सोमवार, 11 जुलाई 2016

जैसलमेर न्याय के लिए कलेक्ट्रेट की सीढिय़ों तक पहुंचे पाक विस्थापित

जैसलमेर न्याय के लिए कलेक्ट्रेट की सीढिय़ों तक पहुंचे पाक विस्थापित
न्याय के लिए कलेक्ट्रेट की सीढिय़ों तक पहुंचे पाक विस्थापित

जैसलमेर. जिले की नेहड़ाई ग्राम पंचायत के अंतर्गत सरकारी जमीन पर पिछले 10-12 वर्षों से निवासरत भील समुदाय के 50 से अधिक परिवारों के लोगों ने सोमवार को जिला कलक्टर कार्यालय की सीढिय़ों पर धरना दे दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में सताए जाने के बाद वे लोग वर्षों पहले भारत की सरजमीं पर आकर बसे और उनकी पीड़ाओं का अंत भारत की नागरिकता और मताधिकार संपन्न होने के बाद भी नहीं हुआ है। इन ग्रामीणों का कहना है कि जहां वे लोग बसे हुए हैं, उन्हें वहां से हटाने के लिए नेहड़ाई गांव के कुछ लोगों ने परेशान करना शुरू कर दिया है।इस संबंध में जिला प्रशासन से कईबार गुहार लगाए जाने के बाद भी जब उनकी सुनवाई नहीं हुई तो वे सोमवार को कलक्टर कार्यालय की सीढिय़ों पर डटकर बैठ गए। थोड़ी देर में पुलिस ने वहां से लोगों को हटाया जिनमें बड़ी सं या में महिलाएं शामिल थी। दूसरी ओर इन पाक विस्थापित परिवारों के विरोध में कलेक्ट्रेट के सामने ही नेहड़ाई पंचायत क्षेत्र के लोगों ने धरना शुरू किया हुआ है।

पहले बसाया, अब हटा रहे

विस्थापित भील समुदाय के लोगों ने समझाइश करने आए उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर बताया कि वे लोग नहरी क्षेत्र में काश्तकारी करते हैं तथा उन्होंने पहले स्थाई निवास के लिए नेहड़ाई के पास खालतों की ढाणी के पास रहने का प्रयास किया, जहां से उन्हें ग्रामीणों ने हटा दिया। पूर्व दिशा में रहने का प्रयास करने पर उन्हें वहां से भी हटवा दिया गया। ज्ञापन में बताया गया कि पूर्वसरपंच तनेरावसिंह व ग्रामीणों ने एकमत होकर नेहड़ाई से ४ किमी दूर खाली पड़ी सरकारी जमीन पर रहने के लिए कहा, जहां वे लोग अपने घर व झोपडिय़ां बनाकर गत 10-12 वर्ष से रह रहे हैं। इस जगह से भी ग्रामीण भील समुदाय के लोगों से हटने के लिए कह रहे हैं। जबकि उक्त परिवारों के सदस्यों के मतदाता परिचय पत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड आदि इसी जगह के पते पर बने हुए हैं।

जाएं तो कहां जाएं

बार-बार बसने-उजडऩे की प्रक्रिया से गुजर रहे इन पाक विस्थापितों ने ‘पत्रिका’ के साथ बातचीत में कहा कि वर्तमान में हम जहां रह रहे हैं, वहां पानी की टंकी तथा उनकी श्मशान भूमि भी है, जिन लोगों ने पहले हमें वहां रहने के लिए कहा था, अब वे ही लोग हटने के लिए कह रहे हैं तथा उनके घरों पर नोटिस चस्पा कर 13 जुलाई तक नहीं हटने पर कानूनी कार्रवाई किए जाने की धमकियां दे रहे हैं।

इन्होंने कहा

पूर्व में नागरिकता के लिए पाक विस्थापितों ने संघर्ष किया, अब आवास को लेकर परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। प्रशासन को चाहिए कि वे संबंधित लोगों की पीड़ा को समझे और उन्हें राहत दिलाने का प्रयास करें।

-हिन्दूसिंह सोढ़ा, अध्यक्ष, सीमान्त लोक संगठन, जोधपुर

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