भाईयो को तिलक लगाकर बहनों ने की मंगलकामना
बाड़मेर। बहन और भाई के प्रेम का प्रतीक भाईदूज का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया। भाईदूज पर बहनों ने भाई के लिए मंगलकामनाएं की। बहनों ने भाइयों का तिलक वंदन किया एवं आरती उतारकर दीर्घायु की कामना की।
रक्षाबंधन की तरह है पर्व
भाई दूज का पर्व रक्षाबंधन की तरह है। हालांकि भाई दूज में भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र नहीं बांधे जाते, लेकिन तिलक वंदन कर भाइयों की आरती उतारी जाती है। भाई-बहनों के बीच परस्पर प्रेम का यह पर्व धनतेरस, नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजा, गोवर्धन पूजा के बाद दीपावली के 5वें दिन मनाया जाता है। भाई दूज के साथ ही 5 दिवसीय दीवाली का पर्व पूरा होता है।
बाड़मेर। बहन और भाई के प्रेम का प्रतीक भाईदूज का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया। भाईदूज पर बहनों ने भाई के लिए मंगलकामनाएं की। बहनों ने भाइयों का तिलक वंदन किया एवं आरती उतारकर दीर्घायु की कामना की।
मंगलवार को भाईदूज मनाने बड़ी संख्या में भाई अपनी बहनों के घर पहुंचे। बहनों ने अपने भाई की खुशहाली की कामना की। वहीं बड़ी बहनों से भाइयों ने जहां आशीर्वाद लिया। वहीं छोटी बहनों को उपहार दिये। भाईदूज के दिन भाई अपनी विवाहित बहनों के घर पहुंचे और बहनों के प्रति अपने प्यार और स्नेह व्यक्त किया। भाई दूज का कार्यक्रम दिनभर चलता रहा। बहनों के घर भाइयों का आना-जाना रहा। भाइयों के मस्तक पर कुमकुम का टीका शोभित होता रहा।
रक्षाबंधन की तरह है पर्व
भाई दूज का पर्व रक्षाबंधन की तरह है। हालांकि भाई दूज में भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र नहीं बांधे जाते, लेकिन तिलक वंदन कर भाइयों की आरती उतारी जाती है। भाई-बहनों के बीच परस्पर प्रेम का यह पर्व धनतेरस, नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजा, गोवर्धन पूजा के बाद दीपावली के 5वें दिन मनाया जाता है। भाई दूज के साथ ही 5 दिवसीय दीवाली का पर्व पूरा होता है।
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