बुधवार, 24 अगस्त 2016

राजमहल पैलेस सील: जेडीए कर्मी कब्जा करते रहे, अधिकारियों ने राजकुमारी को उलझाए रखा



जयपुर. पूर्व राजघराने और जेडीए के बीच वर्षों से चले आ रहे भूमि विवाद के बीच जयपुर डवलपमेंट अथॉरिटी (जेडीए) ने बुधवार को सरदार पटेल मार्ग पर होटल राजमहल पैलेस भवन से सटी साढ़े 12 बीघा बेशकीमती जमीन को अपने अधिकार में ले लिया। इस दौरान पूर्व राजघराने व जेडीए के अधिकारियों में जमकर कहासुनी हुई।






वहीं दूसरी ओर जेडीए का अमला पैलेस के हर हिस्से में दाखिल हो गया। होटल की तरफ आ रहे चारों गेट (सड़क हिस्से में) सील कर दिए। यहां तक की सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त रिसीवर कार्यालय की भी सीलिंग कर दी गई।




बुधवार सुबह जेडीए अपनी पलटन के साथ सरदार पटेल मार्ग पर होटल राजमहल पैलेस भवन से सटी साढ़े १२ बीघा जमीन की ओर चला। जेडीए के बांकुरों ने जेसीबी और फावड़ों के जरिए पैलेस से जुड़े हिस्से ध्वस्त किए।



इस बीच विधायक दीया कुमारी (पूर्व राजकुमारी) मौके पर पहुंची और आते ही जेडीसी शिखर अग्रवाल से कार्रवाई के आधार को लेकर सवाल दागती गईं।




सीलिंग जड़ दी, दिखाए दस्तावेज तो रुके

सुबह से ही जेडीए कर्मियों ने जमीन में मौजूद चीजों की तोडफ़ोड़ कर दी। पैलेस बाकी था, पूर्व राजकुमारी के पहुंचते ही सबकी नजरें उन पर टिक गईं। तीखी बहस हुई। पूर्व राजकुमारी ने जेडीसी से कहा- किसने दिया तुम्हें ये हक?




फिर उन्होंने पक्ष में हुई डिक्री के दस्तावेज दिखाए तो जेडीसी बैकफुट पर आ गए। उन्होंने स्ट्रक्चर को ध्वस्त करने की कार्रवाई रुकवाई।

हालांकि, दीया कुमारी को दो टूक कह दिया कि होटल की तरफ के तीनों गेट सील होंगे ही। केवल स्ट्रक्चर नहीं तोड़ा जाएगा। उधर, जेडीए ने वर्ष 1993 में जमीन अवाप्ति का अवार्ड जारी होने का तर्क दिया है।जयपुर में पूर्व राजघराने व जेडीए के बीच इस तनातनी के अलावा इस कार्रवाही के पीछे सियासी हस्तक्षेप को जोड़कर देखा जा रहा है। इस जमीन को लेकर पूर्व राजघराने और जेडीए के बीच पुराना विवाद चल रहा है। जमीन की बाजार कीमत करीब ५५० करोड़ रुपए बताई जा रही है।



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