बालोतरा.सोच समझ कर नहीं लिया नोट बंद करने का निर्णय : पायलट
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि काले धन पर लगाम लगाने के लिए कांग्रेस केंद्र सरकार के हर कदम पर साथ देगी, लेकिन सरकार ने नोट बंद करने का निर्णय सोच-समझकर नहीं लिया। इस पर लम्बे समय तक आम आदमी को परेशानी उठानी पड़ेगी। यहां गुरुवार को संवाददाताओं से बातचीत में पायलट ने कहा कि देश में जितने भी नोट हैं, उनमें से 86 फीसदी 500-1000 के हैं। 17 लाख करोड़ कीमत के नोट दुबारा अर्थव्यवस्था में डालने होंगे। बेहतर होता कि सरकार आत्मशक्ति दिखाती। जो भ्रष्ट, बदमाश व अपराधिक प्रवृत्ति के हैं, चाहे वे नेता, अधिकारी व व्यापारी हो, उनके कालेधन को जब्त कर नीलाम करती, बेनामी जमीन को जब्त करती। सरकार ने नोट बंद करने के निर्णय का सही मूल्यांकन नहीं किया।
शादियों का सीजन है। आमजन को बड़ी परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि करोड़ों के बैंक खाते, पेनकार्ड नहीं है। इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से जुड़े हुए नहीं है। सरकार ने विदेशों में जमा 6 लाख करोड़ काला धन सौ दिन में लाने का वादा किया था, लेकिन ढाई वर्ष में कोई कार्य नहीं किया, उल्टा किसान, दिहाड़ी मजदूर जो मजदूरी करके पैसा कमाता है, उसके नोट को रद्दी बना दिया। 120 करोड़ देशवासी काले धन से नहीं जुड़े हैं।
प्रदेश में मंत्री असहाय
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में मुख्यमंत्री ने एकीकृत शासन कर रखा है। मंत्री असहाय हैं। वे स्वयं भ्रष्टाचार बढऩे की बात कह रहे हैं। बंद कमरे में भाजपा नेता भी कहते हैं कि उल्टी गिनती शुरू हो गई, जाना तय है।
प्रदेश सरकार ने वादा खिलाफी की है। 15 लाख नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन एक को नौकरी नहीं दी। नई परियोजनाएं चालू करने की नियत नहीं है। वहीं पूर्व योजनाओं को बंद कर सकने की हिम्मत नहीं है। सरकार की आलोचना व खामियां निकालने का काम ही कांग्रेस नहीं करेगी, प्रदेश के 7 करोड़ नागरिकों को वैकल्पिक व्यवस्था का विवरण प्रस्तुत करेगी। सभी क्षेत्रों में किए जाने वाले विकास के बारे में बताया जाएगा।
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