शुक्रवार उपाय: धन दौलत कदम चूमेगी और खुल जाएंगे किस्मत के दरवाजे
लक्ष्मी पवित्रता और सात्विकता की प्रतीक हैं। महालक्ष्मी पवित्र उद्देश्यों, परिश्रम और लगन के साथ समाज-हित को ध्यान में रखते हुए अर्जित संपत्ति या धन की देवी हैं। देवी लक्ष्मी अभावों का अंत करती है । इनके पूजन से जीवन में कर्म, विचार और व्यवहार सकारात्मक बनते हैं । शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मी उपासना किसी भी विशेष दिन जैसे, शुक्रवार, नवमी, नवरात्रि या अमावस्या की रात्रि पर करने से समृद्धि में वृद्धि होती है ।
जो भक्त देवी लक्ष्मी की पूजा करता है उनके लिए संसार में कुछ भी अप्राप्य नहीं हैं । गृह लक्ष्मी देवी गृहणियों यानि घर की स्त्रियों में लज्जा, क्षमा, शील, स्नेह और ममता रूप में विराजमान रहती हैं । शुक्रवार को लक्ष्मी देवी हेतु विशेष दिन माना जाता है । इस दिन लक्ष्मी की पूजा-अर्चना पुष्प व चंदन से कर चावल की खीर से भोग लगाया जाता है। धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना काफी आसान है । यदि आप चाहते हैं की आप के धन में दुगना, तिगुना, चीगुना अनादि वृद्धि हो तो करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न और करें शुक्रवार के दिन यह कुछ विशेष उपाय ।
- शुक्रवार के दिन कार्यस्थल जाने से पहले इस मंत्र का एक माला जप करें ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृह धनं पूरय पूरय चिन्तायै दूरय दूरय स्वाहा’’। इससे व्यवसाय में अद्भुत लाभ होगा ।
- धन की वृद्धि के लिए शुक्रवार के दिन पीले कपड़े में पांच पीली कौड़ी और थोड़ी सी केसर चांदी के सिक्के के साथ बांधकर जहां आपके पैसे पड़े होते हैं वहीं रखने से इसका अच्छा प्रभाव सामने आने लगता है ।
- शुक्रवार के दिन सायंकाल मे काली हल्दी की गांठ का सिंदूर व धूप से पूजन करके चांदी के दो सिक्के के साथ लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी में रखने पर आर्थिक समस्याएं हल होती हैं ।
- शुक्रवार के दिन सफेद रंग की वस्तुओं और सफेद रंग के खाद्य पदार्थ का दान करना शुभ माना जाता है और जितना हो सकें इस दिन गरीबों को दान दें ।
- शुक्रवार के दिन एक मुट्ठी अखंडित बासमती चावल को बहते जल में महालक्ष्मी का स्मरण करते हुए छोड़ देने से धन की वृद्धि बनी रहती है ।
- शुक्रवार के दिन भगवान विष्णु का अभिषेक दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर करने से मां लक्षमी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं ।
- शुक्रवार को लक्ष्मी के मंदिर जाकर शंख, कौड़ी, कमल, मखाना, बताशा अर्पित करें। इससे अलक्ष्मी दूर होती है।
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