ब्यावर.इंसानियत फिर शर्मसार, मारकर भी नहीं मिला चैन तो आंखों में तेजाब डालकर किया एेसा दिल दहलाने वाला काम
जवाजा थाने के कालादड़ा गांव की एक खदान में रविवार सुबह प्रौढ़ का क्षत-विक्षत शव मिलने से सनसनी फैल गई। शव पर धारदार हथियार के कई घाव मिले हैं। मामले की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण खदान के बाहर एकत्र हो गए।
शव को अमृतकौर चिकित्सालय की मोर्चरी पहुंचाया गया, जहां ग्रामीणों सहित विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन करते हुए आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग की। शाम छह बजे तक शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका। आक्रोशित लोग पूरे जवाजा थाने के निलंबन की मांग पर अड़ गए। खबर लिखे जाने तक मोर्चरी के बाहर लोगों का जमावड़ा हो रखा था।
ग्राम पंचायत सुरडिय़ा के निकट स्थित ग्राम कालादड़ा निवासी माधु मेहरात (55) शनिवार शाम किसी कार्य से घर से निकला। देर रात तक नहीं लौटने पर परिजन ने उसकी तलाश शुरू की। रविवार सुबह आठ बजे माइंस पर काम करने आए श्रमिकों ने वहां प्रौढ़ का शव लहूलुहान हालत में पड़ा देखा। उनकी सूचना पर पुलिस उप अधीक्षक सी. एस. सोढ़ा व जवाजा थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई।
मृतक के शरीर पर धारदार हथियार से वार किए गए थे। इस कारण चारों ओर खून बिखरा हुआ था। उसकी आंखों से भी झाग निकल रहे थे। माना जा रहा है कि कोई केमिकल या तेजाब आंखों में डाला गया है। पुलिस ने आस-पास के लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि पिछले कुछ समय से गांव के कुछ लोगों को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं।
ग्रामीणों ने पुलिस उप अधीक्षक को बताया कि गत दिनों ब्यावर में हुई सम्राट पृथ्वीराज चौहान जयंती रैली में हिस्सा लेकर लौट रही महिलाओं व युवकों के साथ कुछ लोगों ने रास्ता रोक कर मारपीट की। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के कुछ लोग कार्यक्रम में हिस्सा लेने जाने की बात पर आक्रोशित थे। उन्होंने धर्मांतरण नहीं किए जाने पर जान से मारने की धमकी दी थी।
आरोपित युवक गांव के लोगों पर धर्मांतरण का दबाव बना रहे हैं। इसकी लिखित शिकायत गत दिनों जवाजा थाने में दी गई। मृतक के परिजन व ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इसके बावजूद थाने के दीवान रमजान ने शिकायत लेकर टेबल की दराज में रख ली। आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाए पीडि़त पक्ष को ही धमकाया गया। महिलाओं ने उनके साथ छेड़छाड़ व जबरन धर्मांतरण कराए जाने का आरोप लगाया था।
फिर भी पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं होने से आरोपितों के हौसले बुलंद हो गए। दीवान ने केवल पांच लोगों के खिलाफ शांतिभंग में कार्रवाई करके इतिश्री कर ली, जबकि शिकायत दस लोगों की हुई थी। विरोध कर रहे लोगों का कहना था कि जो आरोपित बाहर रहे उन्होंने ही धर्मांतरण नहीं किए जाने के कारण माधु मेहरात की हत्या की है।
आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस उप अधीक्षक से इनके खिलाफ कार्रवाई के साथ दीवान रमजान सहित पूरे थाने के निलम्बन की मांग की। खबर लिखे जाने तक कार्रवाई नहीं होने से पोस्टमार्टम नहीं हो सका। विरोध के दौरान प्रमोद शर्मा, हेमन्त कुमावत, पृथ्वीराजसिंह, आनन्दसिंह, लालसिंह, चिमनसिंह छोटूसिंह आदि मौजूद थे।
पांच जनों को लिया हिरासत में
ग्रामीणों ने बताया कि गत दिनों कालादड़ा निवासी संतोष ने पुलिस को छेड़छाड़ की शिकायत दी थी। दीवान रमजान ने मेवा, बाबू, पुखराज व माना के खिलाफ शांतिभंग का मामला दर्ज किया। इन्हें बाद में न्यायालय में पेश करने पर जेल भेज दिया, जबकि शिकायत में बलदेव, सुरेश, पांचू, रहीमा व भोला के नाम भी थे। इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इन्हीं पांचों ने प्रौढ़ की हत्या की वारदात को अंजाम दिया है। मामला बढ़ता देख पुलिस ने पांचों को पूछताछ के लिए हिरासत में लेने के साथ ही प्राथमिकी दर्ज की है। ग्रामीणों ने बताया कि बलदेव, सुरेश, पांचू सगे भाई हैं, जबकि रहीमा व भोला सगे भाई हैं।
छावनी बना मोर्चरी परिसर
धर्मांतरण को लेकर हत्या का आरोप लगाए जाने के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मोर्चरी के चारों ओर पुलिस का जाप्ता तैनात कर दिया। हत्या की जानकारी मिलते ही विभिन्न हिन्दूवादी संगठनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता अस्पताल के चीरघर पहुंच गए।
मोर्चरी गेट पर भीड़
मोर्चरी के मुख्य गेट पर आक्रोशित युवकों ने कब्जा जमा लिया। मुख्य गेट के बाहर युवकों के बैठ जाने से मेडिकल ज्यूरिस्ट अंदर नहीं जा सके। आक्रोशित भीड़ आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही थी।
तीन थानों की पुलिस पहुंची
आक्रोशित भीड़ बढऩे के साथ ही पुलिस उप अधीक्षक सोढ़ा ने तीन थानों के थानाधिकारियों सहित पुलिस का जाप्ता मौके पर बुलवा लिया। मोर्चरी के अंदर तथा बाहर सिटी थानाधिकारी यशवंत सिंह, सदर थानाधिकारी रविन्द्र सिंह, जवाजा ेके कार्यवाहक थानाधिकारी मुनीर मोहम्मद सहित थाने का जाप्ता मौजूद था।
दिया फीडबैक
आक्रोशित ग्रामीण जवाजा थाने के दीवान रमजान पर कार्रवाई के साथ ही चारों आरोपित युवकों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। इसी कारण डिप्टी ने नियमित अंतराल पर अपने आला अधिकारियों को मोबाइल के जरिए अजमेर में फीडबैक दिया।
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