बाड़मेर नब्बे साल का बुजुर्ग घर छोड़ने को हुआ मजबूर।।जागीरदारों ने घर के रास्ते किये बन्द।*
बाड़मेर गडरा तहसील के खलीफे की बावड़ी पंचायत के खच्चर खड़ी गांव का नब्बे वर्षीय बुजुर्ग अपना घर बार जागीरदारों के अत्याचार के बाद छोड़ने को मजबूर हो गया।आज उसने अपना पुश्तैनी गांव छोड़ दिया।।जिला प्रशासन को लगाई गुहार से भी उसे मदद नही मिली।जानकारी अनुसार नब्बे वर्षीय मोहम्मद अली का खेत खच्चर खड़ी में है उसके खेत के आगे मफरुर खान का खेत है मफरुर के खेत से अली का रास्ता है।कुछ दिन पहले मफरुर ने अपने खेत में अली के परिवार के उयोग पर रोक लगा कर तारबंदी कर दी।जिसके कारण अली का परिवार घर से बाहर निकल नही पा रहा।मफरुर द्वारा अली के परिवार को जान से मारने की धमकिया दी जा रही है ।गांव के लोगो ने मफरुर को समझाने का प्रयास किया कि अली को रास्ते का प्रयोग करने दो मगर वो नही मन।नजरबंद की तरह राह रहे मोहम्मद अली ने आखिरकार अत्याचारों से परेशान होकर आज गांव को सदा के लिए अलविदा कर दिया।अली द्वारा जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को सहायता के लिए गुहार लगाई थी मगर कोई मदद नही मिली।।
बाड़मेर गडरा तहसील के खलीफे की बावड़ी पंचायत के खच्चर खड़ी गांव का नब्बे वर्षीय बुजुर्ग अपना घर बार जागीरदारों के अत्याचार के बाद छोड़ने को मजबूर हो गया।आज उसने अपना पुश्तैनी गांव छोड़ दिया।।जिला प्रशासन को लगाई गुहार से भी उसे मदद नही मिली।जानकारी अनुसार नब्बे वर्षीय मोहम्मद अली का खेत खच्चर खड़ी में है उसके खेत के आगे मफरुर खान का खेत है मफरुर के खेत से अली का रास्ता है।कुछ दिन पहले मफरुर ने अपने खेत में अली के परिवार के उयोग पर रोक लगा कर तारबंदी कर दी।जिसके कारण अली का परिवार घर से बाहर निकल नही पा रहा।मफरुर द्वारा अली के परिवार को जान से मारने की धमकिया दी जा रही है ।गांव के लोगो ने मफरुर को समझाने का प्रयास किया कि अली को रास्ते का प्रयोग करने दो मगर वो नही मन।नजरबंद की तरह राह रहे मोहम्मद अली ने आखिरकार अत्याचारों से परेशान होकर आज गांव को सदा के लिए अलविदा कर दिया।अली द्वारा जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को सहायता के लिए गुहार लगाई थी मगर कोई मदद नही मिली।।
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