बाड़मेर। नगरपरिषद बोर्ड अच्छा काम नही कर रही हैं जिसके लिए मैं बाड़मेर की जनता से माफ़ी माँगता हूँ : पूर्व सांसद चौधरी
@ दुर्गसिंह राजपुरोहित बाड़मेर। राजस्थान के बाड़मेर ज़िले में कांग्रेस और भाजपा में चल रहा घमासान थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। उसी घमासान के बीच पूर्व सांसद और एआईसीसी के सचिव हरीश चौधरी ने पत्रकार वार्ता कर भाजपा को आड़े हाथो लेते हुए कहा बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन पर मुकदमा कर परेशान किया जा रहा है और भारतीय संविधान में हर व्यक्ति के लिए न्यायपालिका में द्वार खुले हुए है। चौधरी ने कहा नगर परिषद में पट्टो के आवेदन करने वाले आवेदन कर्ता की कोई गलती नही उन्हे फालतू परेशान किया जा रहा है। आवेदनकर्ता को क्यों परेशान किया जा रहा है ? पट्टो में अगर अगर किसी प्रकार की कोई त्रुटि रही तो आम जनता का क्या दोष। चौधरी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा की सरकार द्वेषपूर्ण भावना से केवल 1999 से 2004 तक मेवाराम जैन के कार्यकाल की ही जाच करवा रही है अगर सरकार सही जाच करवानी है चाहती है तो तत्कालीन अध्यक्ष सुशीला मेहता और बलराम प्रजापत के कार्यकाल की भी जाँच क्यों नही करवा रही है? जिससे साफ जाहिर होता है सरकार की मंशा क्या है इस पर सवाल उठना लाजमी है। चौधरी ने कहा मेवाराम जैन के साथ जो हो रहा हैं वो इस सरकार की द्वेष पूर्ण राजनीती सोच को दर्शाता हैं। चौधरी ने सरकार से अपील हैं कि भारतीय संविधान पर चले संविधान को ही प्राथमिकता दे। चौधरी ने पत्रकारों के सवाल पर कहा राज्य की मुख्यमंत्री ने द्वेष पूर्ण भावना की राजनीति की शुरुआत कर दी है। चौधरी ने कहा की हम बाड़मेर की जनता और विधायक के साथ हैं और उन्होंने कहा की गलती हमेशा दो तरह से होती है एक तो चाह कर इंटेंशनली होती है और दूसरी त्रुटिवश होती है। अगर त्रुटिवश हुई हैं तो आवेदक की कोई गलती नही जिनके द्वारा त्रुटि की सही तरीके से जाँच नही की गई असल जिम्मेदार वो हैं। उन्होंने कहा नगर परिषद् कार्मिको की हड़ताल फ़िलहाल खत्म हो गई है और हम यह उम्मीद करते हैं कि कार्मिको को न्याय जरूर मिलेगा। विधायक और पीड़ित जनता न्यायपालिका में जायेगी। चौधरी ने कहा की नगर परिषद बोर्ड को सरकार काम नहीं करने दे रह है। चौधरी ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा की बीजेपी सरकार विकेंद्रीकरण चाहती हैं और हम इसके खिलाफ हैं।
गौरक्षा किसी के लिए मुद्दा हो सकता हैं हमारे लिए नही
पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट के हिंगोनिया गौशाला में गौवंश की लापरवाही से मौत होने के मुद्दे पर प्रदेश भर में आंदोलन के आह्वान के बाद बाड़मेर कांग्रेस ने भी बाड़मेर कांग्रेस कार्यालय से आज रैली निकाली। स्थानीय सुमेर गौशाला में सारे कांग्रेसी पहुंचे और गौशाला का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि गौशाला के हाल खराब हैं। सब्सिडी बन्द हो गई हैं और लाचार गौवंश तड़प-तड़प कर दम तोड़ रहा हैं। ये कोई मुद्दा नही हैं। विपक्ष की जिम्मेदारी हैं कि जनता के मुद्दों को सरकार के सामने गम्भीरता से रखे। नगरपरिषद के कांजी हाउस में गौवंश की मौत पर उन्होंने कहा कि नगरपरिषद बोर्ड अच्छा काम नही कर रहा हैं इसके लिए वो बाड़मेर की जनता से माफ़ी मांगते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे सामने यह चुनौती हैं कि हम सिर्फ गौ पूजा तक सीमित रहे या गोपालन भी बने। यह एक सामूहिक चुनौती हैं जिस पर सोचना चाहिए।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि गुरुदास कामत के द्वारा आहूत की गई बैठक में वे सचिन पायलट से अनुमति लेकर ही अनुपस्थित रहे थे। उनको गुरुदास कामत से बात करनी चाहिए थी ये गलती रही। वो उस वक़्त पंजाब में चुनावी तैयारियों में बिजी थे।
गौरक्षा किसी के लिए मुद्दा हो सकता हैं हमारे लिए नही
पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट के हिंगोनिया गौशाला में गौवंश की लापरवाही से मौत होने के मुद्दे पर प्रदेश भर में आंदोलन के आह्वान के बाद बाड़मेर कांग्रेस ने भी बाड़मेर कांग्रेस कार्यालय से आज रैली निकाली। स्थानीय सुमेर गौशाला में सारे कांग्रेसी पहुंचे और गौशाला का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि गौशाला के हाल खराब हैं। सब्सिडी बन्द हो गई हैं और लाचार गौवंश तड़प-तड़प कर दम तोड़ रहा हैं। ये कोई मुद्दा नही हैं। विपक्ष की जिम्मेदारी हैं कि जनता के मुद्दों को सरकार के सामने गम्भीरता से रखे। नगरपरिषद के कांजी हाउस में गौवंश की मौत पर उन्होंने कहा कि नगरपरिषद बोर्ड अच्छा काम नही कर रहा हैं इसके लिए वो बाड़मेर की जनता से माफ़ी मांगते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे सामने यह चुनौती हैं कि हम सिर्फ गौ पूजा तक सीमित रहे या गोपालन भी बने। यह एक सामूहिक चुनौती हैं जिस पर सोचना चाहिए।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि गुरुदास कामत के द्वारा आहूत की गई बैठक में वे सचिन पायलट से अनुमति लेकर ही अनुपस्थित रहे थे। उनको गुरुदास कामत से बात करनी चाहिए थी ये गलती रही। वो उस वक़्त पंजाब में चुनावी तैयारियों में बिजी थे।
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