आप के खिलाफ एसीबी में शिकायत है जिसका मैं निपटारा करवा दूंगा। इसके बदले में आपको मुझे 10 लाख रूपये देने होंगें एवं मेरे से डेढ़ लाख रूपये ले भी चुका है।
श्री त्रिपाठी ने बताया कि प्रदेश का सम्भवतः यह पहला मामला है जिसमें स्पूफिंग अन्तर्राष्ट्रीय गेटवे इंटरनेट कॉलिंग द्वारा एसीबी की कार्यवाही का भय दिखा कर एसीबी के अधिकारियों से काम करवाने की एवज में पैसे की मांग की गई। महत्वपूर्ण एवं तकनीकी होने से जांच महानिरीक्षक श्री सचिन मित्तल को दी गई। श्री मित्तल ने इसकी विस्तृत जांच कर पर्दाफाश किया कि आरोपी साहिल राजपाल द्वारा आईटी का उपयोग कर इंटरनेट कॉल द्वारा सरकारी अधिकारियों के पास एसीबी के अधिकारियों के फोन नंबर दर्शाकर स्पूफिंग कॉलिंग कर चौथ वसूली का काम किया जा रहा था। श्री मित्तल ने पूरी साजिश का पर्दाफाश किया जिस पर एसीबी ने आरोपी साहिल राजपाल के खिलाफ केस दर्ज किया।
श्री त्रिपाठी ने बताया कि इसी तरह का कॉल एसपीएमएल कंपनी को भी किया गया जिसकी शिकायत उक्त कंपनी ने सीबीआई में की। ज्ञात होने पर उक्त परिवाद भी सीबीआई से प्राप्त कर जांच एसीबी द्वारा की गई। उन्होंने बताया कि साहिल राजपाल द्वारा इस तरह के कॉल कई लोगों को किए गए ताकि वह उनसे चौथ वसूली कर सके।
श्री त्रिपाठी ने बताया कि एसीबी ने आरोपी साहिल राजपाल के खिलाफ केस दर्ज कर आज साहिल राजपाल को बी-वन एमएलए क्वार्टर जालूपुरा जयपुर से गिरफ्तार किया है। अग्रिम तफतीश पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम द्वारा की जा रही है।
श्री शंकरदत्त शर्मा पुलिस अधीक्षक के नाम का किया इस्तेमाल
एस.पी.एम.एल. कम्पनी के चर्चित प्रकरण में पी.एच.ई.डी. के अभियन्ताओं और एस.पी.एम.एल. कम्पनी के अधिकारियों के नाम आए थे। श्री शंकरदत्त शर्मा द्वारा ही उक्त प्रकरण की तफतीश की जा रही थी। अभियुक्त साहिल द्वारा उक्त अभियन्ताओं और अधिकारियों को श्री शंकरदत्त के नाम से ही कॉल किये थे। श्री शंकरदत्त की अच्छी शोहरत होने के कारण एक अभियन्ता ने स्वंय एसीबी में आकर मामले की सूचना श्री शंकरदत्त एवं एसीबी के एडीजी को दी।
किस तरह इंटरनेट कॉल की गई
महानिरीक्षक श्री सचिन मित्तल ने बताया कि इंटरनेट द्वारा हुई कॉल का पता करने के लिए विभिन्न देशों की कम्पनियों से सम्पर्क किया गया। एक कॉल नौ देशों की कम्पनियों के जरिये टारगेट तक पहुंचा। सभी नौ देशों से रिपोर्ट प्राप्त कर आरोपी तक पहुंचा जा सका।
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