रविवार, 28 अगस्त 2016

बाड़मेर डीईओ को अधिकार नहीं है कि वो मान्यता रद्द कर सकें-शर्मा



बाड़मेर डीईओ को अधिकार नहीं है कि वो मान्यता रद्द कर सकें-शर्मा


निजी विद्यालय के संचालको का आयोजित हुआ स्नेह मिलन समारोह, कई समस्याओं पर हुआ मंथन




बाड़मेर शहर के निजी विद्यालयांे के संचालको का स्नेह मिलन समारोह एवं समस्या समाधान कार्यशाला का आयोजन रविवार को स्थानीय जाट चेरिटेबल ट्रस्ट में स्कूल शिक्षा परिवार जयपुर के सचिव अनिल शर्मा के मुख्य आतिथ्य, जोधपुर सम्भाग एसएसपी के अध्यक्ष मुकेश मांडण की अध्यक्षता एवं जोधपुर के जिला प्रभारी रणवीरसिंह, जिलाध्यक्ष जोधपुर रामनिवास मंडा, सुखराम खोखर, संयुक्त सचिव जयपुर ललित शर्मा व बाड़मेर जिलाध्यक्ष मगराज कडवासरा के विशिष्ट आतिथ्य में हुआ। इस दौरान उपस्थित समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि अनिल शर्मा ने कहा कि सभी संचालक कानूनी व कागजी कार्रवाई में पूरी तरह सही रहे। फिर किसी से डरने की जरूरत नहीं है। अगर आरटीई का भौतिक सत्यापन से आप संतुष्ठ नहीं हो तो दुबारा करवा सकते है। आपकि मान्यता कोई भी रद्द नहीं कर सकता। चाहे वो डिईओ क्यों नहीं हो। उन्हांेने कहा कि राज्य सरकार निजी विद्यालयों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। जहां एक तरफ सरकार समान शिक्षा की बात कर रही है, वहीं दूसरी और सरकारी विद्यालय के विद्यार्थियांे को मिलने वाली योजनाओं से निजि विद्यालय के छात्रों को वंचित कर दोहरा मापदण्ड अपना रही है जो कि पूर्णतया गलत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वर्तमान में निजी क्षेत्र की शिक्षण संस्थानों के लिए तरह-तरह के नियम कायदें लगाकर उन पर अपना अंकुश बनाने का प्रयास कर रही है। निजी शिक्षण संस्थानों को भी अपने आप को समयानुसार कानून व नियमों से अवगत रहना चाहिए। वहीं शिक्षकों का वेतन भी बैंक के माध्यम से करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सभी को एक व संगठित होकर आपसी प्रतिस्पर्धा को समाप्त कर संगठनात्मक भाव से कार्य करना चाहिए। वहीं किसी भी छात्र को बिना टीसी के प्रवेश नहीं देना चाहिए। सभी विद्यालयांे का अधिकार है कि वे प्रत्येक छात्र से 12 माह का शिक्षण शुल्क लेंवे। कोई भी अधिकारी बकाया शिक्षण शुल्क के विद्यार्थियांे को टीसी जारी करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि आप अपने विद्यालय को प्रगति की और तभी ले जा सकते है जब आपके पास वास्तिविक बजट व कार्ययोजना होगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि 4 सितम्बर तक आरटीई का भुगतान नहीं हुआ तो वो 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस का कार्यक्रम नहीं मनाने देंगे। इसके लिए चाहे उन्हें जेल ही क्यों न जाना पडे। उन्होंने कहा कि संचालक कभी भी उन्हें अपनी समस्याएं बता सकते है वे सदैव समस्या समाधान के लिए तत्पर रहेंगे। साथ ही उन्होंने बाडमेर जिले के संचालको की एकता व संगठित भावनाओं को देखते हुए कहा कि उन्हें इतना विश्वास नहीं था कि सीमा के आखिरी छोर पर भी लोग इतने जागरूक होंगे। इस दौरान निजी विद्यालय संचालको ने एक खुले सत्र में बारी-बारी अपनी समस्याएं बताई। जिनमें काफी समस्याओं का मौके पर ही समाधान किया गया। वहीं शर्मा ने आश्वासन दिया कि जयपुर जानेे के बाद नियमानुसार व कानूनी प्रक्रिया से समस्याओं का समाधान किया जायेगा। इससे पूर्व बाडमेर शिक्षा परिवार की और से अतिथियो का साफा व माला पहनाकर स्वागत किया गया। स्वागत भाषण बाडमेर जिलाध्यक्ष मगराज कडवासरा द्वारा व्यक्त किया गया। कार्यक्रम का संचालन हरिश जांगिड ने किया। आनन्द जे थोरी द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर नारायणदास खत्री, सुरेश जाटोल, मोहनसिंह, बन्नाराम बेनिवाल, ईश्वर खत्री, केसूराम जैलिया, मेवाराम पंवार, डूंगराराम, सेंवराराम बैरड़, गंगाराम चौधरी, जबार खान जालोर, अशोक प्रजापत, बालहंस जसोल, बालाराम सुभाष त्रिलोकाराम सेंवर, खेतसिंह, रूपाराम देवासी, संदीप गौड़, नरपतसिंह, ललितपाल सिंह सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

आयोजित हुआ स्नेह मिलन समारोह

इस दौरान जिले के निजी विद्यालय संचालको का अनिल शर्मा के मुख्य आतिथ्य में स्नेह मिलन समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें जिले भर के सैकडो संचालको ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। वहीं हर ब्लाॅक स्तर पर ऐसे आयोजन करने की बात कही।

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