मंगलवार, 18 जुलाई 2017

बाछडाऊ। कुशल भवन के प्रांगण में पहली बार चातुर्मास की धूम

बाछडाऊ। कुशल भवन के प्रांगण में पहली बार चातुर्मास की धूम             
   
रिपोर्ट :- कपिल मालू /  बाड़मेर 
     
बाछडाऊ । वर्षावास चातुर्मास के दौरान बाछडाउ नगर में कुशल भवन के प्रांगण में प्रातः8.30 बजे से 09.30 बजे तक चलने वाली वीतराग वाणी में प्रवचन का शुभारंभ मंगलाचरण से किया गया। भव्य प्राणियों को सम्बोधित करते हुए साध्वी अनन्तदर्शनाश्रीजी ने फरमाया कि चातुर्मास एक आराधना करने का महान आलम्बन है। आत्मोध्यान की विशिष्ट क्रियाओं का उपक्रम है। एक प्रकार का आध्यात्मिक शिविर है जीवन परिवर्तन के संस्कारो की विशिष्ट प्रकिया के साथ आध्यात्मिक संस्कारो का नया बीजारोपण करने का  अनमोल अवसर है चातुर्मास। आत्मा की समीपता को प्राप्त करने का सशक्तत माध्यम है चातुर्मास। आत्मा के अनादि कालीन कषायों को दुर्बल करने के लिए चातुर्मास आवश्यक ही नहीं अनिवार्य है।साध्वी श्री ने फरमाया की ईस संसार के भवभव के बंधन से मुक्त होने के लिए तन से ही नहीं अपितु मन से तप जप धर्म आराधना करना अतिआवश्यक है बीना तप जप के संसार मे जन्म मरण के चक्र से मुक्त होना नामुमकिन है।साध्वी ने कहा कि  भवोभव बन्धन से मुक्त तथा अनन्त काल से जुड़े हुए संसार चक्र में कर्म चक्र तोड़ने हेतु धर्म चक्र में प्रवेश कर क्रोध का कैंसर मान का मलेरिया माया का डायबिटीज लोभ का ट्यूमर को मिटाने हेतु आया है यह चातुर्मास का अवसर ही सर्वश्रेष्ठ अवसर है।प्रवचन के अंत में महिलाओं व पुरुषों को प्रवचन के आधारित प्रश्न पुछे गयें और विजेता को उपहार दिये गए।जैन श्री संघ बाछडाउ के विनित मालू ने बताया कि दोपहर 2 बजे  से 3  बजे तक चलने वाले महिलाओं के शिविर में साध्वी अनन्तदर्शना ने रिश्तों को महकाएं जीवन बगिया सरसाए विषय पर कहा कि पति.पत्नी का रिश्ता सभी रिश्तों का निचोड़ होता है। साध्वी श्री ने दांपत्य जीवन सुखमय कैसे हो पर कई प्रसंग सुनाकर अपनी बात कही। जब हम एक दूसरे की गलती को मानना सीख ले और चुप रहना सीख ले तो जीवन सुखमय रहता है।जैन श्री संघ बाछडाउ के अध्यक्ष प्रकाश मालू ने बताया कि चातुर्मास के दौरान प्रतिदिन 3 से 4 बजे तक चलने वाले बालिकाओं के शिविर में साध्वीश्री द्वारा जैन आगम पढाए जा रहे है जिसमें स्वाध्याय कराकर अंत के 10 मिनट मे प्रशनोतर पुछे जाते हैं और रात को  9 बजे से  10  बजे तक चलने वाले प्रतिदिन पुरुषों की क्लास में स्वाध्याय कराकर व श्रावक के नियमों को बताया जाता है।ईस छोटे से नगर में चातुर्मास प्रवेश से लेकर अबतक 6 स्वामीवात्सल्य जैसे कार्यक्रम सानंद संपन्न हुए।पहली बार बाछडाउ नगर में चातुर्मास हुआ जहा धर्ममय माहौल बना हुआ है।मालू ने बताया कि प्रतिदिन आयंम्बिल, सांकली ,अट्ठम ;तेला, सिद्धितप आदि चल रहे हैं। आज बुधवार से से पंचरंगी तप प्रारंभ हो रहा है। 28 जुलाई  को 22वें तीर्थकर परमात्मा नेमिनाथ भगवान के जन्मकल्याणक महोत्सव के पावन प्रसंग पर साध्वी अनन्तदर्शना श्रीजी म. सा. आदि ठाणा 3 की निश्रा में पंचकल्याणक महोत्सव का भव्यतिभव्य कार्यक्रम सुबह 9 बजे रखा गया है ।
Image may contain: 2 people, indoor

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें