जैसलमेर प्रत्येक पीड़ित पुलिस व समाज की विशेष सहानुभूति का हकदार
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जैसलमेर द्वारा राजस्थान पीड़ित प्रतिकर स्कीम, 2011 के विषय पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में हुआ सेमीनार का आयोजन
पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर गौरव यादव ने बताया कि:- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जैसलमेर द्वारा पुलिस अधीक्षक व जिले के समस्त थानाधिकारीगण, उपाधीक्षक पुलिस, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तथा अभियोजन विभाग के अधिकारियों के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभागार में एक सेमीनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मदनलाल भाटी ने बताया कि कोई भी व्यक्ति जिसके साथ या जिसकी सम्पत्तियों के साथ अपराध हुआ है पुलिस व समाज की विशेष सहानुभूति का हकदार होता है। प्रत्येक पीड़ित व्यक्ति को अपराध के तुरन्त पश्चात् आर्थिक सहायता की आवश्यकता पड़ती है, जिसके सम्बन्ध में राजस्थान पीड़ित प्रतिकर स्कीम में प्रावधान किए गए है। अपराध की गम्भीरता व प्रकृति के अनुसार प्रतिकर की राशि प्रत्येक माह इस बाबत् गठित कमेटी द्वारा तय की जाती है। चूंकि पुलिस सबसे पहले पीड़ित व्यक्ति के सम्पर्क में आती है अतः पीड़ित को इस स्कीम के तहत प्रतिकर दिलाने की प्राथमिक जिम्मेदारी पुलिस की है।
अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश महेश कुमार शर्मा ने इस स्कीम के विभिन्न प्रावधानों को विस्तार से समझाया। उन्होने स्कीम के तहत पीड़ित व्यक्ति की परिभाषा, अभिप्राय, पात्रता व प्रतिकर दिए जाने हेतु पुलिस अधिकारीगण द्वारा की जाने वाली कार्यवाही के सम्बन्ध में सारगर्भित जानकारियां प्रदान की। कार्यक्रम के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा छपवाई गई राजस्थान पीड़ित प्रतिकर स्कीम, 2011 की प्रतियां सेमीनार में समस्त पुलिस अधिकारियों को उपलब्ध कराई गई तथा एक नमूना प्रति अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पुलिस अधीक्षक गौरव यादव को पृथक से प्रदान की गई।
पुलिस अधीक्षक ने इस सेमीनार को समस्त पुलिस अधिकारीगण के लिए उपयोगी बताते हुए इस स्कीम के उपबन्धों की पालना स्कीम की मंशा के अनुरूप करवाए जाने के लिए समस्त थानाधिकारियों को निर्देश दिए व पाबन्द किया। विशिष्ट वक्ता सुश्री सुनीता भाटी ने पीड़ितों को प्रतिकर के सम्बन्ध में दण्ड प्रकिया संहिता के प्रावधानों को विस्तार से समझाया। डाॅ. गोयल ने विषय से सम्बन्धित अपने विचार रखे तथा प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा मंच का संचालन किया।
अन्त में पूर्णिमा गौड़ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा सेमीनार में उपस्थित सभी न्यायिक अधिकारियों, पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधिकारियों व जिले के समस्त थानाधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जैसलमेर द्वारा राजस्थान पीड़ित प्रतिकर स्कीम, 2011 के विषय पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में हुआ सेमीनार का आयोजन
पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर गौरव यादव ने बताया कि:- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जैसलमेर द्वारा पुलिस अधीक्षक व जिले के समस्त थानाधिकारीगण, उपाधीक्षक पुलिस, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तथा अभियोजन विभाग के अधिकारियों के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभागार में एक सेमीनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मदनलाल भाटी ने बताया कि कोई भी व्यक्ति जिसके साथ या जिसकी सम्पत्तियों के साथ अपराध हुआ है पुलिस व समाज की विशेष सहानुभूति का हकदार होता है। प्रत्येक पीड़ित व्यक्ति को अपराध के तुरन्त पश्चात् आर्थिक सहायता की आवश्यकता पड़ती है, जिसके सम्बन्ध में राजस्थान पीड़ित प्रतिकर स्कीम में प्रावधान किए गए है। अपराध की गम्भीरता व प्रकृति के अनुसार प्रतिकर की राशि प्रत्येक माह इस बाबत् गठित कमेटी द्वारा तय की जाती है। चूंकि पुलिस सबसे पहले पीड़ित व्यक्ति के सम्पर्क में आती है अतः पीड़ित को इस स्कीम के तहत प्रतिकर दिलाने की प्राथमिक जिम्मेदारी पुलिस की है।
अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश महेश कुमार शर्मा ने इस स्कीम के विभिन्न प्रावधानों को विस्तार से समझाया। उन्होने स्कीम के तहत पीड़ित व्यक्ति की परिभाषा, अभिप्राय, पात्रता व प्रतिकर दिए जाने हेतु पुलिस अधिकारीगण द्वारा की जाने वाली कार्यवाही के सम्बन्ध में सारगर्भित जानकारियां प्रदान की। कार्यक्रम के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा छपवाई गई राजस्थान पीड़ित प्रतिकर स्कीम, 2011 की प्रतियां सेमीनार में समस्त पुलिस अधिकारियों को उपलब्ध कराई गई तथा एक नमूना प्रति अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पुलिस अधीक्षक गौरव यादव को पृथक से प्रदान की गई।
पुलिस अधीक्षक ने इस सेमीनार को समस्त पुलिस अधिकारीगण के लिए उपयोगी बताते हुए इस स्कीम के उपबन्धों की पालना स्कीम की मंशा के अनुरूप करवाए जाने के लिए समस्त थानाधिकारियों को निर्देश दिए व पाबन्द किया। विशिष्ट वक्ता सुश्री सुनीता भाटी ने पीड़ितों को प्रतिकर के सम्बन्ध में दण्ड प्रकिया संहिता के प्रावधानों को विस्तार से समझाया। डाॅ. गोयल ने विषय से सम्बन्धित अपने विचार रखे तथा प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा मंच का संचालन किया।
अन्त में पूर्णिमा गौड़ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा सेमीनार में उपस्थित सभी न्यायिक अधिकारियों, पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधिकारियों व जिले के समस्त थानाधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
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