जैसलमेर महाविद्यालय में रक्तदान सम्बन्धी कार्यषाला आयोजित
पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जयन्ती के उपलक्ष में 25.09.2016 को महाविद्यालय प्रांगण में आयोज्य रक्तदान षिविर के सम्बन्ध में महविद्यालय में कार्यषाला का आयोजन किया गया। महाविद्यालय छात्रों को सम्बोधित करते हुए प्राचार्य डाॅ. जे. के. पुरोहित ने बताया कि रक्तदान से कमजोरी होना, थकावट होना, मोटापा आना, घबराहट होना, पुरूषत्व में कमी आना इत्यादि समाज में प्रचलित धारणाएँ मिथ्या है। रक्तदान करना महापुण्य का कार्य है। अतः सभी छात्र- छा़त्राएँ इन मिथ्या धारणाओं से ऊपर उठकर अधिकाधिक रक्तदान करे।
उन्होंनें बताया कि 18 से 60 वर्ष का स्वस्थ व्यक्ति जिसका वजन 45 ाह से अधिक एवं हिमोग्लोबिन का स्तर 12.5हउ से अधिक है तथा रक्तदान से 6 माह पूर्व तक कोई लम्बी बीमारी न हुई हो रक्तदान कर सकता है। आपके द्वारा दान किया गया रक्त रोग, दुर्घटना, ह्दय रोग, आॅपरेषन, प्रसव काल, नवजात षिषु का रक्त बदलने, शरीर में रक्त की कमी, थैलेसिमिया, हीमोफिलिया आदि मरीजों के ईलाज में वरदान साबित होगा,
अतः उन्होंने सभी विद्यार्थियों से स्वेच्छा से रक्तदान षिविर के दिन बढ़-चढ़कर षिविर में भाग लेने का आहवान किया
राज्य सरकार के निर्देषानुसार तीन वर्ष तक लगातार रक्तदान करने वाले विद्यार्थी को उच्च कक्षाओं में प्रवेष के समय 1ः का लाभ दिया जायेगा तथा दिनांक 22.09.2016 को प्रातः 8ः00 बजे रक्तदान के महत्व के प्रचार-प्रसार हेतु प्रभात फेरी का आयोजन किया जायेगा।
इस कार्यषाला में महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों ने सक्रिय भागीदारी निभायी।
पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जयन्ती के उपलक्ष में 25.09.2016 को महाविद्यालय प्रांगण में आयोज्य रक्तदान षिविर के सम्बन्ध में महविद्यालय में कार्यषाला का आयोजन किया गया। महाविद्यालय छात्रों को सम्बोधित करते हुए प्राचार्य डाॅ. जे. के. पुरोहित ने बताया कि रक्तदान से कमजोरी होना, थकावट होना, मोटापा आना, घबराहट होना, पुरूषत्व में कमी आना इत्यादि समाज में प्रचलित धारणाएँ मिथ्या है। रक्तदान करना महापुण्य का कार्य है। अतः सभी छात्र- छा़त्राएँ इन मिथ्या धारणाओं से ऊपर उठकर अधिकाधिक रक्तदान करे।
उन्होंनें बताया कि 18 से 60 वर्ष का स्वस्थ व्यक्ति जिसका वजन 45 ाह से अधिक एवं हिमोग्लोबिन का स्तर 12.5हउ से अधिक है तथा रक्तदान से 6 माह पूर्व तक कोई लम्बी बीमारी न हुई हो रक्तदान कर सकता है। आपके द्वारा दान किया गया रक्त रोग, दुर्घटना, ह्दय रोग, आॅपरेषन, प्रसव काल, नवजात षिषु का रक्त बदलने, शरीर में रक्त की कमी, थैलेसिमिया, हीमोफिलिया आदि मरीजों के ईलाज में वरदान साबित होगा,
अतः उन्होंने सभी विद्यार्थियों से स्वेच्छा से रक्तदान षिविर के दिन बढ़-चढ़कर षिविर में भाग लेने का आहवान किया
राज्य सरकार के निर्देषानुसार तीन वर्ष तक लगातार रक्तदान करने वाले विद्यार्थी को उच्च कक्षाओं में प्रवेष के समय 1ः का लाभ दिया जायेगा तथा दिनांक 22.09.2016 को प्रातः 8ः00 बजे रक्तदान के महत्व के प्रचार-प्रसार हेतु प्रभात फेरी का आयोजन किया जायेगा।
इस कार्यषाला में महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों ने सक्रिय भागीदारी निभायी।
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