चलती बस में आग, 25 सवारियां लपटों में फंसी, 3 जिंदा जले
भटिंडा से चलकर जालंधर जा रही आर.टी.सी. की (पीबी 19 एल 0555) ए.सी. बस को रामपुरा फूल के नजदीक आग लग गई। हादसे में 3 लोग जिंदा जल गए, जबकि 22 घायल हो गए। इनमें 3 जिंदगी व मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस घटना का कारण बस चालक की लापरवाही मानी जा रही है क्योंकि आम तौर पर बस चालक फाटक पार करके ही बस को रोकते हैं। अगर बस चालक आग लगते ही तुरंत बस को रोक देता तो हादसा इतना गंभीर न होता, लेकिन बस चालक ने बस में आग लगने के बाद करीब 300 मीटर की दूरी तय कर ली परंतु बस नहीं रोकी। यह बस भटिंडा से लगभग 6 बजे चली थी और 6.40 पर रामपुरा फाटक पर पहुंची तभी हादसे का शिकार हो गई। देखते ही देखते बस को आग लग गई तो लोगों ने बस के शीशे तोड़कर कुछ यात्रियों को बाहर निकाला। मौके पर समाज सेवी सहारा व डेरा प्रेमी राहत कार्य के लिए पहुंच गए, फायरब्रिगेड की 2 गाडिय़ां भी मौके पर पहुंच गईं और डेढ़ घंटे के बाद आग पर काबू पाया गया। पुलिस घटना के काफी देर बाद पहुंची जिसे लेकर लोगों में रोष भी था। मृतकों की पहचान नसीब जफर पुत्र मोहम्मद नासिर कश्मीर, अरमिंद्र पुत्र उमेश राय और राजेश कुमार पुत्र संतरू खान निवासी लुधियाना के रूप में हुई है। वहां मौजूद सी.सी.टी.वी. फुटेज से यह तथ्य सामने आए कि बस के निचले हिस्से में आग लग गई थी जिसके बारे में लोगों के अलावा अंदर बैठी सवारियों को भी पता चल गया था। उन्होंने शोर मचाया लेकिन बस नहीं रुकी। इसलिए पिछला दरवाजा खोलकर सवारियां चलती हुई बस से कूदने लगीं। बस सवारियों से पूरी तरह भरी हुई थी। करीब 25 सवारियां आग की चपेट में आ गईं जिनमें 3 सवारियां बस के अंदर ही जीवित जल गईं।
भटिंडा से चलकर जालंधर जा रही आर.टी.सी. की (पीबी 19 एल 0555) ए.सी. बस को रामपुरा फूल के नजदीक आग लग गई। हादसे में 3 लोग जिंदा जल गए, जबकि 22 घायल हो गए। इनमें 3 जिंदगी व मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस घटना का कारण बस चालक की लापरवाही मानी जा रही है क्योंकि आम तौर पर बस चालक फाटक पार करके ही बस को रोकते हैं। अगर बस चालक आग लगते ही तुरंत बस को रोक देता तो हादसा इतना गंभीर न होता, लेकिन बस चालक ने बस में आग लगने के बाद करीब 300 मीटर की दूरी तय कर ली परंतु बस नहीं रोकी। यह बस भटिंडा से लगभग 6 बजे चली थी और 6.40 पर रामपुरा फाटक पर पहुंची तभी हादसे का शिकार हो गई। देखते ही देखते बस को आग लग गई तो लोगों ने बस के शीशे तोड़कर कुछ यात्रियों को बाहर निकाला। मौके पर समाज सेवी सहारा व डेरा प्रेमी राहत कार्य के लिए पहुंच गए, फायरब्रिगेड की 2 गाडिय़ां भी मौके पर पहुंच गईं और डेढ़ घंटे के बाद आग पर काबू पाया गया। पुलिस घटना के काफी देर बाद पहुंची जिसे लेकर लोगों में रोष भी था। मृतकों की पहचान नसीब जफर पुत्र मोहम्मद नासिर कश्मीर, अरमिंद्र पुत्र उमेश राय और राजेश कुमार पुत्र संतरू खान निवासी लुधियाना के रूप में हुई है। वहां मौजूद सी.सी.टी.वी. फुटेज से यह तथ्य सामने आए कि बस के निचले हिस्से में आग लग गई थी जिसके बारे में लोगों के अलावा अंदर बैठी सवारियों को भी पता चल गया था। उन्होंने शोर मचाया लेकिन बस नहीं रुकी। इसलिए पिछला दरवाजा खोलकर सवारियां चलती हुई बस से कूदने लगीं। बस सवारियों से पूरी तरह भरी हुई थी। करीब 25 सवारियां आग की चपेट में आ गईं जिनमें 3 सवारियां बस के अंदर ही जीवित जल गईं।
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