कोटा.जेल में धूमधाम से हुई शादी, कैदी और सुरक्षा कर्मी बने बाराती
दहेज हत्या के मामले में 12 दिन से केन्द्रीय कारागार में बंद विचाराधीन महिला बंदी की मंगलवार को जेल में सादे समारोह में शादी हुई। करीब 6 माह पहले तय शादी के लिए महिला बंदी की ओर से हाईकोर्ट में जमानत का प्रार्थना पत्र पेश किया गया था लेकिन अदालत ने जमानत मंजूर नहीं करते हुए जेल में ही शादी की अनुमति दी। किसी भी बंदी की जेल में शादी का यह पहला मामला बताया जा रहा है।कैथून थाना क्षेत्र के गोल्याहेड़ी निवासी देवकी मेहरा (22) और उसकी मां कमला बाई 27 अप्रेल से कारागार में बंद हैं। इनके खिलाफ बूंदी जिले के इटोड़ा निवासी सत्यनारायण ने 24 अक्टूबर 2016 को कैथून थाने में दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। इधर, देवकी की शादी 6 माह पहले ही बारां जिले के अंता थाना क्षेत्र स्थित बिशनहेड़ी निवासी महेश कुमार(23) के साथ तय हो गई थी। नौ अप्रेल को सगाई और 26 अप्रेल को लगन भी हो गया। इसी बीच पुलिस ने देवकी व उसकी मां को गिरफ्तार कर लिया। न्यायालय में पेश करने पर 27 को उन्हें जेल भेज दिया गया।इसलिए नहीं टाला विवाह
कैथून थानाधिकारी पुष्पेन्द्र आड़ा ने बताया कि बूंदी जिले के इटोड़ा निवासी सत्यनारायण की बहन ऊषा का विवाह तीन साल पहले गोल्याहेड़ी निवासी लड्डूलाल के साथ हुआ था। अक्टूबर 2016 में ससुराल में ऊषा की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के बाद उसके भाई ने लड्डूलाल समेत परिवार के 7 जनों के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। जांच के बाद पुलिस ने ऊषा की ननद देवकी और सास कमला बाई को 27 अप्रेल को गिरफ्तार कर लिया। रेलवे के सर्वे विभाग में कार्यरत दूल्हे महेश ने बताया कि शादी 6 माह पहले ही 9 मई को बारां में होने वाले सम्मेलन में होना तय थी। तैयारियां कई दिन ही शुरू हो गई थी। घर वालों की सहमति से शादी टालने की जगह जेल में ही करना उचित समझा। महेश ने कहा कि उसे उम्मीद है कि उनकी पत्नी को जल्द जमानत मिल जाएगी।पहली बार जेल में सजा मंडप
जेल अधीक्षक सुधीर प्रकाश पूनिया ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश से महिला बंदी की शादी हुई। जेल में किसी बंदी की शादी का यह पहला मामला है। जेल परिसर स्थित हॉल में शादी के इंतजाम किए। नगर निगम के पंजीयन अधिकारी ने मौके पर ही विवाह का पंजीयन किया
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