अब केनाल हो पाइप लाइन से बुझाएगी प्यास तीन जिलों की
पीएचईडी अब जोधपुर, पाली और बाड़मेर जिले में पेयजल की बढ़ती डिमांड को देखते हुए तीसरे फेज में नई कैनाल नहीं बनाएगा बल्कि पानी की अधिक छीजत व इसे बनाने की लागत को देखते हुए नई पाइपलाइन बिछाने की योजना बनाई गई है। एक साल पहले तक पीएचईडी कैनाल बनाने के पक्ष में था। अभी कैनाल से रोज 10-12 एमएलडी पानी वाष्प बनकर उड़ रहा है। यह पानी 5-6 हजार घरों में सप्लाई हो सकता है। नई केनाल बनने से रोज 24 एमएलडी पानी उड़ जाता। इस पानी को बचाने और पाइपलाइन बिछाने की आने वाली लागत को देखते हुए कैनाल बनाने का मानस टाल दिया।
नई पाइप लाइन बिछाने में करीब 1 हजार 454 करोड़ रुपए लागत आएगी, जबकि कैनाल बनाने में करीब 2 हजार 400 करोड़ रुपए की लागत आ रही थी। सरकार के 950 करोड़ रुपए बच जाएंगे। इस पाइप लाइन से जोधपुर के 4 कस्बे, बाड़मेर जिले का समदड़ी व इससे जुड़े 176 गांव, पाली जिले का रोहट व 79 गांव तथा जैतारण के 13 गांवों को जोड़ा जाएगा। वर्तमान में कायलाना और तखतसागर में 18 दिन और सुरपुरा बांध में 8 दिन का पानी स्टोर रहता है। ऐसे में जोधपुर में अब 70 दिन तक का क्लोजर होने लगा है। इसलिए पानी की समस्या से निपटने के लिए मदासर के पास 30 दिन तक पानी स्टोर रखने के लिए बड़ा पोंड बनेगा।
पीएचईडी अब जोधपुर, पाली और बाड़मेर जिले में पेयजल की बढ़ती डिमांड को देखते हुए तीसरे फेज में नई कैनाल नहीं बनाएगा बल्कि पानी की अधिक छीजत व इसे बनाने की लागत को देखते हुए नई पाइपलाइन बिछाने की योजना बनाई गई है। एक साल पहले तक पीएचईडी कैनाल बनाने के पक्ष में था। अभी कैनाल से रोज 10-12 एमएलडी पानी वाष्प बनकर उड़ रहा है। यह पानी 5-6 हजार घरों में सप्लाई हो सकता है। नई केनाल बनने से रोज 24 एमएलडी पानी उड़ जाता। इस पानी को बचाने और पाइपलाइन बिछाने की आने वाली लागत को देखते हुए कैनाल बनाने का मानस टाल दिया।
नई पाइप लाइन बिछाने में करीब 1 हजार 454 करोड़ रुपए लागत आएगी, जबकि कैनाल बनाने में करीब 2 हजार 400 करोड़ रुपए की लागत आ रही थी। सरकार के 950 करोड़ रुपए बच जाएंगे। इस पाइप लाइन से जोधपुर के 4 कस्बे, बाड़मेर जिले का समदड़ी व इससे जुड़े 176 गांव, पाली जिले का रोहट व 79 गांव तथा जैतारण के 13 गांवों को जोड़ा जाएगा। वर्तमान में कायलाना और तखतसागर में 18 दिन और सुरपुरा बांध में 8 दिन का पानी स्टोर रहता है। ऐसे में जोधपुर में अब 70 दिन तक का क्लोजर होने लगा है। इसलिए पानी की समस्या से निपटने के लिए मदासर के पास 30 दिन तक पानी स्टोर रखने के लिए बड़ा पोंड बनेगा।
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