बाड़मेर। सत्संग करने से ही प्रभु प्राप्त होता है: शांतिलाल
बाड़मेर। संत निरंकारी सत्संग भवन में रविवार प्रातः 10 बजे संयोजक महात्मा शांतिलाल के सानिध्य में निरंकारी सत्संग आयोजित हुई। सत्संग भवन में बड़ी संख्या में निरंकारी सदस्यों व सेवादलो द्वारा सतगुरु के चरणों में नमस्कार हुई। सत्संग की ठंडक में कई भक्तो ने भवन में निरंकारी भजन जोर से बोलो तू ही निरंकार, तेरे एहसान का बदला चुकाया जा नही सकता, सांझो बाबो हरदेव होज मालो, जिसके दर्शन करने से तपते दिल में ठंडक सी पड़ जाये वो सतगुरु आज आये, मंजिल का पता पाया नही तो सुन ले प्राणी जैसे भजनों तथा अपने विचारो को पूरी साद संगत के सामने प्रस्तुत किये। भजनों के इसी दौर में निरंकारी बाल सत्संग के छोटे-छोटे बच्चों द्वारा कहानिया व कविताए भी सतगुरु के सामने व्यक्त की। सत्संग के अंतिम दौर में संयोजक महात्मा शांतिलाल ने अपने प्रवचनो में कहा कि, सतगुरु बाबा हरदेव सिंह, सारे पीर पैंगबर, ईसा मसीह, प्रभु राम, गुरु नानक सभी सन्त इस दुनिया में आये तो वो पुरे संसार को खुशिया देने तथा सभी का भला करने के लिए आये इसी प्रकार आज के पैगम्बर सद्गुरु माता सविंदर हरदेव महाराज भी इस संसार को खुशिया देने व संसार का भला करने के लिए आये है। जो इस सद्गुरु की दर पर आता है तो मालोमाल हो जाता है तथा उस का लोक व प्रलोक भी स्वेला हो जाता है। यह जो निरंकारी मिशन है वो हिन्दू-मुस्लमान, सिख-ईसाई तथा सभी जातियों का मिशन है। यह मिशन कभी भी भेद-भाव या ऊंच-नीच नही करता है। जब हम प्रेम, नम्रता, सहनशीलता अपनाते है तथा सत्संग करने से ही सतगुरु व प्राप्त होता है। इस दौरान सत्संग भवन महिलाओं, बच्चों, सेवादलो द्वारा पुरा भरा हुआ नजर आया।
बाड़मेर। संत निरंकारी सत्संग भवन में रविवार प्रातः 10 बजे संयोजक महात्मा शांतिलाल के सानिध्य में निरंकारी सत्संग आयोजित हुई। सत्संग भवन में बड़ी संख्या में निरंकारी सदस्यों व सेवादलो द्वारा सतगुरु के चरणों में नमस्कार हुई। सत्संग की ठंडक में कई भक्तो ने भवन में निरंकारी भजन जोर से बोलो तू ही निरंकार, तेरे एहसान का बदला चुकाया जा नही सकता, सांझो बाबो हरदेव होज मालो, जिसके दर्शन करने से तपते दिल में ठंडक सी पड़ जाये वो सतगुरु आज आये, मंजिल का पता पाया नही तो सुन ले प्राणी जैसे भजनों तथा अपने विचारो को पूरी साद संगत के सामने प्रस्तुत किये। भजनों के इसी दौर में निरंकारी बाल सत्संग के छोटे-छोटे बच्चों द्वारा कहानिया व कविताए भी सतगुरु के सामने व्यक्त की। सत्संग के अंतिम दौर में संयोजक महात्मा शांतिलाल ने अपने प्रवचनो में कहा कि, सतगुरु बाबा हरदेव सिंह, सारे पीर पैंगबर, ईसा मसीह, प्रभु राम, गुरु नानक सभी सन्त इस दुनिया में आये तो वो पुरे संसार को खुशिया देने तथा सभी का भला करने के लिए आये इसी प्रकार आज के पैगम्बर सद्गुरु माता सविंदर हरदेव महाराज भी इस संसार को खुशिया देने व संसार का भला करने के लिए आये है। जो इस सद्गुरु की दर पर आता है तो मालोमाल हो जाता है तथा उस का लोक व प्रलोक भी स्वेला हो जाता है। यह जो निरंकारी मिशन है वो हिन्दू-मुस्लमान, सिख-ईसाई तथा सभी जातियों का मिशन है। यह मिशन कभी भी भेद-भाव या ऊंच-नीच नही करता है। जब हम प्रेम, नम्रता, सहनशीलता अपनाते है तथा सत्संग करने से ही सतगुरु व प्राप्त होता है। इस दौरान सत्संग भवन महिलाओं, बच्चों, सेवादलो द्वारा पुरा भरा हुआ नजर आया।
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